पटना :
मैट्रिक की स्क्रूटनी पूरी हो चुकी है. रिजल्ट को बोर्ड की वेबसाइट पर
अपलोड भी किया जा रहा है. लेकिन, स्क्रूटनी के दौरान पांच हजार के रिजल्ट
पर रोक लगा दी गयी है. इनकी उत्तरपुस्तिकाओं में अंकों की टोटलिंग में काफी
अंतर है. इतना ही नहीं, उत्तरपुस्तिका के अंक और मार्क्स फाइल के अंक में
भी काफी का अंतर है.
ऐसे में बिहार बोर्ड ने पांच हजार परीक्षार्थियों के रिजल्ट पर रोक
लगा कर यह मामला कदाचार जांच समिति को सौंप दिया है. कदाचार जांच समिति
अंकों की जांच कर रही है. मार्क्स फाइल, उत्तरपुस्तिका की जांच करने के बाद
ही अंक देने पर निर्णय लिया जायेगा. इसके बाद ही इन छात्रों को रिजल्ट मिल
पायेगा.
पांच अंक से अधिक अंतर आने पर रोका गया रिजल्ट : मैट्रिक की स्क्रूटनी
के दौरान पांच अंक तक ही देने का निर्देश शिक्षकों को दिया गया था. समिति
के अनुसार उत्तरपुस्तिका की रि-टोटलिंग में शिक्षकों को पांच अंक तक अंतर
आने पर ही उसे सही करने को कहा गया था. लेकिन, स्क्रूटनी के दौरान ऐसी
सैकड़ों उत्तरपुस्तिका आयीं, जिनमें अंदर लिखे जवाब और ऊपर के कुल अंकों
में काफी अंतर था. यह अंतर पांच अंकों से ज्यादा हो रहा था. ऐसे में इन
उत्तरपुस्तिकाओं को रोक दिया गया है.
कहां हुई गड़बड़ी, जांच कर रही जांच समिति : उत्तरपुस्तिका पर अंक
देने में मूल्यांकन के दौरान कहां पर गड़बड़ी हुई और ऐसा क्यों किया गया,
इस पर कदाचार जांच समिति काम कर रही है. ऐसे में उन शिक्षकों से भी संपर्क
किया जा रहा है, जिन्होंने उन उत्तरपुस्तिकाओं की जांच की है. शिक्षकों की
लापरवाही की भी जांच कदाचार जांच समिति कर रही है. मूल्यांकन में गड़बड़ी
करनेवाले शिक्षकों से उसकी वजह भी पूछी जा रही है. ऐसे शिक्षकों की सूची भी
जांच समिति रख रही है. अंक देने या काटने के खेल की भी पूछताछ जांच समिति
की ओर से की जा रही है.
बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कई उत्तरपुस्तिकाओं की
टोटलिंग में अंक काफी बढ़ गये हैं. ऐसी उत्तरपुस्तिकाएं जांच के लिए कदाचार
समिति को साैंपी गयी हैं. कदाचार जांच समिति की रिपोर्ट के बाद ही रिजल्ट
दिया जायेगा. जो शिक्षक दोषी होंगे, उन्हें ब्लैकलिस्टेड कर दिया जायेगा.
लिखे हुए उत्तर पर भी पूरे नहीं दिये गये अंक : नाम नहीं छापने की
शर्त पर एक शिक्षक ने बताया कि स्क्रूटनी की दौरान कई उत्तरपुस्तिकाओं में
जो लिखा हुआ है, उससे कम अंक दिया हुआ है.
वहीं, दूसरी ओर ऐसे उत्तरपुस्तिकाओं को भी रोका गया, जिनमें मार्क्स
फाइल और उत्तरपुस्तिका के अंक में काफी अंतर था. जब स्क्रूटनी के बाद
मार्क्स फाइल से उत्तरपुस्तिका के अंकों का मिलान किया गया, तो मार्क्स
फाइल में दिये गये अंक और उत्तर पुस्तिका के अंक में काफी अंतर पाया गया
है.
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