पटना [राज्य ब्यूरो]। शिक्षा विभाग ने जिलों से वैसे नियोजित शिक्षकों
का ब्योरा तलब किया है जिन्होंने तीन बार दक्षता परीक्षा दी परन्तु पास
नहीं हो सके। विभाग की ओर से सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को 30 नवंबर
तक संबंधित जानकारी मुख्यालय को मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं।
पिछले दिनों सर्वोच्च न्यायालय ने नियोजित शिक्षकों की एक अपील पर सुनवाई करते हुए बिहार सरकार को निर्देश दिए थे कि वह तीन बार दक्षता परीक्षा फेल शिक्षकों को सेवा मुक्त करने के पूर्व इन्हें एक और मौका दें।
कोर्ट के निर्देश के बाद विभाग ने ऐसे शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की है। विभाग का अनुमान है कि ऐसे शिक्षकों की संख्या ढ़ाई से तीन सौ के बीच हो सकती है।
सूत्रों ने बताया कि शिक्षकों को छह महीने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। छह महीने के प्रशिक्षण के बाद इन शिक्षकों को एक बार फिर दक्षता परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा। यदि इस बार भी परीक्षा में शिक्षक फेल हो जाते हैं तो उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ जाएगा।
यहां बता दें कि नियोजित शिक्षकों की नियोजन नियमावली में 2012 में यह प्रावधान किए गए कि जो शिक्षक दो बार दक्षता परीक्षा पास नहीं कर सकेंगे, उन्हें सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा। इसके बाद नियोजित शिक्षकों ने पटना हाईकोर्ट में अपील की।
कोर्ट ने सरकार के फैसले पर स्टे लगा दिया। इसके बाद सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक के माध्यम से शिक्षकों को दक्षता परीक्षा पास करने का एक और मौका दिया। इसके लिए बकायदा नियमावली में संशोधन भी किए गए। 2016 में तीसरी बार भी बड़ी संख्या में शिक्षक दक्षता परीक्षा नहीं पास कर पाए।
इन्हें नौकरी से हटाया जाता इसके पूर्व परीक्षा फेल शिक्षक सर्वोच्च न्यायालय चले गए। जहां कोर्ट ने इन्हें एक और मौका देने का निर्देश सरकार को दिया था।
पिछले दिनों सर्वोच्च न्यायालय ने नियोजित शिक्षकों की एक अपील पर सुनवाई करते हुए बिहार सरकार को निर्देश दिए थे कि वह तीन बार दक्षता परीक्षा फेल शिक्षकों को सेवा मुक्त करने के पूर्व इन्हें एक और मौका दें।
कोर्ट के निर्देश के बाद विभाग ने ऐसे शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की है। विभाग का अनुमान है कि ऐसे शिक्षकों की संख्या ढ़ाई से तीन सौ के बीच हो सकती है।
सूत्रों ने बताया कि शिक्षकों को छह महीने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। छह महीने के प्रशिक्षण के बाद इन शिक्षकों को एक बार फिर दक्षता परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा। यदि इस बार भी परीक्षा में शिक्षक फेल हो जाते हैं तो उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ जाएगा।
यहां बता दें कि नियोजित शिक्षकों की नियोजन नियमावली में 2012 में यह प्रावधान किए गए कि जो शिक्षक दो बार दक्षता परीक्षा पास नहीं कर सकेंगे, उन्हें सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा। इसके बाद नियोजित शिक्षकों ने पटना हाईकोर्ट में अपील की।
कोर्ट ने सरकार के फैसले पर स्टे लगा दिया। इसके बाद सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक के माध्यम से शिक्षकों को दक्षता परीक्षा पास करने का एक और मौका दिया। इसके लिए बकायदा नियमावली में संशोधन भी किए गए। 2016 में तीसरी बार भी बड़ी संख्या में शिक्षक दक्षता परीक्षा नहीं पास कर पाए।
इन्हें नौकरी से हटाया जाता इसके पूर्व परीक्षा फेल शिक्षक सर्वोच्च न्यायालय चले गए। जहां कोर्ट ने इन्हें एक और मौका देने का निर्देश सरकार को दिया था।