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शिक्षा विभाग में वेतन घोटाला उजागर

लखीसराय। जिले का शिक्षा विभाग अपनी कारगुजारियों लेकर हमेशा से सुर्खियों में रहा है। ताजा मामला वेतन भुगतान में घोटाला का है। जिले के चानन प्रखंड के इटौन पंचायत अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय हरिजन टोला में एक शिक्षिका को उसकी नियुक्ति के पहले से ही वेतन का भुगतान कर दिया गया है।
विद्यालय की एक शिक्षिका की शिकायत पर जब डीपीओ स्थापना ने इसकी जांच कराई तो पूरे मामले का सच सामने आ गया। इस मामले के जांच पदाधिकारी पिपरिया के बीईओ रामचंद्र प्रसाद विमल ने विगत 11 नवंबर को चार पन्ने में तैयार जांच रिपोर्ट डीपीओ स्थापना को सौंपी है।
शिक्षिका की शिकायत पर खुला राज
विद्यालय की शिक्षिका नूतन कुमारी ने डीपीओ स्थापना को आवेदन देकर शिकायत की थी कि विद्यालय प्रधान सौरभ कुमार राम ने जालसाजी एवं धोखाधड़ी करके मुझे वर्ष 2010 से फरवरी 2017 तक का वेतन भुगतान करवाया है। जबकि मेरी बहाली 2016 में हुई है। सौरभ ने 2010 से ही जोड़कर वेतन दिलवाने के लिए विभागीय मैनेज करने के नाम पर अपनी पत्नी मोनी कुमारी एवं एक अन्य शिक्षक चंदन कुमार के नाम से छह चेक के माध्यम से कुल पांच लाख 40 हजार रुपये उससे लिया। शिक्षिका ने प्रधान सौरभ पर सर्विस बुक एवं नियुक्ति पत्र भी ले लेने का आरोप लगाया है।
जांच में मिली नूतन नाम की दो शिक्षिका
मुंगेर जिला के दौलतपुर, जमालपुर की रहने वाली जिस नूतन कुमारी नाम की शिक्षिका की शिकायत पर डीपीओ स्थापना ने बीईओ पिपरिया को जांच के लिए जब विद्यालय भेजा तो वहां एक और नूतन कुमारी नाम की शिक्षिका मिली। दूसरी नूतन बड़हिया प्रखंड के डुमरी की रहने वाली है। बीईओ ने जब शिकायतकर्ता शिक्षिका नूतन से बैंक पासबुक एवं नियोजन संबंधित अभिलेख की मांग की तो वह जांच पदाधिकारी को कोई भी कागजात उपलब्ध नहीं करा सकी। विद्यालय में प्रधान सौरभ कुमार के अलावा अन्य शिक्षक संघर्ष राज, चंदन कुमार एवं नूतन कुमारी (द्वितीय) एक साथ हाजरी बनाते हैं जबकि शिकायतकर्ता नूतन दूसरे रजिस्टर पर अलग से हाजरी बनाती है।और वह करीब डेढ़ वर्षों से विद्यालय आ रही है लेकिन दूसरी नूतन कुमारी 12 सितंबर 2017 से आ रही है। बीईओ ने जब दोनों नूतन में असली-नकली की पहचान के लिए नियोजन इकाई एवं बीईओ चानन से जानकारी मांगी तो इन दोनों शिक्षिका के अलावा उक्त विद्यालय एवं पंचायत के किसी शिक्षक के नियोजन से संबंधित अभिलेख नहीं मिले।
राशि वसूली की अनुशंसा
जांच पदाधिकारी ने डीपीओ को दिए रिपोर्ट में खुलासा किया है कि विद्यालय प्रधान सौरभ कुमार घालमेल कर शिक्षिका नूतन का वेतन भुगतान नियुक्ति से छह वर्ष पूर्व से ही कराया है। वेतन भुगतान में उपस्थिति विवरणी व बीईओ की रिपोर्ट की मांग भी डीपीओ स्थापना कार्यालय से वेतन भुगतान के क्रम में नहीं किया गया। रिपोर्ट में भुगतान की गई वेतन राशि की वसूली करने की अनुशंसा जांच पदाधिकारी ने की है।
डीपीओ ने सभी शिक्षकों का किया वेतन बंद

इस संबंध में डीपीओ स्थापना विजय कुमार मिश्रा ने बताया कि धोखाधड़ी व जालसाजी कर वेतन मद में रुपये निकाले जाने के मामले की गहन जांच के बाद कार्रवाई की जा रही है। तत्काल प्राथमिक विद्यालय हरिजन टोला इटौन के प्रधान शिक्षक सौरभ कुमार सहित पंचायत के सभी शिक्षकों का वेतन बंद कर दिया गया है। शिक्षकों का नियोजन ही संदिग्ध है। ऐसे में वेतन का भुगतान कैसे हुआ इसकी भी पड़ताल की जा रही है।

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