पटना [वेब डेस्क]। आजा पुकारे बाहें पसारे, पूरब का उपहार है, धर्मों का संगम है, कण-कण पावन है, ये देवों का बिहार है...। यह गीत अब बिहार के स्कूली बच्चे रोज सवेरे स्कूल में गीत गाएंगे। यह बच्चों का स्कूल गीत होगा। इस गीत को फिल्म पीके में लव इज वेस्ट ऑफ टाइम जैसे मशहूर गाने के लेखक अमिताभ वर्मा ने लिखा है।
बिहार की गौरवगाथा और उसके वैभव वाले इस गीत की रेकार्डिंग हो चुकी है। अगले दो-तीन दिन में राज्यवासियों की रायशुमारी के लिए इसे सोशल मीडिया पर जारी कर दिया जाएगा।
तीन-चार माह से चल रही थी रचना प्रक्रिया
शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी की पहल पर पिछले तीन-चार महीने से इस गीत की रचना प्रक्रिया चल रही थी। प्रक्रिया के बाद गीत का फस्र्ट कट रेकार्डेड वर्जन अब तैयार हो चुका है। बुधवार को शिक्षा मंत्री ने बताया कि जल्द ही वे इस गीत को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुनाएंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की राय जानने के बाद फिर सोशल मीडिया पर बिहार के लोगों की भी राय ली जाएगी जो महत्वपूर्ण होगा। फिर उन सुझावों पर एक कमेटी गौर करेगी। आमलोगों की पसंद और मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिली तो स्कूल गीत राज्यभर के सरकारी व निजी विद्यालयों में जल्द लागू हो जाएगा।
बच्चे प्रार्थना सत्र में गाएंगे गीत
2012 में सरकार की ओर से लागू सत्यनारायण लिखित राज्यगीत और एमआर चिश्ती लिखित राज्य प्रार्थना के साथ स्कूली बच्चे सुबह की प्रार्थना सत्र में यह स्कूल गीत भी गाएंगे।
डॉ. चौधरी ने बताया कि गीतकार अमिताभ वर्मा के साथ ही उनकी पत्नी श्रुति अंदिता वर्मा व गीत को धुन में पिरोने वाले संगीतकार बापी, तीनों बिहार के ही हैं। इन्हीं तीनों ने गीत तैयार किया है। मंत्री ने कहा कि स्कूल गीत राज्य के बच्चों में छुटपन से बिहारी प्राइड भरने की कारगर कोशिश साबित होगी।
क्या है स्कूल गीत में
इसके अंतरे में बिहार के महापुरुषों, गंगा जमुनी तहजीब, विभिन्न धर्मों के उद्गम और बिहार के धरोहरों और प्राचीन शिक्षा केंद्रों की महत्ता समाहित है। रेकार्डेड गीत करीब दो मिनट का है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसमें दो अंतरा और जोड़ा जाएगा। मिथिला और इस इलाके की महत्ता जोड़ा जाना बाकी है।
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