नई दिल्ली. विश्वविद्यालय अनुदाल आयोग (यूजीसी) से संबंधित विश्वविद्यालयों औऱ कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर हालिया अधिसूचित नियों में न्यूनतम पात्रता तय करने के लिेए जर्नलों के चुनाव को लेकर अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के बारे में बताया गया हैष
इन र्जनलों में प्रकाशित लेख को ही किसी शिक्षक या अन्य अकादमिक स्टाफ के अकेडमिक परफॉरमेंस इंडेक्स (एपीआई) के शोध और अकादमिक योगदान वाली श्रेणी में शामिल कर उनके परफॉर्मेंस का आकलन किया जाएगा। गौरतलब है कि इन नियमों को यूजीसी ने बीते 11 जुलाई को एचआरडी मंत्रालय से मंजूरी लेकर अधिसूचित कर दिया था। एचआरडी मंत्रालय में उच्च-शिक्षा विभाग के राज्य मंत्री डॉ.महेंद्रनाथ पांडेय ने राज्यसभा में इसकी जानकारी दी।
छात्रों के लिए प्राप्तांक छूट
एससी, एसटी और ओबोसी श्रेणियों में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पात्रता एवं श्रेेष्ठ अकादमिक रिकार्ड के उद्देश्य से शैक्षिक पदों पर प्रत्यक्ष भर्ती के दौरान 5 फीसदी अंकों की छूट मिलेगी। यह छूट 55 फीसदी अंकों पर दी जाएगी। कुलपति के पदों पर 75 हजार रूपए के वेतन के साथ 5 हजार रूपए प्रतिमाह विशेष भत्ता दिया जाएगा। वेतन के अलावा कुलपति को बाकी सुविधाएं संबंधित विवि के प्रावधानों के अनुरूप दी जाएंगी। महाविद्यालयों में प्राचार्यों की नियुक्ति अवधि 5 साल होगी तथा चयन समिति द्वारा नियुक्त किए जाने के बाद ही वो एक और सत्र के लिए पात्र होंगे।
संशोधित नियम
मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक आयोग ने नियुक्ति संबंधी 2010 के मानकों में संशोधन करके नए नियम जारी किए हैं। इसमें र्जनलों के चयन के लिए विश्वविद्यालय विषय विशेषज्ञ समितियों के माध्यम से पत्रिकाओं को विषयवार चिन्हित करेगा तथा अनुशंसायें यूजीसी द्वारा निधार्रित प्रारूप में आयोग की स्थायी समिति की मंजूरी के लिए भेजेगा। स्थायी समिति द्वारा जिन पत्रिकाओं को ऐसी सूची में से स्वीकृत किया जाए, उन्हें यूजीसी की अधिसूचित पत्रिका सूची में शामिल किया जाएगा। विवि से ऐसी सूची मिलने के 60 दिनों के अंदर यूजीसी स्थायी समिति उसकी अनुशंसाएं प्रस्तुत कर देगी।
पत्रिका सूची में सम्मिलित किए जाने के लिए यूजीसी समिति अपने आपसे भी पत्रिकाओं की अनुशंसा कर सकती है। एपीआई के लिए र्जनलों की सूची तैयार करने के मामले में यूजीसी ने कुछ समय प्रोफसर वी.एस.चौहान (सदस्य, यूजीसी) की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित की थी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से संबंद्ध विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर हालिया अधिसूचित नियमों में न्यूनतम पात्रता तय करने के लिए र्जनलों के चुनाव को लेकर अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के बारे में बताया गया है।
पीएचडी धारकों के लिए शर्त
2009 से पहले पीएचडी करने वाले अभ्यार्थियों के लिए छूट इन शर्तों के साथ लागू होगी जिसमें अभ्यर्थी को नियमित पद्धति से पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई हो, कम से कम दो बाहरी परीक्षकों द्वारा शोध प्रबंध का मूल्यांकन किया गया हो। अभ्यर्थी का मुक्त मौखिक साक्षात्कार किया गया हो। अपने शोध कार्य में से अभ्यर्थी ने दो शोध पत्र प्रकाशित किए हों। इनमें से एक पत्र संदर्भित पत्रिका में प्रकाशित किया गया हो।
अपने कार्य में से दो प्रस्तुतियां सम्मेलनों, संगोष्ठियों में दी हों। सहायक-आचार्य, सह-आचार्य और आचार्य के लिए प्रति सप्ताह निधार्रित शिक्षण के घंटों में क्रमश: 16,14,14 घंटे तय किए गए हैं। इनमें व्याख्यान, अनुशिक्षण, प्रैक्टिकल्स, प्रोजेक्ट पर्यवेक्षण, क्षेत्रीय कार्य शामिल है।
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