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शिक्षकों की कमी प्रभावित करेगा मैट्रिक व इंटर का रिजल्ट

कटिहार। मैट्रिक व इंटर की परीक्षा तिथि की घोषणा के बीच जिले के माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय में तालीम पा रहे बच्चों की बेचैनी बढ़ गई है। परीक्षा समिति द्वारा कदाचारमुक्त परीक्षा संचालन को लेकर कई बदलाव किए गए हैं।
अबकी माध्यमिक व इंटर की परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों के लिए सेंटअप परीक्षा की भी घोषणा कर दी गई है। परीक्षा में लगातार हो रहे बदलाव के बीच स्कूलों में पढ़ाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण माध्यमिक व इंटर की परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों की बेचैनी बढ़ गई है।
विद्यालयों में शिक्षकों का टोटा रहने के कारण बच्चों की पढ़ाई लगातार प्रभावित हो रही है। पिछले सत्र में भी मैट्रिक व इंटर की परीक्षा में बिना पढ़े बच्चों ने परीक्षा दी थी। इस कारण परीक्षा परिणाम प्रभावित होने के बाद अभिभावक व बच्चों में काफी आक्रोश था। अबकी भी यही आलम बरकरार है। ऐसे में परीक्षा परिणाम प्रभावित होने की संभावना से बच्चे निजी को¨चग का रुख करने लगे हैं। जिले में माध्यमिक व प्लस टू विद्यालय के शिक्षक व छात्रों का अनुपात मानक से तीन गुना के बराबर है। ऐसे विषयवार शिक्षकों की व्यवस्था नहीं रहने के कारण पठन-पाठन प्रभावित होता है।
भगवान भरोसे गणित व विज्ञान की पढ़ाई
अधिकांश विद्यालयों में गणित और विज्ञान के शिक्षकों की कमी है। नियोजन की प्रक्रिया के बाद भी शिक्षकों की कमी को पूरी तरह दूर नहीं किया जा सका है। ऐसे में विषयवार तैयारी नहीं हो पा रही है। कई प्लस टू विद्यालय में एक शिक्षक के भरोसे सभी विषयों की पढ़ाई हो रही है। गणित, विज्ञान व संस्कृत जैसे अंक पूरक विषयों के शिक्षकों का टोटा बेहतर रिजल्ट को लगातार प्रभावित कर रहा है। पिछले सत्र में भी मैट्रिक व इंटर का परीक्षा परिणाम बेहतर नहीं रहा था। इसके बाद परीक्षा समिति द्वारा शिक्षा व्यवस्था में सुधार को एक्शन प्लान तैयार किया गया था और सभी डीईओ को इसको लेकर निर्देशित किया गया था। लेकिन तैयार एक्शन प्लान धरातल पर नहीं उतर पाया है।
परीक्षा की घोषणा के साथ ही आती है को¨चग संस्थानों की बाढ़ परीक्षा की घोषणा के साथ ही जिले में को¨चग संस्थानों की बाढ़ आ जाती है। इन संस्थानों द्वारा बच्चों से तैयारी के लिए मोटी रकम वसूली जाती है। साथ ही महज दो माह में पूरी तैयारी का दावा भी किया जाता है। शिक्षकों की कमी के कारण को¨चग संचालक इसका भरपूर फायदा उठाते हैं, लेकिन बच्चों की शिक्षा पूरी तरह प्रभावित होती है। शिक्षकों की कमी के कारण लगातार परीक्षा परिणाम प्रभावित होता है, लेकिन इस दिशा में सकारात्मक पहल नहीं हो पा रही है। जबकि क्रैस कोर्स और शत-प्रतिशत सफलता की गारंटी लेकर को¨चग संस्थान बच्चों से मनमाना फीस वसूल करते हैं।
बच्चों की परेशानी चरम पर :

परीक्षा को लेकर बच्चों की परेशानी चरम पर है। परीक्षा की घोषणा के साथ ही उनके हाथ-पांव फूलने लगे हैं। मैट्रिक की परीक्षा में सम्मलित होने वाले छात्रों का कहना है कि उनका पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पाया है। जबकि उच्च माध्यमिक विद्यालयों में सेंटअप परीक्षा की शुरुआत होने वाली है। छात्र विनोद, आशु, दीपक, सोनल, गुड़िया, दिप्ती आदि ने बताया कि स्कूल में शिक्षकों की की है। इसके कारण सिलेबस के अनुसार पढ़ाई नहीं हो पाई है। किसी तरह वे खुद से तैयारी कर रहे हैं। सिलेबस पूरा करने के लिए वे को¨चग संस्थान में दाखिला ले रहे हैं।

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