पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद के कार्यकाल में बिहार बोर्ड ने
रेवड़ियों की तरह मान्यता बांटी। कॉलेजों की मान्यता की जांच में यह खुलासा
हुआ है। जांच में कई चौंकाने वाली बात सामने आई है।
कहीं केवल चार कमरों में स्कूल खोलने की अनुमति दी गई तो कहीं बिना कमरे के ही मान्यता दी गई। यहां तक कि गैरेज को भी कॉलेज बना दिया गया था।
लालकेश्वर प्रसाद ने कुल 213 कॉलेजों को मान्यता दी थी। टॉपर घोटाला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने इनकी जांच जांच कराई। 158 कॉलेजों की जांच पूरी कर ली गई है। ज्यादातर गड़बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित मिल रही है। कुछ कॉलेजों में शिक्षकों की कमी सहित अन्य तरह की समस्याएं भी मिल रही है।
कई कॉलेजों पर गाज गिरना तय
पूर्व अध्यक्ष ने सबसे अधिक कॉलेजों की मान्यता गया, छपरा, वैशाली और नालंदा में दी थी। गया के 32 में 31, छपरा के 23 में 9 वैशाली के 21 में 15 और नालंदा के चार के चार कॉलेजों की जांच हो गयी है। रिपोर्ट के अनुसार इनमें कई कॉलेजों पर गाज गिरना तय है।
पांच सदस्यीय कमेटी कर रही जांच
गुरुवार को बोर्ड कार्यालय में अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि कॉलेजों की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है। इस कमेटी में जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में एडीएम, डीएसपी के प्रतिनिधि एक पुलिस अधिकारी, डीईओ, उप समाहर्ता और एक बोर्ड के सदस्य जांच टीम शामिल हैं।
रद्द होगी मान्यता
उन्होंने बताया कि सभी कॉलेजों की जांच चल रही है। इसी महीने तक लगभग कॉलेजों की जांच समाप्त हो जाएगी। जांच कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार कसौटी पर खरा नहीं उतरने वाले कॉलेजों की मान्यता पहले निलंबित की जाएगी। सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बाद मानक के अनुसार नहीं पाए गए कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
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कहीं केवल चार कमरों में स्कूल खोलने की अनुमति दी गई तो कहीं बिना कमरे के ही मान्यता दी गई। यहां तक कि गैरेज को भी कॉलेज बना दिया गया था।
लालकेश्वर प्रसाद ने कुल 213 कॉलेजों को मान्यता दी थी। टॉपर घोटाला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने इनकी जांच जांच कराई। 158 कॉलेजों की जांच पूरी कर ली गई है। ज्यादातर गड़बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित मिल रही है। कुछ कॉलेजों में शिक्षकों की कमी सहित अन्य तरह की समस्याएं भी मिल रही है।
कई कॉलेजों पर गाज गिरना तय
पूर्व अध्यक्ष ने सबसे अधिक कॉलेजों की मान्यता गया, छपरा, वैशाली और नालंदा में दी थी। गया के 32 में 31, छपरा के 23 में 9 वैशाली के 21 में 15 और नालंदा के चार के चार कॉलेजों की जांच हो गयी है। रिपोर्ट के अनुसार इनमें कई कॉलेजों पर गाज गिरना तय है।
पांच सदस्यीय कमेटी कर रही जांच
गुरुवार को बोर्ड कार्यालय में अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि कॉलेजों की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है। इस कमेटी में जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में एडीएम, डीएसपी के प्रतिनिधि एक पुलिस अधिकारी, डीईओ, उप समाहर्ता और एक बोर्ड के सदस्य जांच टीम शामिल हैं।
रद्द होगी मान्यता
उन्होंने बताया कि सभी कॉलेजों की जांच चल रही है। इसी महीने तक लगभग कॉलेजों की जांच समाप्त हो जाएगी। जांच कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार कसौटी पर खरा नहीं उतरने वाले कॉलेजों की मान्यता पहले निलंबित की जाएगी। सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बाद मानक के अनुसार नहीं पाए गए कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।