शेखपुरा.ललन कुमार जिले
के विभिन्न मिडिल स्कूलों में प्रोन्नति से बने नए एचएम शिक्षकों से
मनचाहे स्कूलों में पोस्टिंग के लिए 50 -50 हजार रूपये की बोली लगाई गयी।
जो शिक्षक इस राशि का भुगतान नहीं कर सके उन्हें सुदूरवर्ती इलाके के मिडिल
स्कूलों भेज दिया गया।
शिक्षा विभाग के सरकारी सूत्रों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि जिले के विभिन्न मिडिल स्कूलों में 111 शिक्षकों को एचएम में प्रोन्नति 30 जून को ही दी गयी थी। विभाग ने इसे डेढ़ महीने तक रोके रखे जाने के बाद 12 अगस्त को शिक्षकों को एचएम में प्रोन्नति की चिट्ठी दी। आखिर इतने दिनों तक प्रोन्नति को विभाग क्यों रोके रहा।
कारण साफ़ स्पष्ट है। विभाग ने मनचाहे पोस्टिंग के लिए 50 -50 हजार रूपये की खुली बोली किरानी के माध्यम से लगा रखी थी। जो इस राशि का भुगतान नहीं कर सके तो उसे अच्छे स्कूलों में पोस्टिंग की गयी और जो भुगतान नही कर सके उन्हें सुदूरवर्ती स्कूलों में फेंक दिया गया। उन्होने सवाल उठाते हुए कहा कि विभाग ने लॉटरी सिस्टम से इन शिक्षकों की पोस्टिंग क्यों नहीं की। पैसे का खेल विभाग में स्थापित दो किरानी द्वारा खेला गया। उन्होंने बताया कि 111 शिक्षकों को एचएम में प्रोन्नति दिया गया, लेकिन 96 की ही पोस्टिंग क्यों की गयी।
आखिर 15 शिक्षकों की पोस्टिंग क्यों रोक कर रखा गया। इसलिए कि वे विभाग के शर्तों को दरकिनार कर दिया। वहीँ इस मामले में डीईओ मो तकिउद्दीन ने कहा कि 50 -50 हजार रूपये लेकर नए एचएम की मनचाही पोस्टिंग करने की बात गलत है। 15 शिक्षकों की पोस्टिंग तकनीकी कारणों से नहीं की गयी है। आपको बताते चलें कि जिले के 222 मिडिल स्कूलों में प्रोन्नति से 96 नए हेमास्टरों की पोस्टिंग की गयी है ।जिले की शिक्षा विभाग द्वारा इस तरह के पैसों के खेल से फिर एक बार बिहार सरकार की शिक्षा विभाग शर्मसार हुई।
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शिक्षा विभाग के सरकारी सूत्रों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि जिले के विभिन्न मिडिल स्कूलों में 111 शिक्षकों को एचएम में प्रोन्नति 30 जून को ही दी गयी थी। विभाग ने इसे डेढ़ महीने तक रोके रखे जाने के बाद 12 अगस्त को शिक्षकों को एचएम में प्रोन्नति की चिट्ठी दी। आखिर इतने दिनों तक प्रोन्नति को विभाग क्यों रोके रहा।
कारण साफ़ स्पष्ट है। विभाग ने मनचाहे पोस्टिंग के लिए 50 -50 हजार रूपये की खुली बोली किरानी के माध्यम से लगा रखी थी। जो इस राशि का भुगतान नहीं कर सके तो उसे अच्छे स्कूलों में पोस्टिंग की गयी और जो भुगतान नही कर सके उन्हें सुदूरवर्ती स्कूलों में फेंक दिया गया। उन्होने सवाल उठाते हुए कहा कि विभाग ने लॉटरी सिस्टम से इन शिक्षकों की पोस्टिंग क्यों नहीं की। पैसे का खेल विभाग में स्थापित दो किरानी द्वारा खेला गया। उन्होंने बताया कि 111 शिक्षकों को एचएम में प्रोन्नति दिया गया, लेकिन 96 की ही पोस्टिंग क्यों की गयी।
आखिर 15 शिक्षकों की पोस्टिंग क्यों रोक कर रखा गया। इसलिए कि वे विभाग के शर्तों को दरकिनार कर दिया। वहीँ इस मामले में डीईओ मो तकिउद्दीन ने कहा कि 50 -50 हजार रूपये लेकर नए एचएम की मनचाही पोस्टिंग करने की बात गलत है। 15 शिक्षकों की पोस्टिंग तकनीकी कारणों से नहीं की गयी है। आपको बताते चलें कि जिले के 222 मिडिल स्कूलों में प्रोन्नति से 96 नए हेमास्टरों की पोस्टिंग की गयी है ।जिले की शिक्षा विभाग द्वारा इस तरह के पैसों के खेल से फिर एक बार बिहार सरकार की शिक्षा विभाग शर्मसार हुई।