पटना । जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा में
सुधार के लिए 25 सूत्री कार्य योजना तैयार की है। सभी प्रखंड शिक्षा
पदाधिकारियों (बीईओ) को तय समय सीमा के अंदर विद्यालयों में अपेक्षित सुधार
का 'होमवर्क' दिया गया है।
गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में डीएम ने सभी विद्यालयों में एक स्कूल कैप्टन चुनने का निर्देश दिया। बीईओ प्रत्येक माह स्कूल कैप्टन के साथ बैठक कर स्कूल की गतिविधियों की जानकारी लेंगे। बीईओ को प्रत्येक माह अपने क्षेत्र के सभी स्कूलों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करने का निर्देश भी दिया गया है। प्रत्येक शनिवार को रोस्टर के अनुसार प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी एक-एक उच्च विद्यालय का भ्रमण करेंगे। पदाधिकारी छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्द्धन करने के साथ उनकी कॅरियर काउंसलिंग भी करेंगे।
खराब रिजल्ट पर प्राचार्यो से स्पष्टीकरण
डीएम ने मैट्रिक परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों के प्राचार्यो और विषय विशेष में खराब प्रदर्शन करने वाले अध्यापकों से भी स्पष्टीकरण मांगा है। जिलाधिकारी ने ये भी पूछा है कि किसी शिक्षक के अनुपस्थित रहने पर कौन सा शिक्षक उनके बदले कक्षा लेगा, यह सभी स्कूल तय कर ले। अधिक बच्चों की उपस्थिति वाले 10 विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को प्रतिमाह सम्मानित किया जायेगा। ब्लैक बोर्ड को विकास कोष की राशि से आवश्यकतानुसार मरम्मत करने व बदलने का निर्देश भी दिया गया।
हर शनिवार को खेल व सांस्कृतिक आयोजन
छात्र-छात्राओं के समुचित विकास के लिए हर शनिवार को स्कूलों में खेल व सांस्कृतिक आयोजन कराने का निर्देश डीएम ने दिया। विद्यालयों में बैंडमिंटन, वॉलीबॉल कैरमबोर्ड, क्रिकेट किट एवं फुटबॉल की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया। प्रथम शनिवार को वाद-विवाद प्रतियोगिता, दूसरे शनिवार को निबंध प्रतियोगिता, तीसरे शनिवार को क्विज प्रतियोगिता और चौथे शनिवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया।
दो माह पर पैरेंट्स-टीचर मीटिंग
स्कूलों में प्रतिदिन प्रात: में होने वाले चेतना सत्र में पांच महत्वपूर्ण समाचार पत्रों को पढ़ने की व्यवस्था का निर्देश दिया। इसमें राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय, खेलकूद, स्थानीय समाचार एवं मनोरंजन से संबंधित समाचार चयनित छात्रों द्वारा पढ़े जाएंगे। चेतना सत्र में शारीरिक तंदुरुस्ती के लिए कम से कम 10 मिनट का ड्रिल या पीटी कराने को कहा गया। छात्र-छात्राओं के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास के बिंदुओं पर विमर्श के लिए दो माह में अभिभावक-शिक्षक गोष्ठी आयोजित करने का निर्देश दिया।
अब दो बार बनेगा अटेंडेंस
विद्यालय की दीवार एवं कक्षाओं में प्रेरक स्लोगन अंकित करवाने का निर्देश डीएम ने दिया। प्रत्येक कक्षा में छात्र-छात्राओं के लिए दो नायक चयनित करने का निर्देश दिया गया। छात्र-छात्राओं की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक दिन दो बार उपस्थिति दर्ज करने को कहा गया। फर्जी नामांकन वाले छात्र-छात्राओं को चिन्हित कर उनका नाम तत्काल हटाने का निर्देश मिला। डीएम ने कहा कि नामांकन के बाद कक्षा में न आने वालों की गंभीरता से जांच की जाए। कक्षा नौ के एडमिशन रजिस्टर को तत्काल बंद कर दिया जाए।
प्रखंड स्तर पर छात्रों का मैगजीन
प्रत्येक विद्यालय में सूचना पट्ट लगाकर विद्यालय की गतिविधियों की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ-साथ छात्र-छात्राओं द्वारा बनाई गई कलाकृतियां एवं दोहों को भी वहां जगह दी जाएगी। प्रत्येक माह प्रखंड स्तर पर अच्छे दोहों एवं चित्रों को मैगजीन के रूप में प्रकाशित कराने का निर्देश भी डीएम ने दिया। स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था कराने का निर्देश दिया गया। डीएम ने कहा कि स्कूलों में बने महिला शौचालय सिर्फ शिक्षिकाओं के लिए नहीं बल्कि छात्राओं के लिए भी हैं।
