बिहार के हाई स्कूल परीक्षा के कॉपी जांच
मध्य विद्यालय के शिक्षक से करावे के मामला में पटना हाई कोर्ट नोटिस जारी क
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से जवाब मंगलस।
मालूम रहे कि राज्य के हाई स्कूल में नियोजित माध्यमिक शिक्षक के वेतन मांग के लेके हड़ताल प बाड़े अवुरी मैट्रिक परीक्षा के कॉपी जांच के बहिष्कार करतारे। एकरा चलते बिहार विद्यालय परीक्षा समिति मैट्रिक के कॉपी के जांच मिडिल स्कूल में पढ़ावे वाला शिक्षक से करवले बिया।
बोर्ड के नियम के मुताबिक, मैट्रिक के कॉपी के जांच करेवाला शिक्षक के लगे कम से कम तीन साल तक हाई स्कूल या इंटर कॉलेज में पढ़ावे के अनुभव होखल जरूरी बा। लेकिन, माध्यमिक शिक्षक के हड़ताल के देखत अबकी बेर मिडिल स्कूल में सातवां अवुरी आठवां के छात्र के पढ़ावे वाला शिक्षक के कॉपी जांच में लगावल गइल।
राम पुकार यादव के ओर से पटना हाईकोर्ट में दाखिल रिट याचिका में कहल बा कि, 'चूंकि मैट्रिक परीक्षा के कॉपी जांच करेवाला शिक्षक लगे जरूरी अनुभव नईखे एहसे उ लोग कम-जादे अंक दे सकेले, जवना के सीधा असर मैट्रिक परीक्षा के रिज़ल्ट प पड़ी।'
याचिका के सुनवाई करत न्यायधीश चक्रधारी शरण सिंह के एक सदस्य वाली पीठ बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के नोटिस जारी क एक सप्ताह में सही हालत बतावे के कहलस।
याचिकाकर्ता के वकील अदालत के बतवले कि बिना अनुभव वाला शिक्षक से मैट्रिक परीक्षा के कॉपी जांच करावे से परीक्षा देवे वाला छात्र संगे न्याय ना होई। उ कहले कि बिना अनुभव के शिक्षक जदी कॉपी के जांच करीहे त भारी गड़बड़ी हो सकता, जवना से राज्य के छात्र के भविष्य खतरा में पड़ जाई।
ए मामला में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के ओर से अदालत के बतावल गइल कि, 'अयीसन कवनो साफ नियम नईखे कि सिर्फ हाई स्कूल के शिक्षक ही मैट्रिक परीक्षा के कॉपी के जांच करीहे।' समिति कहलस कि, सिर्फ हाई स्कूल अवुरी इंटर कॉलेज के शिक्षक से कॉपी जांच करावे के परंपरा रहल बा, नियम नईखे।
अदालत दुनो पक्ष के जवाब सुनला के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के एक सप्ताह में जवाब दाखिल करे के कहलस। अब ए मामला के अगिला सुनवाई 8 मई के होई।
मालूम रहे कि राज्य के हाई स्कूल में नियोजित माध्यमिक शिक्षक के वेतन मांग के लेके हड़ताल प बाड़े अवुरी मैट्रिक परीक्षा के कॉपी जांच के बहिष्कार करतारे। एकरा चलते बिहार विद्यालय परीक्षा समिति मैट्रिक के कॉपी के जांच मिडिल स्कूल में पढ़ावे वाला शिक्षक से करवले बिया।
बोर्ड के नियम के मुताबिक, मैट्रिक के कॉपी के जांच करेवाला शिक्षक के लगे कम से कम तीन साल तक हाई स्कूल या इंटर कॉलेज में पढ़ावे के अनुभव होखल जरूरी बा। लेकिन, माध्यमिक शिक्षक के हड़ताल के देखत अबकी बेर मिडिल स्कूल में सातवां अवुरी आठवां के छात्र के पढ़ावे वाला शिक्षक के कॉपी जांच में लगावल गइल।
राम पुकार यादव के ओर से पटना हाईकोर्ट में दाखिल रिट याचिका में कहल बा कि, 'चूंकि मैट्रिक परीक्षा के कॉपी जांच करेवाला शिक्षक लगे जरूरी अनुभव नईखे एहसे उ लोग कम-जादे अंक दे सकेले, जवना के सीधा असर मैट्रिक परीक्षा के रिज़ल्ट प पड़ी।'
याचिका के सुनवाई करत न्यायधीश चक्रधारी शरण सिंह के एक सदस्य वाली पीठ बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के नोटिस जारी क एक सप्ताह में सही हालत बतावे के कहलस।
याचिकाकर्ता के वकील अदालत के बतवले कि बिना अनुभव वाला शिक्षक से मैट्रिक परीक्षा के कॉपी जांच करावे से परीक्षा देवे वाला छात्र संगे न्याय ना होई। उ कहले कि बिना अनुभव के शिक्षक जदी कॉपी के जांच करीहे त भारी गड़बड़ी हो सकता, जवना से राज्य के छात्र के भविष्य खतरा में पड़ जाई।
ए मामला में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के ओर से अदालत के बतावल गइल कि, 'अयीसन कवनो साफ नियम नईखे कि सिर्फ हाई स्कूल के शिक्षक ही मैट्रिक परीक्षा के कॉपी के जांच करीहे।' समिति कहलस कि, सिर्फ हाई स्कूल अवुरी इंटर कॉलेज के शिक्षक से कॉपी जांच करावे के परंपरा रहल बा, नियम नईखे।
अदालत दुनो पक्ष के जवाब सुनला के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के एक सप्ताह में जवाब दाखिल करे के कहलस। अब ए मामला के अगिला सुनवाई 8 मई के होई।