लखीसराय। सरकार शिक्षा के अधिकार कानून के तहत शिक्षा की अनिवार्यता एवं
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए लगातार प्रयासरत है। लेकिन अब भी सरकारी
स्कूलों में प्रारंभिक शिक्षा हाशिये पर है। शिक्षा विभाग की ताजा रिपोर्ट
के अनुसार लखीसराय जिले में कुल 772 प्रारंभिक विद्यालयों में 81 सरकारी
स्कूल एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं। जहां कक्षा एक से पांच तक करीब साढ़े
छह हजार बच्चे अध्ययनरत हैं।
नक्सल प्रभावित कजरा शिक्षांचल एवं चानन शिक्षांचल में 32 ऐसे स्कूल हैं जहां मात्र एक शिक्षक हैं। कुल मिलाकर करीब 80 छात्रों को पढ़ाने की जिम्मेदारी एक शिक्षक पर है। ऐसे में इन स्कूलों में पठन-पाठन प्रभावित होता है। साथ ही एमडीएम योजना का संचालन भी अनियमित ढंग से चलता है। इतना ही नहीं एकल शिक्षक वाले विद्यालयों की कमान संभाले शिक्षकों को भी कई समस्या से जूझना पड़ता है। प्रशिक्षण विभाग कार्य या फिर परीक्षा, बीमार पड़ने आदि स्थिति में विद्यालय बंद रहता है। इनमें से कई ऐसे भी एकल शिक्षक वाले विद्यालय हैं जो भूमिहीन व भवनहीन हैं।
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प्रखंडवार एकल शिक्षक वाले स्कूल का आंकड़ा
चानन प्रखंड - 16
सूर्यगढ़ा प्रखंड - 10
रामगढ़ चौक प्रखंड - 07
लखीसराय प्रखंड - 13
बड़हिया प्रखंड - 07
हलसी प्रखंड - 06
पिपरिया प्रखंड - 05
कजरा शिक्षांचल - 16
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विद्यालय का केस स्टडी
लखीसराय प्रखंड अंतर्गत दामोदरपुर पंचायत के प्राथमिक विद्यालय चमघरा ¨बद टोली में कक्षा एक से पांच तक कुल 220 बच्चे नामांकित हैं। विद्यालय प्रधान अमिताब बच्चन बताते हैं कि विद्यालय में दो कमरा है। एक कमरा में कक्षा 1 से 3 तथा एक कमरे में कक्षा 4 व पांच के बच्चे को बैठाया जाता है। बारी-बारी से दोनों कमरे में जाकर बच्चों को पढ़ाया जाता है। एक कमरे में जाते हैं तो दूसरे कमरे के बच्चे की देखरेख के लिए कुछ बच्चों को ही मोनिटर के रूप में रखते हैं। विद्यालय में अतिरिक्त शिक्षक नहीं रहने के कारण सीएल छुट्टी ग्रांट नहीं होता है। आवश्यक कार्य के लिए जाने पर विद्यालय बंद करना पड़ता है। जिस कारण पठन-पाठन बाधित होता है।
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क्या कहते हैं पदाधिकारी
निदेशक प्राथमिक शिक्षा बिहार पटना के आदेश के आलोक में छात्र-शिक्षक अनुपात में शिक्षक नियोजन इकाईयों को सामंजन करने का आदेश जारी किया गया है। कोई भी विद्यालय शिक्षकों की कमी के कारण बंद न हो इसके लिए एकल शिक्षक के जिम्मे विद्यालय संचालन कराया जा रहा है।
त्रिलोकी ¨सह, डीईओ, लखीसराय।
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नक्सल प्रभावित कजरा शिक्षांचल एवं चानन शिक्षांचल में 32 ऐसे स्कूल हैं जहां मात्र एक शिक्षक हैं। कुल मिलाकर करीब 80 छात्रों को पढ़ाने की जिम्मेदारी एक शिक्षक पर है। ऐसे में इन स्कूलों में पठन-पाठन प्रभावित होता है। साथ ही एमडीएम योजना का संचालन भी अनियमित ढंग से चलता है। इतना ही नहीं एकल शिक्षक वाले विद्यालयों की कमान संभाले शिक्षकों को भी कई समस्या से जूझना पड़ता है। प्रशिक्षण विभाग कार्य या फिर परीक्षा, बीमार पड़ने आदि स्थिति में विद्यालय बंद रहता है। इनमें से कई ऐसे भी एकल शिक्षक वाले विद्यालय हैं जो भूमिहीन व भवनहीन हैं।
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प्रखंडवार एकल शिक्षक वाले स्कूल का आंकड़ा
चानन प्रखंड - 16
सूर्यगढ़ा प्रखंड - 10
रामगढ़ चौक प्रखंड - 07
लखीसराय प्रखंड - 13
बड़हिया प्रखंड - 07
हलसी प्रखंड - 06
पिपरिया प्रखंड - 05
कजरा शिक्षांचल - 16
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विद्यालय का केस स्टडी
लखीसराय प्रखंड अंतर्गत दामोदरपुर पंचायत के प्राथमिक विद्यालय चमघरा ¨बद टोली में कक्षा एक से पांच तक कुल 220 बच्चे नामांकित हैं। विद्यालय प्रधान अमिताब बच्चन बताते हैं कि विद्यालय में दो कमरा है। एक कमरा में कक्षा 1 से 3 तथा एक कमरे में कक्षा 4 व पांच के बच्चे को बैठाया जाता है। बारी-बारी से दोनों कमरे में जाकर बच्चों को पढ़ाया जाता है। एक कमरे में जाते हैं तो दूसरे कमरे के बच्चे की देखरेख के लिए कुछ बच्चों को ही मोनिटर के रूप में रखते हैं। विद्यालय में अतिरिक्त शिक्षक नहीं रहने के कारण सीएल छुट्टी ग्रांट नहीं होता है। आवश्यक कार्य के लिए जाने पर विद्यालय बंद करना पड़ता है। जिस कारण पठन-पाठन बाधित होता है।
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क्या कहते हैं पदाधिकारी
निदेशक प्राथमिक शिक्षा बिहार पटना के आदेश के आलोक में छात्र-शिक्षक अनुपात में शिक्षक नियोजन इकाईयों को सामंजन करने का आदेश जारी किया गया है। कोई भी विद्यालय शिक्षकों की कमी के कारण बंद न हो इसके लिए एकल शिक्षक के जिम्मे विद्यालय संचालन कराया जा रहा है।
त्रिलोकी ¨सह, डीईओ, लखीसराय।
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