मधुबनी। स्थानीय माध्यमिक शिक्षक संघ भवन में अन्य वर्षों की तरह
शिक्षक दिवस पर सोमवार को शिक्षक मिलन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें
कुल 64 अवकाशप्राप्त शिक्षकों को पाग व दोपटा से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला सचिव बेचन झा ने कहा कि आज केंद्र व राज्य सरकारें शिक्षण संस्थाओं में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रत्येक राज्य में आइआइटी और आइआइएम खोलने की बात करती है लेकिन गुणवत्ता बहाल करने के लिए उच्च कोटि की प्रतिभाओं को शिक्षा व शिक्षण संस्थानों में लाने के लिए सम्मानजनक वेतन और सुविधाओं की चर्चा नहीं की जाती। केंद्रीय विद्यालय में सरकार प्रति बच्चा 20 से 25 हजार रुपए खर्चा करती है। वहीं गांव के सरकारी स्कूलों में मात्र 4 से 5 हजार रुपए ही खर्च करती है। जबकि देश के 80 प्रतिशत छात्र इन्हीं सरकारी स्कूलो में पढ़ते हैं। किसी भी समाज में लोकतांत्रिक व्यवस्था का तकाजा हे कि शिक्षकों को सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए उन्हें उन्नत वेतनमान के साथ आवश्यक सुविधाएं प्रदान करे। साथ ही ऐसी व्यवस्था का निर्माण हो जिससे शिक्षक अपने घर की परेशानी को मुक्त होकर बेहतर व श्रेष्ठ बन सके।
मुख्य अतिथि अजीत आजाद ने कहा कि शिक्षा का स्तर को उच्चता प्रदान करना जरूरी है। यह तभी हो सकता जब शिक्षकों को सही वेतनमान के साथ वह सारी सुविधाएं मिले। डा. सर्वनारायण मिश्र ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र के निर्माता हैं। यदि उन्हें सम्मान नहीं मिलेगा तो शिक्षा का स्तर ऊंचा नहीं उठ सकेगा। अन्य वक्ताओं ने भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों से केवल शिक्षण कार्य लेने व गैर शिक्षण कार्य से उन्हें मुक्त करने की बात कही।
इस अवसर पर मो. निजामुद्दीन, गौरी शंकर मिश्र, भोगेंद्र झा, विश्वंभर प्रसाद, गुलटेन यादव, योगेंद्र मंडल सहित 64 अवकाशप्राप्त शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इससे पूर्व अध्यक्ष सुनैना कुमारी, मुख्य अतिथि अजीत आजाद, प्रो सर्वनारायण मिश्र, बैद्यनाथ ¨सह, रामप्रसाद यादव, सचिव बेचन झा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। जिसके बाद अरूणोदय कुमार ने विद्यापति गीत, संगीत शिक्षिका मधुकुमारी ने सरस्वती वंदना व कुमारी निशा व माही राज ने स्वागत गान गाया।मंगलाचरण संस्कृत शिक्षक गोपाल कुमार झा व केशव कुमार झा ने प्रस्तुत किया।स्वागत व मंच संचालन सचिव बेचन झा ने किया।
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इस अवसर पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला सचिव बेचन झा ने कहा कि आज केंद्र व राज्य सरकारें शिक्षण संस्थाओं में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रत्येक राज्य में आइआइटी और आइआइएम खोलने की बात करती है लेकिन गुणवत्ता बहाल करने के लिए उच्च कोटि की प्रतिभाओं को शिक्षा व शिक्षण संस्थानों में लाने के लिए सम्मानजनक वेतन और सुविधाओं की चर्चा नहीं की जाती। केंद्रीय विद्यालय में सरकार प्रति बच्चा 20 से 25 हजार रुपए खर्चा करती है। वहीं गांव के सरकारी स्कूलों में मात्र 4 से 5 हजार रुपए ही खर्च करती है। जबकि देश के 80 प्रतिशत छात्र इन्हीं सरकारी स्कूलो में पढ़ते हैं। किसी भी समाज में लोकतांत्रिक व्यवस्था का तकाजा हे कि शिक्षकों को सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए उन्हें उन्नत वेतनमान के साथ आवश्यक सुविधाएं प्रदान करे। साथ ही ऐसी व्यवस्था का निर्माण हो जिससे शिक्षक अपने घर की परेशानी को मुक्त होकर बेहतर व श्रेष्ठ बन सके।
मुख्य अतिथि अजीत आजाद ने कहा कि शिक्षा का स्तर को उच्चता प्रदान करना जरूरी है। यह तभी हो सकता जब शिक्षकों को सही वेतनमान के साथ वह सारी सुविधाएं मिले। डा. सर्वनारायण मिश्र ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र के निर्माता हैं। यदि उन्हें सम्मान नहीं मिलेगा तो शिक्षा का स्तर ऊंचा नहीं उठ सकेगा। अन्य वक्ताओं ने भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों से केवल शिक्षण कार्य लेने व गैर शिक्षण कार्य से उन्हें मुक्त करने की बात कही।
इस अवसर पर मो. निजामुद्दीन, गौरी शंकर मिश्र, भोगेंद्र झा, विश्वंभर प्रसाद, गुलटेन यादव, योगेंद्र मंडल सहित 64 अवकाशप्राप्त शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इससे पूर्व अध्यक्ष सुनैना कुमारी, मुख्य अतिथि अजीत आजाद, प्रो सर्वनारायण मिश्र, बैद्यनाथ ¨सह, रामप्रसाद यादव, सचिव बेचन झा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। जिसके बाद अरूणोदय कुमार ने विद्यापति गीत, संगीत शिक्षिका मधुकुमारी ने सरस्वती वंदना व कुमारी निशा व माही राज ने स्वागत गान गाया।मंगलाचरण संस्कृत शिक्षक गोपाल कुमार झा व केशव कुमार झा ने प्रस्तुत किया।स्वागत व मंच संचालन सचिव बेचन झा ने किया।
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