यक्ष-राजन, ये नियोजित शिक्षक किस प्रकार के शिक्षक हैं ? स्पष्ट करें.

यक्ष-राजन, ये नियोजित शिक्षक किस प्रकार के शिक्षक हैं ?स्पष्ट करें.
युधिष्ठिर-हे यक्ष महोदय!ये एक विशेष प्रकार के शिक्षक है जो अधिकाशतः आर्यावर्त के बिहार नामक प्रान्त में पाये जाते हैं.

यक्ष-राजन!इसके मुख्य कार्य क्या हैं? ये अपने कार्य को किस प्रकार संपादित करते हैं?
युधिष्ठिर-इनके मुख्य कार्य निर्धन बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है,परंतु इस कार्य को छोड़कर वे विभाग द्वारा निर्देशित अन्य सभी कार्यों का उत्तम रूप से निर्वाह करते हैं.
यक्ष-इनकी शैक्षणिक योग्यता क्या हैं?
युधिष्ठिर- योग्यता के सम्बन्ध में ये अन्य सभी सरकारी कर्मचारियों से बीस है.सरकार जो भी डिग्री की मांग करती है वे कुछ ही दिनों में उन्हें मुहैया करा देते हैं.
यक्ष-अर्थात्!
युधिष्ठिर-अर्थात् ये की ये डिग्री के मोहताज नहीं हैं.सारी डिग्रीयाँ इनके झोले में रहती हैं.मेट्रिक से लेकर पीएचडी तक!
यक्ष-तो ये विद्यालय का संचालन किस प्रकार करते है? बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे प्रदान करते हैं?

युधिष्ठिर-ये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को छोड़कर विद्यालय संचालन के अन्य सभी कार्यो को बखूबी अंज़ाम देते हैं.मध्याह्न भोजन,पोशाक-छात्रवृति राशि वितरण में इन्हें महारत हासिल हैं.
यक्ष-क्या इन कार्यों के बदले उन्हें पारिश्रमिक भी प्रदान की जाती है?
युधिष्ठिर-हाँ!परंतु अति अल्प मात्र में और बार-बार मांगने के पश्चात् मिलती है.सरकार सोचती है कि इन्हें पैसे की क्या ज़रुरत है?अगर होती तो ये इस कार्य को छोड़ अन्य कार्य करते.
तो इनकी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति कैसे होती है?
युधिष्ठिर-कुछ शिक्षक विद्यालय के अन्य मद से, कुछ शिक्षक ट्यूशन से, कुछ खेती-किसानी से तो कुछ व्यपार से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं.
यक्ष-इसका अर्थ तो ये है की शिक्षण तो इनका द्वितीयक कार्य है?
युधिष्ठिर-जी हाँ!जिस प्रकार सरकार इन्हें द्वितीय श्रेणी का शिक्षक समझती है,उसी प्रकार ये शिक्षण कार्य को भी द्वितीयक श्रेणी का कार्य समझते हैं.
यक्ष-पर मैंने सुना है की इनमे भी कुछ योग्य और निष्ठावान शिक्षक हैं,क्या वे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने को कटिबद्ध रहते हैं?
युधिष्ठिर-महोदय,ऐसे शिक्षक योग्यता के बावज़ूद भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान नहीं कर पाते हैं क्योंकि इनकी सारी चतुराई अपने और अपने परिवार के भविष्य की चिंता में खत्म हो जाती है.
यक्ष-क्या इन्हें उचित पारिश्रमिक प्रदान करने पर शिक्षा-तंत्र में सुधारहो सकता है?
युधिष्ठिर-नहीं! क्योंकि एक पीढ़ी की ग़लती की सज़ा बाद की तीन पीढ़ियों तक को मिलती है.
*लेखक*- * Rajeev kumar

Recent Articles


teacher recruitment , primary teacher vacancy , samvida shikshak , shikshak bharti , shikshak shikshak , atithi shikshak , shikshak bharti 2019 , shikshak bharti news today , shikshak bharti application , pavitra portal shikshak bharti 2019 , shikshak bharti merit list , shikshak bharti qualification , prathmik shikshak bharti , sahayak adhyapak bharti 2019 , sahayak adhyapak bharti pariksha 2019 , sahayak adhyapak bharti news , sahayak adhyapak bharti latest news , 12460 sahayak adhyapak bharti counselling , sahayak adhyapak bharti news today