समस्तीपुर । बिहार विद्यालय समिति द्वारा इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कर रहे शिक्षा कर्मियों ने बोर्ड द्वारा जारी कतिपय निर्देशों के खिलाफ शुक्रवार को जिले के तीन अलग-अलग मूल्यांकन केन्द्रों पर कार्य का बहिष्कार किया।
बहिष्कार कर रहे शिक्षा कर्मियों का कहना है कि परीक्षा समिति द्वारा पारिश्रमिक की राशि में 10 प्रतिशत की कटौती कर उसका भुगतान परीक्षाफल के प्रकाशन के बाद करने से शिक्षा कर्मियों का आक्रोश चरम पर है। बताया गया है कि बोर्ड द्वारा अधिकतम 50 से 70 परीक्षा पुस्तिकाएं प्रतिदिन देखने के आदेश जारी किया गया। जिससे आक्रोशित होकर शिक्षकों ने जगह-जगह मूल्यांकन का बहिष्कार किया। वित्तरहित संघर्ष मोर्चा के बैनरतले आरएनआर महाविद्यालय परिसर में मूल्यांकन का बहिष्कार कर रहे परीक्षकों ने आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मूल्यांकन केन्द्र के बाहर तालाबंदी करते हुए राज्य सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि विगत वर्ष दर्जनों परीक्षकों को मूल्यांकन कार्य का पारिश्रमिक भुगतान नहीं किया गया है। वहीं विगत वर्ष तुलना इस बार उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन का पारिश्रमिक भी कम दिया जा रहा है। साथ ही पारिश्रमिक में 10 प्रतिशत की कटौती भी की जा रही है। इससे मूल्यांकन कर रहे शिक्षा कर्मियों में काफी आक्रोश है। नेतृत्व डॉ. विमलेंदु कुमार ने किया। मौके पर प्रो. विनय बिहारी राय, डॉ. विमल राय, डॉ. नंद कुमार ¨सह, प्रो. यशवंत कुमार झा, प्रो: अमरनाथ चौधरी, प्रो. अशोक कुमार, कुमारी इंदु सिन्हा, प्रो. प्रेम कुमार, प्रो. धर्मेश कुमार चौधरी, प्रो. उषा कुमारी, प्रो. आशा कुमारी, प्रो. माधवी कुमारी, प्रो. जयप्रकाश साह, प्रो. सूर्यनदंन प्रसाद, डॉ. अनिल कुमार ¨सह, डॉ. सुधीर कुमार, प्रो. संजीव कुमार, मीरा कुमारी, प्रो. सामंत कुमार, प्रो. अवधेश कुमार, प्रो. उदय कुमार, आदि शामिल रहे। इधर वित्तरहित शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ जिला इकाई तथा नियोजित शिक्षकों ने संयुक्त रूप से आरएसबी इंटर स्कूल केन्द्र पर मूल्यांकन का बहिष्कार किया। इसके उपरांत जिला सचिव प्रो. राधवेन्द्र ठाकुर की अध्यक्षता में एक विरोध सभा हुई। सभा को संबोधित करते हुए जिला सचिव ने शिक्षकों से परीक्षा नियंत्रण के निर्देश का विरोध करने की बात कही। उन्होंने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का निर्देश शिक्षकों का अपमान और शोषण है। प्रवीण कुमार प्रेम ने कहा कि बोर्ड द्वारा इस बार इंटर कॉपी के मूल्यांकन में पहले ही पारिश्रमिक को 18 से 15 रुपये प्रति कॉपी पारिश्रमिक की बात कही। फिर 10 प्रतिशत पारिश्रमिक कटौती का निर्देश भी जारी कर दिया है। बोर्ड के इस फैसले पर मूल्यांकन में लगे शिक्षा कर्मियों ने आक्रोश व्यक्त किया। मौके पर उमेश कुमार, डॉ. हरिओम शाही, प्रो. राजेश कुमार, प्रो. गणेश प्रसाद यादव, प्रो. रामबाबू रजक, प्रो. हरिचंद्र राय, प्रो. अर¨वद कुमार, प्रो. मदन पाण्डेय समेत दर्जनों शिक्षक शामिल रहे। समस्तीपुर कॉलेज मूल्यांकन केन्द्र पर बिहार इंटरमीडिएट शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ के बैनरतले शिक्षा कर्मियों ने मूल्यांकन का बहिष्कार किया। शिक्षा कर्मियों की एक सभा हुई। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने वक्ताओं ने कहा कि बिहार विद्यालय पर क्षा समिति द्वारा तुगलगी फरमान से शिक्षक समुदाय आहत हैं। शिक्षक संघ के सचिव डॉ. प्रभात कुमार ने परीक्षकों को पारिश्रमिक की शत प्रतिशत राशि का भुगतान करने की मांग की। मौके पर महासंघ के जिला सचिव उमेश कुमार, शोभा कुमारी, लीला कुमारी, कंचन कुमारी, शिव शंकर राय, सपन कुमार वर्मा, शशिकांत कुमार, ब्रजनंदन राय, अशोक कुमार साह आदि शामिल रहे।
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नियंत्रक को भेजा आवेदन
इंटरमीडिएट परीक्षा के उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में प्रधान परीक्षक और सह परीक्षकों के पारिश्रमिक में 10 प्रतिशत की कटौती तथा 70 प्रतिशत कॉपियों नहीं देखने के संबंध में इंटरमीडिएट शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ जिला इकाई ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को आवेदन भेजा है। आवेदनकर्ताओं में शिवशंकर राय, शशिकांत कुमार, उमेश कुमार, अशोक कुमार, प्रो. ब्रजनंदन राय आदि शामिल हैं।
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