रोहतास। प्राथमिकी दर्ज फर्जी शिक्षकों को सेवामुक्त करने का मामला फिलहाल शिक्षा विभाग व नियोजन इकाई की झोल में फंस कर रह गया है। विभाग के अधिकारी व इकाई के पदाधिकारी एक दूसरे पर तोहमत मढ़ अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने में लगे हैं।
जिससे कार्रवाई संबंधी निर्णय पर अब तक मुहर नहीं लग सकी है।
शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना की मानें तो कार्रवाई पर मुहर लगाने का अधिकार संबंधित नियोजन इकाई को है। विभाग के निर्णय से इकाई को अवगत करा दिया गया है। लेकिन पंचायत चुनाव के बाद अभी मुखिया का शपथ तथा प्रखंड प्रमुख व जिला परिषद अध्यक्ष के लिए मतदान नहीं हो पाया है। जिससे कार्यकारिणी गठित नहीं होने से इकाई द्वारा मुहर नहीं लगाई जा सकी है। इकाई के पदेन सचिव सह डीडीसी के मुताबिक जिन फर्जी शिक्षकों पर निगरानी द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई दी गई है। उन शिक्षकों से स्पष्टीकरण प्राप्त करते हुए उन्हें सेवामुक्त करने का निर्णय इकाई ने बहुत पहले ही ले लिया है। जिस आलोक में शिक्षा विभाग ने एक माह पूर्व संबंधित शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछने की कार्रवाई भी कर चुका है। ऐसी स्थिति में इकाई को दुबारा तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
ज्ञातव्य हो कि गत 12 मई को शिक्षा विभाग ने इकाई के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज 29 फर्जी शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछा था। जिन पर बर्खास्तगी संबंधी कार्रवाई की जानी है। दिनों दिन हो रहे बिलंब से विभाग व इकाई की कार्यशैली पर सवाल खड़ा होने लगा है।
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