बगहा। समान काम के बदले सामान वेतन को लेकर हाईकोर्ट के आदेश को नहीं मानने
वाले बिहार सरकार के खिलाफ जोरदार कदम उठाने के लिए ठकराहा प्रखंड के
नियोजित शिक्षकों की एक बैठक संकुल संसाधन केंद्र में हुई।
सरकार के खिलाफ संघ द्वारा बनाये गए नीतियों का समर्थन करने एवं चरणबद्ध आंदोलन की रूप रेखा पर विचार विमर्श किया गया। बैठक में प्राथमिक शिक्षक संघ के अंचल सचिव राकेश कुमार ने कहा कि शिक्षकों के पक्ष में उच्च न्यायालय के न्यायदेश को सरकार मानने को तैयार नहीं है । अब सरकार से हमारी लड़ाई आर पार की है । हमें संघ का साथ देते हुए सरकार के खिलाफ कार्य करने होंगे । वही संघ के अध्यक्ष अशोक राय ने कहा कि 20 नवम्बर से रोमन स्ट्राइक पर बैठेंगे साथ ही संघ के दिशा निर्देश का पालन करेंगे ।बैठक में शिक्षक शशि तिवारी , प्रभातरंजन मिश्र , शंभुशरण कुशवाहा , संजय पाण्डेय ,रामानुज ¨सह ,सुधीर कुमार ,उमेश कुमार आदि उपस्थित रहे । बैठक में वेतन नहीं मिलने से हो रही परेशानी का भी जिक्र करते हुए शिक्षकों ने कहा कि अधिकारियों को सिर्फ ड्यूटी एवं गुणवत्ता शिक्षा की भूख है। वे ये नहीं जानते कि जिन शिक्षकों पर इस तरह की कड़ाई की जा रही है , उनके बाल - बच्चे भूखे हैं। उनके तन पर कपड़े नहीं है। बीमार शिक्षक का इलाज नहीं हो रहा है। अधिकारियों की यह रूप देख शिक्षकों को निर्णय लेने की आवश्यकता है।
सरकार के खिलाफ संघ द्वारा बनाये गए नीतियों का समर्थन करने एवं चरणबद्ध आंदोलन की रूप रेखा पर विचार विमर्श किया गया। बैठक में प्राथमिक शिक्षक संघ के अंचल सचिव राकेश कुमार ने कहा कि शिक्षकों के पक्ष में उच्च न्यायालय के न्यायदेश को सरकार मानने को तैयार नहीं है । अब सरकार से हमारी लड़ाई आर पार की है । हमें संघ का साथ देते हुए सरकार के खिलाफ कार्य करने होंगे । वही संघ के अध्यक्ष अशोक राय ने कहा कि 20 नवम्बर से रोमन स्ट्राइक पर बैठेंगे साथ ही संघ के दिशा निर्देश का पालन करेंगे ।बैठक में शिक्षक शशि तिवारी , प्रभातरंजन मिश्र , शंभुशरण कुशवाहा , संजय पाण्डेय ,रामानुज ¨सह ,सुधीर कुमार ,उमेश कुमार आदि उपस्थित रहे । बैठक में वेतन नहीं मिलने से हो रही परेशानी का भी जिक्र करते हुए शिक्षकों ने कहा कि अधिकारियों को सिर्फ ड्यूटी एवं गुणवत्ता शिक्षा की भूख है। वे ये नहीं जानते कि जिन शिक्षकों पर इस तरह की कड़ाई की जा रही है , उनके बाल - बच्चे भूखे हैं। उनके तन पर कपड़े नहीं है। बीमार शिक्षक का इलाज नहीं हो रहा है। अधिकारियों की यह रूप देख शिक्षकों को निर्णय लेने की आवश्यकता है।