आंदोलन में कूद पड़े है
शिक्षक एकता के स्वर से!
हर इक लाठी का जबाब,
अब देंगें सौ सौ पत्थर से!!
शिक्षक एकता के स्वर से!
हर इक लाठी का जबाब,
अब देंगें सौ सौ पत्थर से!!
अपनी मर्यादाओं को भी हमने
अब सूली पर टांग दिया,
बर्दास्त की हर एक सीमा को
नीतीश तुमने है लांघ दिया!
अब सूली पर टांग दिया,
बर्दास्त की हर एक सीमा को
नीतीश तुमने है लांघ दिया!
अब टूटेगा दंभ तुम्हारा,
सिंहासन थर थर डोलेगा,
इस निरंकुश शासन के आगे,
विकराल काल मुंह खोलेगा!
सिंहासन थर थर डोलेगा,
इस निरंकुश शासन के आगे,
विकराल काल मुंह खोलेगा!
शिक्षक के जायज मांगो पर
कब तक पानी बरसाओगे,
इस चार लाख की अश्रुधारा में,
तिनके की तरह बह जाओगे!!
कब तक पानी बरसाओगे,
इस चार लाख की अश्रुधारा में,
तिनके की तरह बह जाओगे!!
बहुत हुआ याचना तुमसे
अब रण की तैयारी है,
झेल चुके हम, हर वार तुम्हारा
अब तुम्हारी बारी है!!
अब रण की तैयारी है,
झेल चुके हम, हर वार तुम्हारा
अब तुम्हारी बारी है!!
अन्याय खड़ा सत्ता के बल पर,
कब तक न्याय को तौलेगा,
अपमानित होगा पूर्णानंद तो,
चाणक्य का लहू भी खौलेगा!!
कब तक न्याय को तौलेगा,
अपमानित होगा पूर्णानंद तो,
चाणक्य का लहू भी खौलेगा!!
जो दिया है तुमने जख्म हमे,
उन जख्मों की सौगंध है,
फिर से एकबार तुम देखोगे,
स्कूलों मे तालाबंद है!!
🙏�🙏�🙏�🙏�🙏�🙏�🙏�🙏�🙏�सभी संघो से एक मांग
नहीं तो
!!!!! " पूर्ण तालाबंदी!!!!! ""
🌹🇮🇳कुमार नीरज🇮🇳🌹
उन जख्मों की सौगंध है,
फिर से एकबार तुम देखोगे,
स्कूलों मे तालाबंद है!!
🙏�🙏�🙏�🙏�🙏�🙏�🙏�🙏�🙏�सभी संघो से एक मांग
नहीं तो
!!!!! " पूर्ण तालाबंदी!!!!! ""
🌹🇮🇳कुमार नीरज🇮🇳🌹