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लंबित मांगों को लेकर नियोजित शिक्षकों का आमरण अनशन शुरू

किशनगंज। 12 सूत्री लंबित मांगों को लेकर बुधवार से नियोजित शिक्षकों ने टाउन हाल के समीप आमरण अनशन शुरु कर दिया है। अनशन पर बैठे शिक्षकों का कहना है कि मांगें लंबित रहने के कारण उनके सामने आर्थिक कठिनाई उत्पन्न हो गई है।
इस मांगों को पूरा करने के लिए जिला शिक्षा विभाग को 18 नवंबर तक का समय दिया गया था। लेकिन तय निर्धारित तिथि तक मांगें पूरी नही होने के कारण बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के बैनर तले आमरण अनशन पर बैठने पर मजबूर हो गए।
संघ के जिलाध्यक्ष रागीबुर रहमान ने कहा कि नियोजित शिक्षक अपना अध्यापन कार्य ईमानदारी पूर्वक करते आ रहे हैं। लेकिन शिक्षा विभाग की दोषपूर्ण नीति और कार्यालय कर्मियों की मनमानी रवैए के कारण नियोजित शिक्षक के साथ शिक्षा व्यवस्था भी दलदल में फंसती जा रही है। अपने लंबित मांगों का लेकर शिक्षक संघ द्वारा कई बार लिखित और मौखिक वार्ता भी की गई है। इसके बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा अब तक किसी भी समस्याओं का सामाधान नही किया गया। हमेशा ही आवंटन की राशि नही आने की बात कह कर टाल मटोल की नीति अपनाती रही है।

वहीं संघ के जिला प्रधान सचिव पंकज कुमार ने कहा कि विभाग के पास राशि रहने के बावजूद नियोजित शिक्षकों को समय पर वेतन नही मिलना अत्यंत ही ¨चता का विषय है। साथ ही 2013 से लेकर 2015 तक का दक्षता और संवर्धन एरियर बकाया है। पिछले तीन वर्षों से महिला नियोजित शिक्षकों को मातृत्व अवकाश और चिकित्सा अवकाश का एरियर लंबित है। साथ ही कई अन्य मांगे हैं। जब तक लंबित मांगे पूरी नही होती तब तक नियोजित शिक्षक आमरण अनशन पर बैठे रहेंगे। इस अनशन में बड़ी संख्या नियोजित शिक्षक शामिल हो रहे हैं।

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