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गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में डीएम ने सभी विद्यालयों में एक स्कूल कैप्टन चुनने का निर्देश दिया। बीईओ प्रत्येक माह स्कूल कैप्टन के साथ बैठक कर स्कूल की गतिविधियों की जानकारी लेंगे। बीईओ को प्रत्येक माह अपने क्षेत्र के सभी स्कूलों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करने का निर्देश भी दिया गया है। प्रत्येक शनिवार को रोस्टर के अनुसार प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी एक-एक उच्च विद्यालय का भ्रमण करेंगे। पदाधिकारी छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्द्धन करने के साथ उनकी कॅरियर काउंसलिंग भी करेंगे।
खराब रिजल्ट पर प्राचार्यो से स्पष्टीकरण
डीएम ने मैट्रिक परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों के प्राचार्यो और विषय विशेष में खराब प्रदर्शन करने वाले अध्यापकों से भी स्पष्टीकरण मांगा है। जिलाधिकारी ने ये भी पूछा है कि किसी शिक्षक के अनुपस्थित रहने पर कौन सा शिक्षक उनके बदले कक्षा लेगा, यह सभी स्कूल तय कर ले। अधिक बच्चों की उपस्थिति वाले 10 विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को प्रतिमाह सम्मानित किया जायेगा। ब्लैक बोर्ड को विकास कोष की राशि से आवश्यकतानुसार मरम्मत करने व बदलने का निर्देश भी दिया गया।
हर शनिवार को खेल व सांस्कृतिक आयोजन
छात्र-छात्राओं के समुचित विकास के लिए हर शनिवार को स्कूलों में खेल व सांस्कृतिक आयोजन कराने का निर्देश डीएम ने दिया। विद्यालयों में बैंडमिंटन, वॉलीबॉल कैरमबोर्ड, क्रिकेट किट एवं फुटबॉल की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया। प्रथम शनिवार को वाद-विवाद प्रतियोगिता, दूसरे शनिवार को निबंध प्रतियोगिता, तीसरे शनिवार को क्विज प्रतियोगिता और चौथे शनिवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया।
दो माह पर पैरेंट्स-टीचर मीटिंग
स्कूलों में प्रतिदिन प्रात: में होने वाले चेतना सत्र में पांच महत्वपूर्ण समाचार पत्रों को पढ़ने की व्यवस्था का निर्देश दिया। इसमें राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय, खेलकूद, स्थानीय समाचार एवं मनोरंजन से संबंधित समाचार चयनित छात्रों द्वारा पढ़े जाएंगे। चेतना सत्र में शारीरिक तंदुरुस्ती के लिए कम से कम 10 मिनट का ड्रिल या पीटी कराने को कहा गया। छात्र-छात्राओं के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास के बिंदुओं पर विमर्श के लिए दो माह में अभिभावक-शिक्षक गोष्ठी आयोजित करने का निर्देश दिया।
अब दो बार बनेगा अटेंडेंस
विद्यालय की दीवार एवं कक्षाओं में प्रेरक स्लोगन अंकित करवाने का निर्देश डीएम ने दिया। प्रत्येक कक्षा में छात्र-छात्राओं के लिए दो नायक चयनित करने का निर्देश दिया गया। छात्र-छात्राओं की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक दिन दो बार उपस्थिति दर्ज करने को कहा गया। फर्जी नामांकन वाले छात्र-छात्राओं को चिन्हित कर उनका नाम तत्काल हटाने का निर्देश मिला। डीएम ने कहा कि नामांकन के बाद कक्षा में न आने वालों की गंभीरता से जांच की जाए। कक्षा नौ के एडमिशन रजिस्टर को तत्काल बंद कर दिया जाए।
प्रखंड स्तर पर छात्रों का मैगजीन
प्रत्येक विद्यालय में सूचना पट्ट लगाकर विद्यालय की गतिविधियों की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ-साथ छात्र-छात्राओं द्वारा बनाई गई कलाकृतियां एवं दोहों को भी वहां जगह दी जाएगी। प्रत्येक माह प्रखंड स्तर पर अच्छे दोहों एवं चित्रों को मैगजीन के रूप में प्रकाशित कराने का निर्देश भी डीएम ने दिया। स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था कराने का निर्देश दिया गया। डीएम ने कहा कि स्कूलों में बने महिला शौचालय सिर्फ शिक्षिकाओं के लिए नहीं बल्कि छात्राओं के लिए भी हैं।
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