मुंगेर। बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षकों की
विभाजनकारी नीतियों पर विरोध करते हुए सामान काम के लिए समान वेतन एवं
सेवाशर्त को लागू करने की मांग को लेकर आगामी 20 नवंबर को शिक्षक सांकेतिक
हड़ताल पर रहेंगे।
जानकारी देते हुए मुंगेर जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधि राकेश कुमार पासवान ने बताया कि विगत जुलाई 15 से निम्न कोटि के वेतनमान की स्वीकृति देकर निमित्त और नियोजित के बीच प्रतिस्पर्धात्मक खाई को पाटने के बजाए अत्यधिक गहरी खाई कर दी गई है। उक्त परिप्रेक्ष्य में समाजवाद के सिद्धांत के साथ समता एवं समानता के अधिकार का भी अपहरण कर लिया गया है। उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के अनुशंसित आदेश को भी नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति एवं नियुक्तिकर्ता का हवाला देकर सरकारी शिक्षक नहीं मानने के लिए उच्चतम न्यायालय में अर्जी दायर करने की फिराक में हैं। उसी स्थिति में अन्य संगठनों की भांति 31 अक्टूबर 2017 के पारित अनुशंसित आदेश के अनुपालन में विलंब एवं चालू प्रवृत्ति को देखते हुए नैतिक समर्थन के बदले व्यावहारिक समर्थन का मार्ग प्रशस्त करते हुए आगामी 20 नवंबर को सांकेतिक हड़ताल का निर्णय लिया गया है। सभी शिक्षकों का दायित्व बनता है कि अपने साथ कार्यरत नियोजित शिक्षकों के अभिभावक स्वरूप बनकर सांकेतिक हड़ताल की सफलता के लिए प्रेरित किया जाए। इस सांकेतिक हड़ताल की सफलता के मूल्यांकन के उपरांत ही आंदोलन के अगले कार्यक्रम के लिए कारगर कदम उठाए जा सकेंगे। इसके अतिरिक्त नियमित शिक्षकों के साथ साथ प्रखंड व जिला स्तर के पदाधिकारियों, क्षेत्रीय विधायक, विधान पार्षद, गणमान्य नागरिक, बुद्धिजीवी वर्ग, शिक्षा प्रेमी अभिभावक, किसानों-मजदूरों एवं अन्य स्वयंसेवी संगठनों से भी समर्थन एवं सहयोग की अपील की है।
जानकारी देते हुए मुंगेर जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधि राकेश कुमार पासवान ने बताया कि विगत जुलाई 15 से निम्न कोटि के वेतनमान की स्वीकृति देकर निमित्त और नियोजित के बीच प्रतिस्पर्धात्मक खाई को पाटने के बजाए अत्यधिक गहरी खाई कर दी गई है। उक्त परिप्रेक्ष्य में समाजवाद के सिद्धांत के साथ समता एवं समानता के अधिकार का भी अपहरण कर लिया गया है। उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के अनुशंसित आदेश को भी नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति एवं नियुक्तिकर्ता का हवाला देकर सरकारी शिक्षक नहीं मानने के लिए उच्चतम न्यायालय में अर्जी दायर करने की फिराक में हैं। उसी स्थिति में अन्य संगठनों की भांति 31 अक्टूबर 2017 के पारित अनुशंसित आदेश के अनुपालन में विलंब एवं चालू प्रवृत्ति को देखते हुए नैतिक समर्थन के बदले व्यावहारिक समर्थन का मार्ग प्रशस्त करते हुए आगामी 20 नवंबर को सांकेतिक हड़ताल का निर्णय लिया गया है। सभी शिक्षकों का दायित्व बनता है कि अपने साथ कार्यरत नियोजित शिक्षकों के अभिभावक स्वरूप बनकर सांकेतिक हड़ताल की सफलता के लिए प्रेरित किया जाए। इस सांकेतिक हड़ताल की सफलता के मूल्यांकन के उपरांत ही आंदोलन के अगले कार्यक्रम के लिए कारगर कदम उठाए जा सकेंगे। इसके अतिरिक्त नियमित शिक्षकों के साथ साथ प्रखंड व जिला स्तर के पदाधिकारियों, क्षेत्रीय विधायक, विधान पार्षद, गणमान्य नागरिक, बुद्धिजीवी वर्ग, शिक्षा प्रेमी अभिभावक, किसानों-मजदूरों एवं अन्य स्वयंसेवी संगठनों से भी समर्थन एवं सहयोग की अपील की है।