एक छोटी मगर मोटी बात । पूरे प्रदेश में लगभग 50 हजार होमगार्ड हैं ।लगभग सबकी उम्र 45 से ऊपर है ।सब होमगार्ड रोज पर काम करते हैं अर्थात जितने दिन काम उतने ही दिन का 400 रुपये रोज । काम लगभग साल में 6 महीना मिलता है और उसके लिए भी चढ़ावा देना पड़ता है ।
होमगार्ड के संघ ने एक दिवसीय विधानसभा घेराव किया उस दिन उनकी संख्या लगभग 30 हजार के आसपास थी ।फिर उनलोगों ने 5 दिन के लिए कार्य बहिष्कार किया तो एक एक सिपाही ने काम नही किया ।फिर भी सरकार समान काम समान वेतन की मांग नही मानी ।फिर रायफल जमा कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए पूरे प्रदेश के होमगार्ड ।।आज 18 दिन हो गए उनके इस महाहड़ताल का फिर भी सरकार नही सुन रही है ।
जरा सोचिए कि जो रोज पर कमाता हो और 25 दिन का रोज न बना हो तो उसे एक रूपये भी नही मिलेगा ।उसके परिवार और उसकी क्या स्थिति होगी ।उम्र के ढलते पड़ाव पर व् इस आर्थिक स्थिति के बाद भी सभी होमगार्ड के जवानों का हौसला देखने लायक था । 28 मार्च को जेल भरो आंदोलन में लगभग 20000 जवानों ने गिरफ्तारी दी है जबकि दोपहर में लगभग 40000 जवानों की भीड़ गर्दनीबाग में थी ।अबतक इस तानाशाही और भ्रष्ट सरकार के कान में जूँ तक नही रेंगा है ।
होमगार्ड का केवल एक ही संघ है । उपरोक्त बातों का विश्लेषण शिक्षक नेताजी लोग कर सकते हैं ।इतना समर्पित संघर्ष और मात्र 50 हजार की संख्या को सरकार समान वेतन नही दे रही है तो हम 4 लाख शिक्षकों के लिए 20 संघों के द्वारा अलग अलग मांग रहे हैं ।शिक्षक संघों द्वारा एक सूत्री माँग पर एक सूत्र में बंध कर राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा जल्द नही की गयी तो बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि खून बहाए साथियों का त्याग व्यर्थ चला जायेगा ।मन को साफ़ कर एक साथ आक्रमण करें ।ऐसा अवसर और आक्रोश यदा कदा ही आता है ।इस बार असफल होने पर ओछी राजनीति से व्यथित होकर खुद को शिक्षक संघर्ष से अलग कर लेंगे ।
#अतिशीघ्र पूर्ण तालाबंदी , बर्बरता के खिलाफ ।
सभी मित्र उपरोक्त बातों का विश्लेषण करें व् सहमत हो तो शेयर करें ।
आपका मित्र
आचार्य रवि
मुजफ्फरपुर ।
होमगार्ड के संघ ने एक दिवसीय विधानसभा घेराव किया उस दिन उनकी संख्या लगभग 30 हजार के आसपास थी ।फिर उनलोगों ने 5 दिन के लिए कार्य बहिष्कार किया तो एक एक सिपाही ने काम नही किया ।फिर भी सरकार समान काम समान वेतन की मांग नही मानी ।फिर रायफल जमा कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए पूरे प्रदेश के होमगार्ड ।।आज 18 दिन हो गए उनके इस महाहड़ताल का फिर भी सरकार नही सुन रही है ।
जरा सोचिए कि जो रोज पर कमाता हो और 25 दिन का रोज न बना हो तो उसे एक रूपये भी नही मिलेगा ।उसके परिवार और उसकी क्या स्थिति होगी ।उम्र के ढलते पड़ाव पर व् इस आर्थिक स्थिति के बाद भी सभी होमगार्ड के जवानों का हौसला देखने लायक था । 28 मार्च को जेल भरो आंदोलन में लगभग 20000 जवानों ने गिरफ्तारी दी है जबकि दोपहर में लगभग 40000 जवानों की भीड़ गर्दनीबाग में थी ।अबतक इस तानाशाही और भ्रष्ट सरकार के कान में जूँ तक नही रेंगा है ।
होमगार्ड का केवल एक ही संघ है । उपरोक्त बातों का विश्लेषण शिक्षक नेताजी लोग कर सकते हैं ।इतना समर्पित संघर्ष और मात्र 50 हजार की संख्या को सरकार समान वेतन नही दे रही है तो हम 4 लाख शिक्षकों के लिए 20 संघों के द्वारा अलग अलग मांग रहे हैं ।शिक्षक संघों द्वारा एक सूत्री माँग पर एक सूत्र में बंध कर राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा जल्द नही की गयी तो बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि खून बहाए साथियों का त्याग व्यर्थ चला जायेगा ।मन को साफ़ कर एक साथ आक्रमण करें ।ऐसा अवसर और आक्रोश यदा कदा ही आता है ।इस बार असफल होने पर ओछी राजनीति से व्यथित होकर खुद को शिक्षक संघर्ष से अलग कर लेंगे ।
#अतिशीघ्र पूर्ण तालाबंदी , बर्बरता के खिलाफ ।
सभी मित्र उपरोक्त बातों का विश्लेषण करें व् सहमत हो तो शेयर करें ।
आपका मित्र
आचार्य रवि
मुजफ्फरपुर ।