बेतिया। जिला प्रशासन के एक आदेश पर शिक्षक प्रतिनियुक्ति के मामले में
संबंधित अधिकारियों और शिक्षकों की बेचैनी बढ़ गई है। पहुंच और पैरवी के बल
पर प्रतिनियुक्ति कराने और विद्यालयों से गायब रहने के खेल में शामिल
विभिन्न प्रखंडों के प्रतिनियुक्त शिक्षकों को वापस मूल विद्यालय में भेजना
पड़ा है।
अब कई पदाधिकारियों के आगे पीछे बाडीगार्ड की तरह घूमने वाले ऐसे शिक्षक नजर भी नही आ रहे। बता दें कि प्रतिनियुक्ति का खेल लंबे समय से चलता रहा है। नरकटियागंज, गौनाहा, मैनाटांड, सिकटा और लौरिया प्रखंड क्षेत्र के कई शिक्षक अपने मन चाहे जगहों पर लंबे समय से प्रतिनियुक्त रहे। कई शिक्षकों का तो प्रखंड से बाहर भी प्रतिनियुक्ति की चर्चा पिछले दो दिनों से शिक्षकों के बीच हो रही है। विभागीय सचिव के आदेश के आलोक में प्रतिनियुक्ति खत्म करने के मामले ठंडे बस्ते में डाले जाते रहे। कभी कोई सुर्खियां बनी तो कुछ शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति खत्म करते हुए उन्हें विद्यालय भेज दिया गया। फिर दूसरे विद्यालय से कुछ शिक्षकों को अपने यहां प्रतिनियुक्त कर दिया जाता रहा। शिक्षक बदलते रहे। मगर प्रतिनियुक्ति का खेल नही थमा। इसका दूष परिणाम संबंधित विद्यालयों के नौनिहालों को उठाना पड़ा। शिक्षकों की कमी से वे विद्यालय जूझते रहे। शिक्षा सूत्रों ने बताया कि प्रखंडों और अन्य जगहों पर प्रतिनियुक्त कई शिक्षक उन जगहों पर ड्यूटी न करके अपने व्यक्तिगत काम में लगे रहे। कई जगह तो विद्यालयों में उत्पन्न विवाद को सुलझाने के बजाय कुछ शिक्षक को अन्यत्र प्रतिनियुक्ति कर पहल की इतिश्री कर दी गई थी। वैसे शिक्षा विभाग प्रतिनियुक्त शिक्षकों के मामले में स्पष्ट आंकडे़ तो नही बता रहा है। मगर ऐसे शिक्षकों की संख्या सभी प्रखंडों में अच्छी खासी बताई जाती है। कई शिक्षकों ने बताया कि जिला पदाधिकारी लोकेश कुमार सिंह ने प्रतिनियुक्ति पर तल्ख तेवर के साथ डीईओ, डीपीओ और बीडीओ को जो हिदायतें दीं हैं। वह सकारात्मक मोड़ लिया है और प्रतिनियुक्त शिक्षक अपने अपने विद्यालयों की ओर लौटने शुरू कर दिए हैं। शिक्षकों के बीच एक ऐसा भी समूह है जो प्रतिनियुक्ति को भगोड़ा की संज्ञा देते हुए पसंद नही करता। उनका कहना है कि हमलोग भी नजर रख रहे हैं। यदि प्रतिनियुक्त शिक्षक एक दो दिन में मूल विद्यालय नही पहुंचे तो प्रतिनियुक्त करने वाले पदाधिकारियों के साथ संबंधित शिक्षक की सूचना जिला प्रशासन को दी जाएगी। बता दें कि जिला पदाधिकारी ने प्रतिनियुक्त शिक्षकों का ब्योरा भी 72 घंटे के अंदर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उसकी अवधि भी आज से कल तक समाप्त हो जाएगी। शिक्षकों के प्रतिनियुक्ति के विभागीय आदेश को तलब किया गया है और यदि जवाब संतोषजनक प्राप्त नही हुआ तो संबंधित तीन पदाधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई भी जिला प्रशासन कर सकता है। इसको लेकर अधिकारियों की बेचैनी बढ़ गई है।
