नवादा। जिला शिक्षा पदाधिकारी गोरख प्रसाद ने मंगलवार को प्रखंड के धमौल
थाना क्षेत्र के कई विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान
बड़े पैमाने पर अनियमितता पाई गई। कहीं शिक्षक गायब मिले तो कहीं बच्चों की
उपस्थिति कम पाई गई। कहीं उपस्थिति पंजी के अनुरूप बच्चों की मौजूदगी कम
दिखी। कहीं 2008 की रीक्ति पर बहाल कई नए शिक्षक भी मिले।
निरीक्षण उपरांत जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि नव नियुक्त शिक्षक व शिक्षिका को शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र, उनकी न्युक्ति पत्र के साथ 24 घंटे के भीतर कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी सर्वप्रथम प्राथमिक विधालय धमौल का निरीक्षण करने पहुंचे। जहां 10 नियुक्त शिक्षकों में छ: अनुपस्थित पाए गए। प्रधानशिक्षक भी फरार थे। बच्चों की उपस्थिति काफी कम थी। लेकिन पंजी पर सैकड़ों छात्रों की उपस्थिति बनी थी। यहां भी शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा होने का शक जाहिर किया गया। जबकि प्राथमिक विधालय पूर्णाडीह में सात शिक्षकों में मात्र दो शिक्षक उपस्थित मिले। शेष पांच फरार थे। यहां भी 2008 की रीक्ति पर नियुक्ति का मामला सामने आया। जिसके आलोक में सभी शिक्षक को 24 घंटे के भीतर सभी प्रकार के प्रमाण पत्र और न्युक्ति पत्र के साथ कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया। यहां भी प्रधान शिक्षिका गायब थी। कुछ इसी तरह की स्थिति आदर्श मध्य विद्यालय धमौल में भी देखने को मिली। पंजी पर 112 बच्चों की उपस्थित बनी हुई पाई गई, जबकि मात्र 19 बच्चे ही उपस्थित थे। डीइओ ने वर्ग अष्टम् के बच्चों का विज्ञान का क्लास भी लिया। कोई बच्चा पदार्थ क्या है ये बता नहीं पाया। इसी तरह प्राथमिक विद्यालय अंजुनार का भी निरीक्षण किया गया। जहां छात्र उपस्थिति शून्य मिली। और लगभग 200 छात्रा-छात्राओं की उपस्थिती पंजी पर बना हुआ पाया गया। तदोपरान्त डीईओ ने महंथ गणेश दत् पुरी उच्च विधालय ढ़ोढ़ा का भी निरीक्षण किया। यहां का भी प्रारंभिक विद्यालयों जैसा ही था। जिला शिक्षा पदाधिकारी विद्यालयों के हालात को देखकर काफी ¨चता जाहीर की और कहा कि दोषी सभी शिक्षक व प्रधानशिक्षका पर कड़ी से कड़ी कारवाई की जाएगी।
निरीक्षण उपरांत जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि नव नियुक्त शिक्षक व शिक्षिका को शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र, उनकी न्युक्ति पत्र के साथ 24 घंटे के भीतर कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी सर्वप्रथम प्राथमिक विधालय धमौल का निरीक्षण करने पहुंचे। जहां 10 नियुक्त शिक्षकों में छ: अनुपस्थित पाए गए। प्रधानशिक्षक भी फरार थे। बच्चों की उपस्थिति काफी कम थी। लेकिन पंजी पर सैकड़ों छात्रों की उपस्थिति बनी थी। यहां भी शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा होने का शक जाहिर किया गया। जबकि प्राथमिक विधालय पूर्णाडीह में सात शिक्षकों में मात्र दो शिक्षक उपस्थित मिले। शेष पांच फरार थे। यहां भी 2008 की रीक्ति पर नियुक्ति का मामला सामने आया। जिसके आलोक में सभी शिक्षक को 24 घंटे के भीतर सभी प्रकार के प्रमाण पत्र और न्युक्ति पत्र के साथ कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया। यहां भी प्रधान शिक्षिका गायब थी। कुछ इसी तरह की स्थिति आदर्श मध्य विद्यालय धमौल में भी देखने को मिली। पंजी पर 112 बच्चों की उपस्थित बनी हुई पाई गई, जबकि मात्र 19 बच्चे ही उपस्थित थे। डीइओ ने वर्ग अष्टम् के बच्चों का विज्ञान का क्लास भी लिया। कोई बच्चा पदार्थ क्या है ये बता नहीं पाया। इसी तरह प्राथमिक विद्यालय अंजुनार का भी निरीक्षण किया गया। जहां छात्र उपस्थिति शून्य मिली। और लगभग 200 छात्रा-छात्राओं की उपस्थिती पंजी पर बना हुआ पाया गया। तदोपरान्त डीईओ ने महंथ गणेश दत् पुरी उच्च विधालय ढ़ोढ़ा का भी निरीक्षण किया। यहां का भी प्रारंभिक विद्यालयों जैसा ही था। जिला शिक्षा पदाधिकारी विद्यालयों के हालात को देखकर काफी ¨चता जाहीर की और कहा कि दोषी सभी शिक्षक व प्रधानशिक्षका पर कड़ी से कड़ी कारवाई की जाएगी।