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सरकार के किसी भी निर्णय से सबसे ज्यादा नुकसान, पूर्व से नियोजित अनट्रेंड ,TET पास ट्रेंड एव अनट्रेंड शिक्षको को ही हुआ

जहाँ तक मेरा मानना है, सरकार के किसी भी निर्णय से सबसे ज्यादा नुकसान, पूर्व से नियोजित अनट्रेंड ,TET पास ट्रेंड एव अनट्रेंड शिक्षको को ही हुआ है। अनट्रेंड को ग्रेड पे से वंचित रखना एव ट्रेंड को 2 साल की सेवा की बाध्यता। 7वें वेतन में भी कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिल रहा है।
7वें वेतन का निर्धारण ऐसी तिथि को रखी गयी है, जिसमे ट्रेंड शिक्षक जो वर्तमान में ग्रेड पे पा रहे है, वो फिर से ग्रेड पे से वंचित होने बाले है। सरकार ने शिक्षको को असमंजस में डाल दिया है और वे उहापोह में है। कोई भी संघ अभी तक इस उहापोह की स्थिति से ग्रेड पे पा रहे शिक्षको को उबार नही पायी है। इसलिए ऐसी स्थिति से निपटने के लिए मेरा एक सुझाव है की क्यों नहीं खुद आम शिक्षक * आम शिक्षक चौपाल * की छत्रछाया में आपस में सलाह मशवरा करके इस वेतन विसंगति के खिलाफ आबाज उठाकर, वेतन निर्धारण कमिटी या सक्षम पदाधिकारी से मिलकर इस पर धयनकर्षण किया जाय। ऐसा न हो की हमलोग संघ के आशा में बैठे रहकर एकबार फिर से ठगे जाय।------कहीं देर न हो जाये --------

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