मुजफ्फरपुर: फर्जी शिक्षकों के खाते में हुए भुगतान की जांच के लिए
बुधवार को डीइओ कार्यालय पहुंची शिक्षा विभाग की राज्यस्तरीय टीम के समक्ष
शिक्षकों ने जिले के अधिकारियों की पोल खोल दी. परिवर्तनकारी प्रारंभिक
शिक्षक संघ के प्रमंडलीय संगठन प्रभारी लखनलाल निषाद व जिलाध्यक्ष जीतन
सहनी ने टीम के समक्ष अपना पक्ष रखा. कहा, बोचहां बीइओ के फर्जी हस्ताक्षर
पर तत्कालीन डीपीओ स्थापना ने वेतन भुगतान कर दिया. फर्जी शिक्षकों की
सूचना मिलने के बाद मीनापुर में दर्जनों फर्जी शिक्षकों को अधिकारियों ने
जानबूझ कर
वेतन दिया.
इतना ही नहीं, शिक्षकों की सेवा पुस्तिका गायब होने के बाद भी दोषी व्यक्तियों पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी. फर्जी हस्ताक्षर से प्रोन्नति पाकर डीडीओ बनाने के मामले में दोषी पदाधिकारियों को चिह्नित कर कार्रवाई करने में देरी की जा रही है. जालसाज शिक्षक का गलत रिज्यूम बनाकर राजकीय पुरस्कार दिलाने के मामले की जांच भी लंबित है.
इतना ही नहीं, शिक्षकों की सेवा पुस्तिका गायब होने के बाद भी दोषी व्यक्तियों पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी. फर्जी हस्ताक्षर से प्रोन्नति पाकर डीडीओ बनाने के मामले में दोषी पदाधिकारियों को चिह्नित कर कार्रवाई करने में देरी की जा रही है. जालसाज शिक्षक का गलत रिज्यूम बनाकर राजकीय पुरस्कार दिलाने के मामले की जांच भी लंबित है.
शिक्षकों के प्रोमोशन व पोस्टिंग में व्यापक पैमाने पर हेराफेरी की
गयी. इतनी अनियमितता होने के बाद भी शिक्षा विभाग कार्रवाई से कतरा रहा है.
पूरे प्रकरण में राज्य स्तरीय टीम से कार्रवाई की मांग की गयी.
टीम के अधिकारियों से सेवाशर्त का निर्धारण अविलंब कराने की मांग की
गयी. डीपीओ स्थापना कैंपस में उपलब्ध जमीन पर शिक्षा विभाग का भवन बनाने व
सभी कार्यालय एक जगह स्थानांतरित करने की मांग की गयी.
ईद से पूर्व शिक्षकों को वेतन देने की मांग
ईद से पूर्व सभी शिक्षकों को वेतन देने, बच्चों को पाठ्यपुस्तक उपलब्ध
कराने, सेवा पुस्तिका उपलब्ध कराने, बीएड योग्यताधारी को संवर्द्धन कोर्स
कराने, अप्रशिक्षित शिक्षकों को एकमुश्त प्रशिक्षण दिलाने के साथ ग्रेड पे
देने की मांग की गयी.