छपरा। जिला परिषद माध्यमिक शिक्षक नियोजन को लेकर जिला परिषद अध्यक्ष
मीना अरूण एवं उपविकास आयुक्त सह जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सुनील कुमार आमने-सामने आ गए हैं। बिना अध्यक्ष के अनुमति के शिक्षक नियोजन
करने को गंभीरता से लेते हुए जिप अध्यक्ष ने डीडीसी से जवाब तलब करते हुए
नियोजन स्थगित करने का आदेश दिया है।
जिप अध्यक्ष ने जिप के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सह उपविकास आयुक्त के पास पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने डीडीसी पर कई गंभीर आरोप लगाये। जिप अध्यक्ष ने कहा है कि शिक्षक नियोजन नियमावली में शिक्षक नियुक्ति हेतु पैनल निर्माण समिति का गठन जिला परिषद अध्यक्ष की अध्यक्षता में किया गया है। जिसमें जिप के सीईओ सदस्य सचिव होते हैं। चार सदस्यों की समिति के दो अन्य सदस्यों में एक जिला परिषद शिक्षा समिति का एक चयनित सदस्य तथा दूसरा संबंधित जिला कार्यक्रम अधिकारी हैं। समिति का गठन होने के बाद ही नियोजन की कार्रवाई हो सकती है। लेकिन सीईओ के कारण जिप की शिक्षा समिति का गठन नहीं हो सका। जबकि बोर्ड ने समिति के सदस्यों का मनोनयन करने के लिए जिप अध्यक्ष को पूर्ण अधिकार दे दिया है। फिर भी सीईओ ने संचिका नहीं बढ़ाई जिससे शिक्षा समिति के सदस्यों का मनोनयन नहीं किया जा सका। जिप अध्यक्ष ने सीईओ सह डीडीसी से पूछा है कि जिला परिषद की शिक्षा समिति का गठन हुए बिना पैनल निर्माण समिति का गठन कैसे हो सकता है और पैनल निर्माण समिति के अनुमोदन के बगैर नियुक्ति की कार्रवाई कैसे संभव होगी। शिक्षा विभाग के पास 27 मार्च 2017 को मार्ग दर्शन प्राप्त करते समय इन तथ्यों को विभाग से क्यों छुपाया गया। जबकि 27 मार्च को अनुमोदन की कोई संचिका जिप अध्यक्ष को उपलब्ध नहीं कराई गई थी, तो आपके द्वारा अपने उपरोक्त पत्र में विभाग के समक्ष गलत तथ्य प्रस्तुत करने के पीछे क्या मंशा थी। उन्होंने पूछा है कि जब नियुक्ति का सारा कार्य आप जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के हैसियत से करते हैं, तो किन परिस्थिति में नियुक्ति की सारी कार्रवाई जिला स्कूल छपरा से बदलकर जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के कार्यालय में आपके द्वारा संपादित किया जाता है।
इनसेट
15 अप्रैल को नहीं बुलाई जाएगी बैठक : डीडीसी
जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सह उपविकास आयुक्त सुनील कुमार ने बताया कि जिला परिषद की पहली बैठक में बोर्ड ने समिति गठित करने के लिए जिप अध्यक्ष को प्राधिकृत कर दिया था। लेकिन जिप अध्यक्ष ने समिति ही नहीं बनाई। मुझे तो केवल समिति के सदस्यों के पास पत्र निर्गत करना था। पैनल निर्माण में विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि जहां भी पैनल का निर्माण नहीं किया गया हो वहां डीडीसी अपने स्तर से पैनल में एक अधिकारी को नामित करेंगे। नियोजन में पारदर्शिता को लेकर डीआरडीए में नियोजन करने की कार्रवाई की गई। नियोजन पत्र बंट गया है। इस पर अब रोक नहीं लग सकता है। अब सक्षम न्यायालय ही कोई कार्रवाई कर सकता है। जिला परिषद की बैठक 15 अप्रैल को नहीं बुलाई जाएगी। 30 मार्च को जो बैठक हुई थी उसमें जिला परिषद अध्यक्ष उपस्थित थी और पैनल में उनका हस्ताक्षर भी है। शिक्षक नियोजन विभाग के मार्ग दर्शन के आलोक में किया गया है।
