मधेपुरा। जिला माध्यमिक शिक्षक संघ का शिक्षा सत्याग्रह सातवें दिन भी जारी
रहा। बड़ी संख्या में शिक्षकों ने सदर अनुमंडलाधिकारी के कार्यालय समक्ष
धरना दिया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि राज्य सरकार
लाखों छात्र-छात्राओं के प्रति लापरवाह बनी है।
15 मार्च से इंटर तथा एक मार्च से मैट्रिक की उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन का बहिष्कार तब तक जारी रहेगा जबतक सरकार हमारी मांगों को मान नहीं लेती। उन्होंने कहा कि शिक्षा सत्याग्रह के लिए सरकार जिम्मेदार है। सरकार अपने ही वादे से मुकर गई है। और अब दमन से आंदोलन को दबा रही है। उन्होंने सरकार पर शिक्षकों में फूट डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब अपनी विफलता पर कुछ बोलने में असमर्थ हो गई तो शिक्षकों पर ही दमन व असहयोग शुरू कर दिया है। प्रदेश संयुक्त सचिव डॉ. अरूण कुमार यादव ने कहा कि सरकार शिक्षकों के सब्र का परीक्षा ले रही है। उन्होंने कहा कि हमलोग गांधीजी के बताए रास्ते पर चल रहे हैं। लेकिन सरकार व उसके पदाधिकारी माने लें कि शिक्षक के सम्मान के बिना समाज सुव्यवस्थित नहीं हो सकता है। उन्होंने गुरूवार को जिलाधिकारी द्वारा संघ के लोगों के साथ अमर्यादित व्यवहार को तीव्र ¨नदा करती है। उन्होंने जिलाधिकारी से कहा कि हमलोगों को आंदोलन पूर्व निर्धारित है। लेकिन इस तरह जिलाधिकारी का व्यवहार शिक्षकों के साथ करने से समाज में गलत संदेश जाता है। उन्होंने वीक्षण कार्य में भाग लेने वाले सभी शिक्षकों का भी आह्वान किया कि वह आंदोलन को धारदार बनाने के लिए वीक्षण कार्य से खुद को अलग कर लें। जिला सचिव डॉ. अजय कुमार ने कहा कि जिला के प्रभारी प्रधानाचार्य इस मामले में शिक्षकों को दिग्भ्रमित नहीं करें। मौके पर डॉ. संतोष कुमार, रमेन्द्र कुमार, चंदन कुमार, गुंजन, शांति, मुर्तजा, अजय, विजय, विनय विश्वकर्मा, प्रमंडलीय उपाध्यक्ष प्रभात रंजन, मनोज, अजित, नीरज, प्रियम्बदा, रमण आदि मौजूद थे।
15 मार्च से इंटर तथा एक मार्च से मैट्रिक की उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन का बहिष्कार तब तक जारी रहेगा जबतक सरकार हमारी मांगों को मान नहीं लेती। उन्होंने कहा कि शिक्षा सत्याग्रह के लिए सरकार जिम्मेदार है। सरकार अपने ही वादे से मुकर गई है। और अब दमन से आंदोलन को दबा रही है। उन्होंने सरकार पर शिक्षकों में फूट डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब अपनी विफलता पर कुछ बोलने में असमर्थ हो गई तो शिक्षकों पर ही दमन व असहयोग शुरू कर दिया है। प्रदेश संयुक्त सचिव डॉ. अरूण कुमार यादव ने कहा कि सरकार शिक्षकों के सब्र का परीक्षा ले रही है। उन्होंने कहा कि हमलोग गांधीजी के बताए रास्ते पर चल रहे हैं। लेकिन सरकार व उसके पदाधिकारी माने लें कि शिक्षक के सम्मान के बिना समाज सुव्यवस्थित नहीं हो सकता है। उन्होंने गुरूवार को जिलाधिकारी द्वारा संघ के लोगों के साथ अमर्यादित व्यवहार को तीव्र ¨नदा करती है। उन्होंने जिलाधिकारी से कहा कि हमलोगों को आंदोलन पूर्व निर्धारित है। लेकिन इस तरह जिलाधिकारी का व्यवहार शिक्षकों के साथ करने से समाज में गलत संदेश जाता है। उन्होंने वीक्षण कार्य में भाग लेने वाले सभी शिक्षकों का भी आह्वान किया कि वह आंदोलन को धारदार बनाने के लिए वीक्षण कार्य से खुद को अलग कर लें। जिला सचिव डॉ. अजय कुमार ने कहा कि जिला के प्रभारी प्रधानाचार्य इस मामले में शिक्षकों को दिग्भ्रमित नहीं करें। मौके पर डॉ. संतोष कुमार, रमेन्द्र कुमार, चंदन कुमार, गुंजन, शांति, मुर्तजा, अजय, विजय, विनय विश्वकर्मा, प्रमंडलीय उपाध्यक्ष प्रभात रंजन, मनोज, अजित, नीरज, प्रियम्बदा, रमण आदि मौजूद थे।