भागलपुर। जिले के खरीक प्रखंड के अठनियां मध्य विद्यालय में पदस्थापित
स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक प्रदीप रविदास ने जिला शिक्षा कार्यक्रम
पदाधिकारी स्थापना सह लोक सूचना अधिकारी संजय कुमार के खिलाफ मुख्य न्यायिक
दंडाधिकारी की अदालत में एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।
अदालत ने मामले को एससी-एसटी एक्ट मामले के विशेष न्यायाधीश एडीजे द्वितीय की अदालत में स्थानांतरित कर दिया है।
दर्ज मुकदमा में बैंक कॉलोनी जीरोमाइल निवासी प्रदीप ने कहा है कि बीते 15 मई को उन्होंने सूचना अधिकार कानून के तहत शिक्षा विभाग के लोक सूचना अधिकारी से जानकारी मांगी थी कि कन्या मध्य विद्यालय में मैट्रिक प्रशिक्षित शिक्षक श्यामनंदन सिंह को विभागीय कार्रवाई से विभाग के किस नियम से मुक्त कर दिया गया और उन्हें स्नातक कला प्रशिक्षित शिक्षक के रूप में प्रोन्नति दी गई। सिंह पर पटना कोतवाली थाना में एक मामला दर्ज है और यह मामला वहां अदालत में चल रहा है। प्रदीप के अनुसार एक महीने बीत जाने के बावजूद उन्हें लोक सूचना अधिकारी ने जवाब नहीं दिया। चूंकि वे विभागीय कार्य से जिला शिक्षा कार्यालय आते जाते हैं, इसी क्रम में 19 जून को उनकी मुलाकात सूचना अधिकारी से हुई। औपचारिक अभिवादन के बाद उन्होंने अधिकारी से सूचना आवेदन के संबंध में पूछ दिया। पहले तो अधिकारी ने जानकारी से इन्कार किया और आवेदन की कॉपी दिखाने को कहा। जब उन्होंने कॉपी दिखाई तो अधिकारी आग-बबूला हो गए और जातिसूचक गाली देते हुए मारने पर उतारू हो गए। उन्होंने कहा कि ऐसे फालतू आवेदनों का जवाब देने का वक्त नहीं है। इस घटना की प्राथमिकी दर्ज कराने वे अनुसूचित जाति-जनजाति थाना गए, पर वहां मुकदमा नहीं लिया गया तो अदालत की शरण में आए हैं।
अदालत ने मामले को एससी-एसटी एक्ट मामले के विशेष न्यायाधीश एडीजे द्वितीय की अदालत में स्थानांतरित कर दिया है।
दर्ज मुकदमा में बैंक कॉलोनी जीरोमाइल निवासी प्रदीप ने कहा है कि बीते 15 मई को उन्होंने सूचना अधिकार कानून के तहत शिक्षा विभाग के लोक सूचना अधिकारी से जानकारी मांगी थी कि कन्या मध्य विद्यालय में मैट्रिक प्रशिक्षित शिक्षक श्यामनंदन सिंह को विभागीय कार्रवाई से विभाग के किस नियम से मुक्त कर दिया गया और उन्हें स्नातक कला प्रशिक्षित शिक्षक के रूप में प्रोन्नति दी गई। सिंह पर पटना कोतवाली थाना में एक मामला दर्ज है और यह मामला वहां अदालत में चल रहा है। प्रदीप के अनुसार एक महीने बीत जाने के बावजूद उन्हें लोक सूचना अधिकारी ने जवाब नहीं दिया। चूंकि वे विभागीय कार्य से जिला शिक्षा कार्यालय आते जाते हैं, इसी क्रम में 19 जून को उनकी मुलाकात सूचना अधिकारी से हुई। औपचारिक अभिवादन के बाद उन्होंने अधिकारी से सूचना आवेदन के संबंध में पूछ दिया। पहले तो अधिकारी ने जानकारी से इन्कार किया और आवेदन की कॉपी दिखाने को कहा। जब उन्होंने कॉपी दिखाई तो अधिकारी आग-बबूला हो गए और जातिसूचक गाली देते हुए मारने पर उतारू हो गए। उन्होंने कहा कि ऐसे फालतू आवेदनों का जवाब देने का वक्त नहीं है। इस घटना की प्राथमिकी दर्ज कराने वे अनुसूचित जाति-जनजाति थाना गए, पर वहां मुकदमा नहीं लिया गया तो अदालत की शरण में आए हैं।