बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट ) से सम्बद्ध
भाइयो एवं बहनों,
शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद भी विधिवत पात्रता हासिल करने के उपरान्त बहाल शिक्षक आज सरकार की शिक्षक विरोधी नीतियों का शिकार हो अपने वास्तविक अधिकार से वंचित हैं और अपमान सहने को विवश हैं ! शिक्षकों को उनके हक़ से वंचित कर सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा” के हवा हवाई नारे लगा रही है !
समान काम के लिए समान वेतन पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि समान का काम के लिए समान वेतन न देना कर्मचारियों के अधिकार और सम्मान का हनन है । जस्टिस केहर द्वारा लिखित फैसले में कहा गया है, “कम वेतन देने या ऐसी कोई और स्थिति बंधुआ मजदूरी के समान है । इसका उपयोग अपनी प्रभावशाली स्थिति का फायदा उठाते हुए किया जाता है। इसमें कोई शक नहीं कि ये कृत्य शोषणकारी, दमनकारी और परपीड़क है और इससे अस्वैच्छिक दासता थोपी जाती है । आज बिहार में न्याय के साथ विकास की बात करनेवाली सरकार न सिर्फ टीइटी-एसटीईटी शिक्षकों को उनके सहायक शिक्षक के क़ानूनी अधिकार से वंचित कर रही है अपितु माननीय सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश “सभी अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों के बराबर वेतन का प्रावधान होना चाहिए व समान काम के लिए समान वेतन का सिद्धांत अमल होना आवश्यक हैं “ को अनसुना करते हुए न्याय का गला घोंट रही है ! टीइटी-एसटीइटी शिक्षकों की बहाली, शिक्षा के अधिकार कानून एवं राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के द्वारा तय मानदंडों के अनुरूप कठिन पात्रता परीक्षा के जरिये हुई है ! और पात्रता हासिल कर के शिक्षक के रूप में बहाल शिक्षक क़ानूनी रूप से सहायक शिक्षक हैं ! लेकिन सरकार शिक्षा का अधिकार कानून व राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के द्वारा तय मानदंडों को सिरे से नजरअंदाज करते हुए पात्रता उत्तीर्ण शिक्षकों के साथ गला रेती का काम कर रही है ! #उल्टे_हक_मांगने_पर_पुलिसिया_बर्बरता_का_शिकार_बनाया_जा_रहा_है_! शिक्षकों की गलारेती के खिलाफ इस दौर में बिहार के सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के वाहक बन उभरे टीईटी शिक्षक चुप नही बैठनेवाले हैं ! बजट सत्र के दौरान संगठन ने 27 मार्च 2017 से बिहार विधानसभा के समक्ष अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने का एलान किया है ! उससे पहले 17 मार्च को प्रदेश भर में प्रखंड मुख्यालयों पर शिक्षक एकदिवसीय अनशन /धरना /प्रतिरोध कार्यक्रम आयोजित किया गया ! 28 फरवरी से 25 मार्च के बीच चलेगा सघन शिक्षक संपर्क अभियान चलाते हुए विधानसभा के घेराव सह अनिश्चितकालीन अनशन को ऐतेहासिक रूप से सफल बनाना है ! “27 मार्च को पटना चलो” के आह्वान के साथ 23 मार्च को तमाम जिला मुख्यालयों पर मशाल जुलुस भी निकाला गया है ! लोकतंत्र में कानून और मजबूत गोलबंदी ही हमारे हथियार होते हैं ! आइये, पूरी ताकत झोंकते हुए व्यापक शिक्षक समाज को आंदोलित करते हुए अपनी मांगों पर सरकार को घुटना टेकने पर मजबूर कर दें !
हमारी मुख्य मांगें -
#समान काम के लिए समान वेतन एवं समान सेवा शर्त की गारंटी करो !
#शिक्षकों को राज्यकर्मी घोषित करते हुए सहायक शिक्षक का दर्जा दो !
#अप्रशिक्षित शिक्षकों को भी ग्रेड पे की व्यवस्था करो !
#तमाम अप्रशिक्षित शिक्षकों के एकमुश्त प्रशिक्षण की व्यवस्था करो !
#सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पड़े पदों पर अविलम्ब बहाली करो !
#1-5 में बी .एड डिग्रीधारी शिक्षकों के लिए संवर्धन कोर्स अविलम्ब चालु करो !
#संकुल से लेकर बीआरसी , जिला से लेकर सचिवालय तक टीईटी शिक्षकों के साथ भेदभाव बंद करो !
आप तमाम शिक्षक शिक्षिका बंधुओं से इस अभियान में पूरी बुलंदी और उत्साह के साथ उतरने की हम अपील करते हैं !
