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सुप्रीम कोर्ट का था आदेश-बिहार में तैयार हआ नियोजित शिक्षकों का नया वेतनमान

पटना [जेएनएन]। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर  नियोजित शिक्षकों का नया वेतनमान पैकेज तैयार हो गया है।मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने शिक्षक संगठनों और विभाग के सुझावों को ध्यान में रखते हुए फाइनल रिपोर्ट तैयार कर ली है।

यह रिपोर्ट 15 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई से पहले सुप्रीम कोर्ट में फाइल कर दी जायेगी। फिलहाल रिपोर्ट पर राज्य सरकार की मुहर का इंतजार है। उपचुनाव के बाद किसी भी दिन राज्य सरकार की मुहर लगते ही रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में फाइल कर दी जायेगी।

नियोजित शिक्षकों के वेतनमान की नयी संरचना तय  करने में 3640 सुझावों को परखा गया, जबकि कई राज्यों में शिक्षकों को मिलने  वाले वेतन पैटर्न का अध्ययन भी किया गया।शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव  आरके महाजन ने बताया कि वेतनमान की फाइनल रिपोर्ट तैयार है।

अगली सुनवाई  से पहले उसे सुप्रीम कोर्ट में फाइल कर दिया जायेगा। मालूम हो कि शिक्षक संगठनों द्वारा दायर एक मामले में 29 जनवरी, 2017 को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नियोजित शिक्षकों के वेतनमान को लेकर मुख्य सचिव स्तर के तीन अधिकारियों के कमेटी की रिपोर्ट तलब की थी।

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इसके बाद सरकार ने मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह और गृह सचिव आमिर सुबहानी की तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी, जिसने कई बैठकों के बाद नियोजित शिक्षकों के वेतनमान पैकेज को अंतिम रूप दे दिया है।

 सरकार शिक्षकों का नियमित वेतन भुगतान शीघ्र सुनिश्चित कराएगी। विधान परिषद में संसदीय कार्य व शिक्षा विभाग के प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने शुक्रवार को सदन को यह भरोसा दिया।

दरअसल, सर्वाधिक अल्पसूचित और तारांकित प्रश्न शिक्षा विभाग से संबंधित थे। सत्तापक्ष के नवल किशोर यादव, संजीव कुमार सिंह, दिलीप चौधरी, देवेश ठाकुर समेत कई सदस्यों ने शिक्षकों के वेतन भुगतान, कॉलेज की कार्यप्रणाली पर सरकार को घेरा।

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पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि शिक्षा की हालत राज्य में क्या हो गई है। भाजपा और जदयू के लोगों का शिक्षा के मुद्दे पर आमने-सामने आना पोल खोल रही है। कॉलेज शिक्षकों की इतनी ज्यादा कमी है, तो इन्हें बहाली करने से कौन रोक रहा है. बहाली की प्रक्रिया जल्द शुरू करनी चाहिए।

शिक्षा की बदतर स्थिति के कारण पूरे देश में बिहार की छवि खराब हो रही है। संजीव कुमार सिंह के तारांकित प्रश्न का जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सभी स्तर के शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए सरकार की तरफ से लगातार पैसे जारी किए गए हैं। अगर किसी जिले में शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिला है, तो इस मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

मंत्री जवाब पर पूरक प्रश्न के जरिए संजीव कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षकों का पिछले तीन से चार महीने का वेतन बकाया है। राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के हाईकोर्ट का इस मामले में एक अहम फैसला है, जिसमें समय पर शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने पर उन्हें बाद में सूद समेत वेतन भुगतान करने का आदेश है।

जितने दिन की देरी होगी, सरकार को उतने समय का ब्याज जोड़कर वेतन देना होगा।उन्होंने कहा कि इस तरह की व्यवस्था यहां भी लागू करने की जरूरत है।

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