पटना: यूनिवर्सिटी से जुड़े लाखों शिक्षकों और स्टाफ की सैलरी में बढ़ोतरी को गुरु पूर्णिमा यानी 9 जुलाई को हरी झंडी मिल सकती है.
क्या फायदा मिलेगा इस के तहत
इसके तहत 1 जनवरी 2016 से सैलरी में औसतन 15 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है. सूत्रों ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सभी केंद्रीय और राज्य से जुड़ी यूनिवर्सिटीज के अलावा केंद्र सरकार की फंडिंग वाले आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी समेत तकनीकी संस्थानों के शिक्षकों और अन्य स्टाफ की सैलरी में 15 फीसदी की बढ़ोतरी के लिए कैबिनेट से मंजूरी लेने को तैयार है. इस मसले पर बीते सोमवार को पीएमओ में भी चर्चा हुई थी. सैलरी में इस बढ़ोतरी से राज्य सरकार की फंडिंग वाले 7.5-8 लाख फैकल्टी और स्टाफ, सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के 30,000 एंप्लॉयीज और केंद्र सरकार की फंडिंग वाले तकनीकी संस्थानों के तकरीबन 30,000 एंप्लॉयीज को फायदा मिलेगा.
सरकार पर कितना बोझ आएगा
इस सैलरी बढ़ोतरी से सरकार पर तीन साल में 75,000 करोड़ रुपये का बोझ आएगा. 2006 में शिक्षकों के लिए आखिरी पे रिवीजन हुआ था और इससे उनका वेतन नौकरशाहों से ज्यादा हो गया था. उम्मीद है कि असिस्टेंट प्रोफेसर को एंट्री लेवल के नौकरशाह के मुकाबले बेसिक लेवल पर 1,600 रुपये ज्यादा वेतन
मिलेगा.
किन चीजों को मद्देनज़र रखा जाएगा
सेंट्रल यूनिवर्सिटीज और केंद्र सैलरी में बढ़ोतरी अगले तीन साल के लिए लागू होगी और 7वें पे कमीशन की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए शैक्षिक संस्थानों के लिए बढ़ोतरी औसतन 15 फीसदी होगी. सेवा शर्तों और अवधि का मुद्दा यूजीसी पर छोड़ दिया जाएगा.
हालांकि यूजीसी की तरफ से बनाई गई पे रिव्यू कमिटी ने इस सिलसिले में फरवरी में मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी थीं.बता दें कि इसमें स्टाफ और शिक्षकों की सैलरी में 20 फीसदी बढ़ोतरी की सिफारिश की गई थी.
क्या फायदा मिलेगा इस के तहत
इसके तहत 1 जनवरी 2016 से सैलरी में औसतन 15 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है. सूत्रों ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सभी केंद्रीय और राज्य से जुड़ी यूनिवर्सिटीज के अलावा केंद्र सरकार की फंडिंग वाले आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी समेत तकनीकी संस्थानों के शिक्षकों और अन्य स्टाफ की सैलरी में 15 फीसदी की बढ़ोतरी के लिए कैबिनेट से मंजूरी लेने को तैयार है. इस मसले पर बीते सोमवार को पीएमओ में भी चर्चा हुई थी. सैलरी में इस बढ़ोतरी से राज्य सरकार की फंडिंग वाले 7.5-8 लाख फैकल्टी और स्टाफ, सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के 30,000 एंप्लॉयीज और केंद्र सरकार की फंडिंग वाले तकनीकी संस्थानों के तकरीबन 30,000 एंप्लॉयीज को फायदा मिलेगा.
सरकार पर कितना बोझ आएगा
इस सैलरी बढ़ोतरी से सरकार पर तीन साल में 75,000 करोड़ रुपये का बोझ आएगा. 2006 में शिक्षकों के लिए आखिरी पे रिवीजन हुआ था और इससे उनका वेतन नौकरशाहों से ज्यादा हो गया था. उम्मीद है कि असिस्टेंट प्रोफेसर को एंट्री लेवल के नौकरशाह के मुकाबले बेसिक लेवल पर 1,600 रुपये ज्यादा वेतन
मिलेगा.
किन चीजों को मद्देनज़र रखा जाएगा
सेंट्रल यूनिवर्सिटीज और केंद्र सैलरी में बढ़ोतरी अगले तीन साल के लिए लागू होगी और 7वें पे कमीशन की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए शैक्षिक संस्थानों के लिए बढ़ोतरी औसतन 15 फीसदी होगी. सेवा शर्तों और अवधि का मुद्दा यूजीसी पर छोड़ दिया जाएगा.
हालांकि यूजीसी की तरफ से बनाई गई पे रिव्यू कमिटी ने इस सिलसिले में फरवरी में मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी थीं.बता दें कि इसमें स्टाफ और शिक्षकों की सैलरी में 20 फीसदी बढ़ोतरी की सिफारिश की गई थी.