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अब कई पदाधिकारियों के आगे पीछे बाडीगार्ड की तरह घूमने वाले ऐसे शिक्षक नजर भी नही आ रहे। बता दें कि प्रतिनियुक्ति का खेल लंबे समय से चलता रहा है। नरकटियागंज, गौनाहा, मैनाटांड, सिकटा और लौरिया प्रखंड क्षेत्र के कई शिक्षक अपने मन चाहे जगहों पर लंबे समय से प्रतिनियुक्त रहे। कई शिक्षकों का तो प्रखंड से बाहर भी प्रतिनियुक्ति की चर्चा पिछले दो दिनों से शिक्षकों के बीच हो रही है। विभागीय सचिव के आदेश के आलोक में प्रतिनियुक्ति खत्म करने के मामले ठंडे बस्ते में डाले जाते रहे। कभी कोई सुर्खियां बनी तो कुछ शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति खत्म करते हुए उन्हें विद्यालय भेज दिया गया। फिर दूसरे विद्यालय से कुछ शिक्षकों को अपने यहां प्रतिनियुक्त कर दिया जाता रहा। शिक्षक बदलते रहे। मगर प्रतिनियुक्ति का खेल नही थमा। इसका दूष परिणाम संबंधित विद्यालयों के नौनिहालों को उठाना पड़ा। शिक्षकों की कमी से वे विद्यालय जूझते रहे। शिक्षा सूत्रों ने बताया कि प्रखंडों और अन्य जगहों पर प्रतिनियुक्त कई शिक्षक उन जगहों पर ड्यूटी न करके अपने व्यक्तिगत काम में लगे रहे। कई जगह तो विद्यालयों में उत्पन्न विवाद को सुलझाने के बजाय कुछ शिक्षक को अन्यत्र प्रतिनियुक्ति कर पहल की इतिश्री कर दी गई थी। वैसे शिक्षा विभाग प्रतिनियुक्त शिक्षकों के मामले में स्पष्ट आंकडे़ तो नही बता रहा है। मगर ऐसे शिक्षकों की संख्या सभी प्रखंडों में अच्छी खासी बताई जाती है। कई शिक्षकों ने बताया कि जिला पदाधिकारी लोकेश कुमार सिंह ने प्रतिनियुक्ति पर तल्ख तेवर के साथ डीईओ, डीपीओ और बीडीओ को जो हिदायतें दीं हैं। वह सकारात्मक मोड़ लिया है और प्रतिनियुक्त शिक्षक अपने अपने विद्यालयों की ओर लौटने शुरू कर दिए हैं। शिक्षकों के बीच एक ऐसा भी समूह है जो प्रतिनियुक्ति को भगोड़ा की संज्ञा देते हुए पसंद नही करता। उनका कहना है कि हमलोग भी नजर रख रहे हैं। यदि प्रतिनियुक्त शिक्षक एक दो दिन में मूल विद्यालय नही पहुंचे तो प्रतिनियुक्त करने वाले पदाधिकारियों के साथ संबंधित शिक्षक की सूचना जिला प्रशासन को दी जाएगी। बता दें कि जिला पदाधिकारी ने प्रतिनियुक्त शिक्षकों का ब्योरा भी 72 घंटे के अंदर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उसकी अवधि भी आज से कल तक समाप्त हो जाएगी। शिक्षकों के प्रतिनियुक्ति के विभागीय आदेश को तलब किया गया है और यदि जवाब संतोषजनक प्राप्त नही हुआ तो संबंधित तीन पदाधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई भी जिला प्रशासन कर सकता है। इसको लेकर अधिकारियों की बेचैनी बढ़ गई है।
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