BUXAR : बिहार राज्य वित्तरहित शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के तत्वावधान में चौदहवें दिन भी शिक्षकों ने इंटर परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार किया, जिसका नेतृत्व प्रो. दिनेश चतुर्वेदी ने किया।
इसके बाद शिक्षकों ने शिक्षामंत्री अशोक चौधरी के सदबुद्धि के लिए ज्ञानदीप यज्ञ का आयोजन किया।
इस दौरान शिक्षकों ने दीप जलाकर आरती की तथा शिक्षामंत्री के सदबुद्धि के लिए दुआ मांगी। यज्ञ में मुख्य यजमान के रूप में प्रो. महेशदत्त सिंह, प्रो. अमरनाथ मिश्रा, प्रो. सी पांडेय, प्रो. परमात्मा पाठक, प्रो. राजेश कुमार, प्रो. शैलेंद्र पाठक, प्रो. सच्चिदानंद सिंह थे।
सहायक यजमान के रूप में प्रो. संतोष कुमार, प्रो. भुनेश्वर यादव, प्रो. धनंजय पांडेय, प्रो. शिवशंकर बहादुर सिंह, प्रो. प्रसन्न कुमार झा, प्रो. सुमन पांडेय, प्रो. संजय दूबे, प्रो. श्रीकांत सिंह, प्रो. कृष्णानंद मिश्रा, प्रो. श्रीमननारायण तिवारी, प्रो. अखिलेश पांडेय, प्रो. शिवदानी सिंह, प्रो. रामाशंकर सिंह, प्रो. पुरूषोत्तम मिश्र, प्रो. मनोज कुमार, प्रो. मुरलीधर चौधरी, प्रो. दिनेशचंद पांडेय, प्रो. मनीष पांडेय, प्रो. सुरेंद्र प्रसाद सिंह, प्रो. घनश्याम दूबे समेत अन्य शिक्षक शामिल थे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन संघ के सचिव प्रो. अमरनाथ मिश्रा व अध्यक्ष महेशदत्त सिंह ने किया।
इसके बाद शिक्षकों ने शिक्षामंत्री अशोक चौधरी के सदबुद्धि के लिए ज्ञानदीप यज्ञ का आयोजन किया।
इस दौरान शिक्षकों ने दीप जलाकर आरती की तथा शिक्षामंत्री के सदबुद्धि के लिए दुआ मांगी। यज्ञ में मुख्य यजमान के रूप में प्रो. महेशदत्त सिंह, प्रो. अमरनाथ मिश्रा, प्रो. सी पांडेय, प्रो. परमात्मा पाठक, प्रो. राजेश कुमार, प्रो. शैलेंद्र पाठक, प्रो. सच्चिदानंद सिंह थे।
सहायक यजमान के रूप में प्रो. संतोष कुमार, प्रो. भुनेश्वर यादव, प्रो. धनंजय पांडेय, प्रो. शिवशंकर बहादुर सिंह, प्रो. प्रसन्न कुमार झा, प्रो. सुमन पांडेय, प्रो. संजय दूबे, प्रो. श्रीकांत सिंह, प्रो. कृष्णानंद मिश्रा, प्रो. श्रीमननारायण तिवारी, प्रो. अखिलेश पांडेय, प्रो. शिवदानी सिंह, प्रो. रामाशंकर सिंह, प्रो. पुरूषोत्तम मिश्र, प्रो. मनोज कुमार, प्रो. मुरलीधर चौधरी, प्रो. दिनेशचंद पांडेय, प्रो. मनीष पांडेय, प्रो. सुरेंद्र प्रसाद सिंह, प्रो. घनश्याम दूबे समेत अन्य शिक्षक शामिल थे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन संघ के सचिव प्रो. अमरनाथ मिश्रा व अध्यक्ष महेशदत्त सिंह ने किया।