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दो अक्तूबर से मिलेगा स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड

कार्यक्रम. राजकीय शिक्षा पुरस्कार समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीन नयी योजनाएं शुरू करने की घोषणा की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि दो अक्तूबर से स्टूडेंट  क्रेडिट कार्ड, कौशल विकास व स्वयं सहायता भत्ता की शुरुआत हो रही  है. स्टूडेंट  क्रेडिट कार्ड के जरिये चार लाख रुपये तक का ऋण आगे की पढ़ाई  के लिए मिलेगा.
 पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षक दिवस पर आयोजित राजकीय शिक्षा पुरस्कार समारोह में कहा कि उच्च शिक्षा में 13 प्रतिशत ग्रास एनरालमेंट रेसियो है. उसे  30-40 फीसदी तक पहुंचाना है. इसके लिए दो अक्तूबर से राज्य भर में स्टूडेंट  क्रेडिट कार्ड, कौशल विकास और स्वयं सहायता भत्ता की शुरुआत होने जा रही  है.
 
इसमें 12वीं पास करने वाले छात्र-छात्राओं को मदद मिलेगी. स्टूडेंट  क्रेडिट कार्ड के जरिये चार लाख रुपये तक का ऋण 12वीं के बाद आगे की पढ़ाई  के लिए मिलेगा. इससे बैंकों से करार हो चुका है. बैंकों से कहा गया है कि  जो गारंटी चाहिए सरकार देगी. पांच साल बाद मूलधन के साथ ब्याज भी देगी,  लेकिन अब छात्रों को बैंकों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा और परिवार पर भी आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा. साथ ही एक करोड़ लोगों को कौशल प्रदान करना है.  इसमें कंप्यूटर, भाषा संवाद (हिंदी-अगरेजी बोलना) हर ब्लॉक में सिखाया जायेगा. 
 
वहीं, रोजगार की तलाश के लिए 20-25 साल के युवाओं को दो साल तक  एक-एक हजार रुपये महीने स्वयं सहायता भत्ता दिया जायेगा. इम्पलायमेंट को  बढ़ावा देने के लिए यह भत्ता दिया जायेगा. इसके लिए हर जिले में केंद्र खुल  रहा है और इसके ऑनलाइन व ऑफ लाइन आवेदन होंगे. जो युवा रोजगार करना चाहते  हैं उनके लिए 500 करोड़ का वेंचर फंड की व्यवस्था की गयी है. इसके  स्टार्टअप पॉलिसी को सप्ताह से 10 दिन में फाइनल कर लिया जायेगा. 
 
वाइ-फाइ का ज्ञान के लिए करें इस्तेमाल : मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में फ्री वाइ-फाइ की  सुविधा जनवरी-फरवरी 2017 तक बहाल कर दी जायेगी. इसका इस्तेमाल ज्ञान के लिए  होना चाहिए. सरकार ने एनआइटी से दानापुर तक फ्री वाइ-फाइ चालू की तो पता चला कि कर्मचारी के साथ-साथ स्टूडेंट फिल्म डाउनलोड कर रहे हैं. इसके लिए  कुछ तो अनुपात हो. हास्यास्पद ना हो. फिल्म भी देखें, लेकिन किताबें अपलोड  करें, ज्ञान की बातों पर ज्यादा ध्यान दें. 
 
काम करने में हम करते हैं विश्वास : सीएम  ने कहा कि हमें काम करने में विश्वास है और काम करते हैं. बहुत लोगों की  दिलचस्पी बयान देने में रहती है. सुबह होते ही नेगेटिव बयान देना शुरू कर  देते हैं. वे इसी में व्यस्त रहते हैं. ठीक ही है कि वे इसी में व्यस्त रहें. जमीन में जो कुछ हो रहा है, उससे कटते चले जायेंगे. इसके लिए जमीन भी  तैयार हो रहा है. 
 
उन्होंने कहा कि बिहार बीआइटी मेसरा की शाखा खोलने से  शुरुआत हुई. आइआइटी बना, निफ्ट, चाणक्या लॉ यूनिवर्सिटी बनी. अब हर जिले  में एक-एक इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक, अनुमंडल में आइटीआइ, नर्सिंग  स्कूल खोलने की प्रक्रिया चल रही है. पांच नये मेडिकल कॉलेज खोलने का भी  इंतजाम कर लिया गया है. सरकार यह व्यवस्था इसलिए कर रही है कि लोगों को  बिहार के बाहर चक्कर ना लगाना पड़े और सभी संस्थान व अवसर यहीं मिले. 
 