भाइयो एवं बहनों,
शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद भी विधिवत पात्रता हासिल करने के उपरान्त बहाल शिक्षक आज सरकार की शिक्षक विरोधी नीतियों का शिकार हो अपने वास्तविक अधिकार से वंचित हैं और अपमान सहने को विवश हैं ! शिक्षकों को उनके हक़ से वंचित कर सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा” के हवा हवाई नारे लगा रही है !
समान काम के लिए समान वेतन पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि समान का काम के लिए समान वेतन न देना कर्मचारियों के अधिकार और सम्मान का हनन है । जस्टिस केहर द्वारा लिखित फैसले में कहा गया है, “कम वेतन देने या ऐसी कोई और स्थिति बंधुआ मजदूरी के समान है । इसका उपयोग अपनी प्रभावशाली स्थिति का फायदा उठाते हुए किया जाता है। इसमें कोई शक नहीं कि ये कृत्य शोषणकारी, दमनकारी और परपीड़क है और इससे अस्वैच्छिक दासता थोपी जाती है । आज बिहार में न्याय के साथ विकास की बात करनेवाली सरकार न सिर्फ टीइटी-एसटीईटी शिक्षकों को उनके सहायक शिक्षक के क़ानूनी अधिकार से वंचित कर रही है अपितु माननीय सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश “सभी अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों के बराबर वेतन का प्रावधान होना चाहिए व समान काम के लिए समान वेतन का सिद्धांत अमल होना आवश्यक हैं “ को अनसुना करते हुए न्याय का गला घोंट रही है ! टीइटी-एसटीइटी शिक्षकों की बहाली, शिक्षा के अधिकार कानून एवं राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के द्वारा तय मानदंडों के अनुरूप कठिन पात्रता परीक्षा के जरिये हुई है ! और पात्रता हासिल कर के शिक्षक के रूप में बहाल शिक्षक क़ानूनी रूप से सहायक शिक्षक हैं ! लेकिन सरकार शिक्षा का अधिकार कानून व राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के द्वारा तय मानदंडों को सिरे से नजरअंदाज करते हुए पात्रता उत्तीर्ण शिक्षकों के साथ गला रेती का काम कर रही है ! #उल्टे_हक_मांगने_पर_पुलिसिया_बर्बरता_का_शिकार_बनाया_जा_रहा_है_! शिक्षकों की गलारेती के खिलाफ इस दौर में बिहार के सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के वाहक बन उभरे टीईटी शिक्षक चुप नही बैठनेवाले हैं ! बजट सत्र के दौरान संगठन ने 27 मार्च 2017 से बिहार विधानसभा के समक्ष अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने का एलान किया है ! उससे पहले 17 मार्च को प्रदेश भर में प्रखंड मुख्यालयों पर शिक्षक एकदिवसीय अनशन /धरना /प्रतिरोध कार्यक्रम आयोजित किया गया ! 28 फरवरी से 25 मार्च के बीच चलेगा सघन शिक्षक संपर्क अभियान चलाते हुए विधानसभा के घेराव सह अनिश्चितकालीन अनशन को ऐतेहासिक रूप से सफल बनाना है ! “27 मार्च को पटना चलो” के आह्वान के साथ 23 मार्च को तमाम जिला मुख्यालयों पर मशाल जुलुस भी निकाला गया है ! लोकतंत्र में कानून और मजबूत गोलबंदी ही हमारे हथियार होते हैं ! आइये, पूरी ताकत झोंकते हुए व्यापक शिक्षक समाज को आंदोलित करते हुए अपनी मांगों पर सरकार को घुटना टेकने पर मजबूर कर दें !
हमारी मुख्य मांगें -
#समान काम के लिए समान वेतन एवं समान सेवा शर्त की गारंटी करो !
#शिक्षकों को राज्यकर्मी घोषित करते हुए सहायक शिक्षक का दर्जा दो !
#अप्रशिक्षित शिक्षकों को भी ग्रेड पे की व्यवस्था करो !
#तमाम अप्रशिक्षित शिक्षकों के एकमुश्त प्रशिक्षण की व्यवस्था करो !
#सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पड़े पदों पर अविलम्ब बहाली करो !
#1-5 में बी .एड डिग्रीधारी शिक्षकों के लिए संवर्धन कोर्स अविलम्ब चालु करो !
#संकुल से लेकर बीआरसी , जिला से लेकर सचिवालय तक टीईटी शिक्षकों के साथ भेदभाव बंद करो !
आप तमाम शिक्षक शिक्षिका बंधुओं से इस अभियान में पूरी बुलंदी और उत्साह के साथ उतरने की हम अपील करते हैं !