शिक्षा मंत्री जी और सुशासन बाबू की सरकार शिक्षा में गुणवत्ता के लिए बचनबद्ध है नमूना देखिये .....
१.२०१५ की नक़ल की तस्वीरें साथ ही मीडिया द्वारा उद्भेदन।
२. २०१६ की मैट्रिक परीक्षा में ५५ % छात्रों का फेल होना।
३.टॉपर घोटाले का मीडिया द्वारा उद्भेदन.
4. ब्यापक रूप से सरकार के सत्तासीन राजनेताओ की सलिप्प्ता उजागर होना .
५. बी एड कॉलेजों में धांधली की जाँच के बिरुद्ध पूर्व शिक्षा मंत्री सह अधिवक्ता द्वारा न्यायालय में जोरदार बहस कर जाँच पर रोक लगवाना।
६. बिहार के गुणवत्ताविहीन शिक्षकों का खुलेआम नक़ल करते कैमरे में कैद होना।
७. ब्यापक पैमाने पर शिक्षकों की भर्त्ती में फ़र्ज़ी को प्राथमिकता देना।
८. योग्य, अहर्ता प्राप्त, प्रशिक्षित,अभ्यथिओं के साथ नाइंसाफी।
९. वर्ग -१-८ में २ लाख शिक्षकों की कमी होना।
१०. सबसे ज्यादा अयोग्य शिक्षकों वाला प्रदेश।
११. बिहार की जनता की दाढी कमाई का सबसे ज्यादा शिक्षा पर खर्च कर भी शिक्षा में सबसे फिस्सडी होना।
१.२०१५ की नक़ल की तस्वीरें साथ ही मीडिया द्वारा उद्भेदन।
२. २०१६ की मैट्रिक परीक्षा में ५५ % छात्रों का फेल होना।
३.टॉपर घोटाले का मीडिया द्वारा उद्भेदन.
4. ब्यापक रूप से सरकार के सत्तासीन राजनेताओ की सलिप्प्ता उजागर होना .
५. बी एड कॉलेजों में धांधली की जाँच के बिरुद्ध पूर्व शिक्षा मंत्री सह अधिवक्ता द्वारा न्यायालय में जोरदार बहस कर जाँच पर रोक लगवाना।
६. बिहार के गुणवत्ताविहीन शिक्षकों का खुलेआम नक़ल करते कैमरे में कैद होना।
७. ब्यापक पैमाने पर शिक्षकों की भर्त्ती में फ़र्ज़ी को प्राथमिकता देना।
८. योग्य, अहर्ता प्राप्त, प्रशिक्षित,अभ्यथिओं के साथ नाइंसाफी।
९. वर्ग -१-८ में २ लाख शिक्षकों की कमी होना।
१०. सबसे ज्यादा अयोग्य शिक्षकों वाला प्रदेश।
११. बिहार की जनता की दाढी कमाई का सबसे ज्यादा शिक्षा पर खर्च कर भी शिक्षा में सबसे फिस्सडी होना।