जिप अध्यक्ष ने जिप के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सह उपविकास आयुक्त के पास पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने डीडीसी पर कई गंभीर आरोप लगाये। जिप अध्यक्ष ने कहा है कि शिक्षक नियोजन नियमावली में शिक्षक नियुक्ति हेतु पैनल निर्माण समिति का गठन जिला परिषद अध्यक्ष की अध्यक्षता में किया गया है। जिसमें जिप के सीईओ सदस्य सचिव होते हैं। चार सदस्यों की समिति के दो अन्य सदस्यों में एक जिला परिषद शिक्षा समिति का एक चयनित सदस्य तथा दूसरा संबंधित जिला कार्यक्रम अधिकारी हैं। समिति का गठन होने के बाद ही नियोजन की कार्रवाई हो सकती है। लेकिन सीईओ के कारण जिप की शिक्षा समिति का गठन नहीं हो सका। जबकि बोर्ड ने समिति के सदस्यों का मनोनयन करने के लिए जिप अध्यक्ष को पूर्ण अधिकार दे दिया है। फिर भी सीईओ ने संचिका नहीं बढ़ाई जिससे शिक्षा समिति के सदस्यों का मनोनयन नहीं किया जा सका। जिप अध्यक्ष ने सीईओ सह डीडीसी से पूछा है कि जिला परिषद की शिक्षा समिति का गठन हुए बिना पैनल निर्माण समिति का गठन कैसे हो सकता है और पैनल निर्माण समिति के अनुमोदन के बगैर नियुक्ति की कार्रवाई कैसे संभव होगी। शिक्षा विभाग के पास 27 मार्च 2017 को मार्ग दर्शन प्राप्त करते समय इन तथ्यों को विभाग से क्यों छुपाया गया। जबकि 27 मार्च को अनुमोदन की कोई संचिका जिप अध्यक्ष को उपलब्ध नहीं कराई गई थी, तो आपके द्वारा अपने उपरोक्त पत्र में विभाग के समक्ष गलत तथ्य प्रस्तुत करने के पीछे क्या मंशा थी। उन्होंने पूछा है कि जब नियुक्ति का सारा कार्य आप जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के हैसियत से करते हैं, तो किन परिस्थिति में नियुक्ति की सारी कार्रवाई जिला स्कूल छपरा से बदलकर जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के कार्यालय में आपके द्वारा संपादित किया जाता है।
इनसेट
15 अप्रैल को नहीं बुलाई जाएगी बैठक : डीडीसी
जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सह उपविकास आयुक्त सुनील कुमार ने बताया कि जिला परिषद की पहली बैठक में बोर्ड ने समिति गठित करने के लिए जिप अध्यक्ष को प्राधिकृत कर दिया था। लेकिन जिप अध्यक्ष ने समिति ही नहीं बनाई। मुझे तो केवल समिति के सदस्यों के पास पत्र निर्गत करना था। पैनल निर्माण में विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि जहां भी पैनल का निर्माण नहीं किया गया हो वहां डीडीसी अपने स्तर से पैनल में एक अधिकारी को नामित करेंगे। नियोजन में पारदर्शिता को लेकर डीआरडीए में नियोजन करने की कार्रवाई की गई। नियोजन पत्र बंट गया है। इस पर अब रोक नहीं लग सकता है। अब सक्षम न्यायालय ही कोई कार्रवाई कर सकता है। जिला परिषद की बैठक 15 अप्रैल को नहीं बुलाई जाएगी। 30 मार्च को जो बैठक हुई थी उसमें जिला परिषद अध्यक्ष उपस्थित थी और पैनल में उनका हस्ताक्षर भी है। शिक्षक नियोजन विभाग के मार्ग दर्शन के आलोक में किया गया है।