राज्य  के 11 शिक्षकों को सम्मानित करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें आशा है कि राज्य के सभी शिक्षक पुरस्कृत हुए शिक्षकों से प्रेरणा ग्रहण करेंगे  और आगे सम्मानित होंगे. साथ ही गौरव के उस इतिहास को प्राप्त करेंगे जो  हमारा अतीत था. युवा पीढ़ी पर उन्हें पूरा भरोसा है. वे आगे बढ़ेंगे और देश  की प्रगति में योगदान करेंगे. छह हाइ व प्लस टू के शिक्षकों व पांच  प्रारंभिक स्कूल के शिक्षकों को राजकीय शिक्षा पुरस्कार के रूप में 15 हजार  का चेक, प्रशस्ति पत्र, मोमेंटो व शाल पुरस्कार के रूप में दिये गये.
 
राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हुए शिक्षक 
 
प्राण मोहन झा, पूर्णिया, राजकिशोर राउत, सीतामढ़ी, विनय कुमार दूबे, सारण, सारंगधर सिंह, सारण, कृष्णा उपाध्याय, पूर्वी चंपारण, डॉ. मीना कुमारी, पटना, डॉ जगदीश प्रसाद गुप्ता, दरभंगा, डॉ. जवाहर लाल देव, कटिहार.
राजकीय पुरस्कार 2015 से सम्मानित शिक्षक
 
काशीनाथ त्रिपाठी, पूर्वी चंपारण, संजय कुमार मिश्र, पूर्णिया, नंदकिशोर सिंह, मुंगेर, नीतू सिंह, सुपौल, डॉ. इला सिन्हा, मुजफ्फरपुर, आशा कुमारी, सीवान , रमा शंकर गिरी, पश्चिमी चंपारण, ज्ञानवर्द्धन कंठ, सीतामढ़ी, विजेंद्र कुमार सिंह, पूर्णिया, डॉ. मनोज कुमार, मुजफ्फरपुर, अरविंद कुमार, जहानाबाद.
 
शिक्षक समाज की रीढ़ : अशोक
 
पटना : शिक्षक दिवस पर आयोजित राजकीय शिक्षा पुरस्कार समारोह में शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने कहा कि शिक्षक समाज की रीढ़ हैं. बिना शिक्षा के सभ्य समाज की कल्पना नहीं कर सकते हैं. समाज के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका है. इस सरकार में शिक्षा में बहुत परिवर्तन हुए हैं. सरकार से सात सूत्री कार्यक्रम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को शामिल किया गया है. 
 
असर व अन्य की रिपोर्ट देंगे तो गुणवत्ता पर सवाल उठने लगते हैं, लेकिन शिक्षा विभाग दूसरे विभागों की तरह डीपीआर नहीं बनाता है. इससे पहले समारोह में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डॉ. डी.एस. गंगवार ने कहा कि शिक्षा को ही समाज का सामाजिक व आर्थिक आधार माना गया है. शिक्षा में गुणवत्ता सरकार के सामने बड़ी चुनौती है. 
 
समारोह में खान व भूतत्व मंत्री मुनेश्वर चौधरी, शिक्षा विभाग के अपर सचिव के. सेंथिल कुमार, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष सह पटना प्रमंडल के आयुक्त आनंद किशोर, प्राथमिक शिक्षा निदेशक एम. रामचंद्रुडू, माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजीव प्रसाद सिंह रंजन, बिहार शिक्षा परियोजना के राज्य परियोजना निदेशक संजय सिंह, जिलाधिकारी संजय अग्रवाल, पटना की आरडीडीइ उषा चौधरी, शिक्षा विभाग के प्रवक्ता अमित कुमार समेत अन्य शिक्षा अधिकारी मौजूद थे. मंच संचालन शगुफ्ता यास्मीन और डॉ अर्चना चौधरी ने किया.
 
तीन जिला शिक्षा पदाधिकारी सम्मानित : राजकीय शिक्षा सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री ने तीन जिला शिक्षा पदाधिकारियों को शिक्षक कल्याण कोष में सबसे ज्यादा राशि देने के लिए सम्मानित किया.
 

नालंदा के डीइओ योगेश चंद्र सिंह, पटना के डीइओ मेदो दास व पश्चिम चंपारण के डीइओ विश्वनाथ साह को पहला, दूसरा व तीसरा पुरस्कार मिला. इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार माध्यमिक शिक्षा परिषद् की पुस्तक 'विद्या दृष्टि : संपूर्ण शराबंदी एक ऐतिहासिक फैसला' का लोकार्पण भी किया.
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