पटना : इंटरमीडिएट की परीक्षा में जीरो रिजल्ट देने वाले स्कूलों के
प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी
है. अरवल समेत जमुई, शिवहर, रोहतास, वैशाली, जहानाबाद और नवादा जिले के
जिला शिक्षा पदाधिकारियों से जीरो रिजल्ट देने वाले स्कूलों के
प्रधानाध्यापक व शिक्षक से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया है.
माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजीव प्रसाद सिंह रंजन ने अरवल के डीईओ को 20
नवंबर तक स्पष्टीकरण भेजने का निर्देश दिया है. ऐसे में सरकार द्वारा गठित
स्क्रीनिंग समिति की रिपोर्ट के अनुसार जिन स्कूलों में संबंधित विषय का
शून्य रिजल्ट रहा है, वहां के 50 साल की उम्र पार वाले प्रधानाध्यापक व
शिक्षकों के खिलाफ बिहार सेवा संहिता के अनुसार कार्रवाई की जायेगी और
अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जायेगी.
यहां शून्य रहा रिजल्ट
जमुई में एक स्कूल, शिवहर एक स्कूल, रोहतास एक स्कूल, वैशाली चार
स्कूल, जहानाबाद पांच स्कूल, नवादा चार स्कूल तीन बार दक्षता परीक्षा में
फेल का मांगा गया ब्योरा शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी जिलों से तीन बार
दक्षता परीक्षा में फेल नियोजित शिक्षकों का ब्योरा मांगा है. प्राथमिक
शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों के डीईओ को 30 नवंबर तक इसकी जानकारी दे देने
का निर्देश दिया है.
मिलेगा चार माह का वेतन : 3.23 लाख नियोजित शिक्षकों को नवंबर महीने
के अंत तक उनका तीन से चार महीने का बकाया वेतन मिल जायेगा. शिक्षा विभाग
के 2600 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने अपनी मंजूरी दे दी है.