छपरा। बिहार सरकार महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह का शताब्दी वर्ष मनाकर उसे यादगार बनाने को लेकर कार्यक्रम आयोजित कर रही है। वहीं बापू के बताए रास्ते पर चलकर वेतनमान के लिए संघर्ष कर रहे वित्त रहित व बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षकों द्वारा इंटरमीडिएट एवं दसवीं की परीक्षा के बाद मूल्यांकन कार्य करने के विरुद्ध चल रहे असहयोग आंदोलन को कुंद करने के लिए सरकार अधिकारियों के माध्यम से शिक्षकों को धमका रही है।
शिक्षकों पर दंडात्मक कार्रवाई करने एवं वेतन से वंचित करने की धमकी दिया जाना ¨नदनीय है। उक्त बातें हम के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री डा. महाचंद्र प्रसाद ¨सह ने बुधवार को छपरा परिसदन में प्रेस वार्ता के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि सरकार की इस कार्रवाई की घोर ¨नदा की जानी चाहिए। छात्र हित, प्रदेश हित एवं जनहित में मुख्यमंत्री को शिक्षकों के हक में निर्णय लेकर समान कार्य के लिए समान वेतन देना चाहिए। साथ ही सेवा शर्त नियमावली एवं वित्त रहित शिक्षकों के बकाए भुगतान का शीघ्र भुगतान करना चाहिए। सरकार के अड़ियल रुख के कारण राज्य के लाखों छात्र का भविष्य अधर में लटका हुआ है। जिसे बचाने के लिए मुख्यमंत्री को छात्रहित एवं शिक्षक हित में निर्णय लेना होगा। इस मौके पर शिक्षक संघ के प्रमंडलीय सचिव चंद्रमा ¨सह, डा. विजय कुमार ¨सह, राज्य सचिव राजकुमार ¨सह, हरेराम पाण्डेय, अधिवक्ता ग्रीस नंदन ¨सह, माधव प्रसाद ¨सह, बासुकी नाथ ¨सह, प्रभुनाथ पाण्डेय, राजा कुमार ¨सह आदि मौजूद थे।
शिक्षकों पर दंडात्मक कार्रवाई करने एवं वेतन से वंचित करने की धमकी दिया जाना ¨नदनीय है। उक्त बातें हम के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री डा. महाचंद्र प्रसाद ¨सह ने बुधवार को छपरा परिसदन में प्रेस वार्ता के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि सरकार की इस कार्रवाई की घोर ¨नदा की जानी चाहिए। छात्र हित, प्रदेश हित एवं जनहित में मुख्यमंत्री को शिक्षकों के हक में निर्णय लेकर समान कार्य के लिए समान वेतन देना चाहिए। साथ ही सेवा शर्त नियमावली एवं वित्त रहित शिक्षकों के बकाए भुगतान का शीघ्र भुगतान करना चाहिए। सरकार के अड़ियल रुख के कारण राज्य के लाखों छात्र का भविष्य अधर में लटका हुआ है। जिसे बचाने के लिए मुख्यमंत्री को छात्रहित एवं शिक्षक हित में निर्णय लेना होगा। इस मौके पर शिक्षक संघ के प्रमंडलीय सचिव चंद्रमा ¨सह, डा. विजय कुमार ¨सह, राज्य सचिव राजकुमार ¨सह, हरेराम पाण्डेय, अधिवक्ता ग्रीस नंदन ¨सह, माधव प्रसाद ¨सह, बासुकी नाथ ¨सह, प्रभुनाथ पाण्डेय, राजा कुमार ¨सह आदि मौजूद थे।