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नियमानुकूल होगी शिक्षकों की प्रोन्नति

सहरसा। जिले के मिडिल स्कूलों में हेडमास्टरों के पद पर शिक्षकों की प्रोन्नति नहीं हो पायी है। जबकि विभागीय नियम के अनुसार जिले के 267 शिक्षकों ने हेडमास्टर पद पर प्रोन्नति पाने के लिए आवेदन विभाग के पास जमा कर दिया है। लेकिन पिछले दो बैठकों से इस मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाया है। जिससे हेडमास्टरों के पद पर प्रोन्नति का मामला अब तक फंसा हुआ है।
जबकि विभागीय नियमानुकूल इन शिक्षकों की प्रोन्नति व स्नातक वेतनमान मिलना तय माना जा रहा है। लेकिन पूर्व में ही बिना स्थापना समिति की बैठक बगैर ही इन शिक्षकों को प्रोन्नति दिए जाने के मामले में जिले के दो वरीय अधिकारियों ने प्रोन्नति पानेवाले शिक्षकों की प्रोन्नति को रद्द करते हुए उन्हें अपने पूर्व के मूल विद्यालय में योगदान करने का निर्देश दे दिया था। डीपीओ द्वारा मनमाने तरीके से की गयी प्रोन्नति को अवैध मानते हुए डीईओ ने निरस्त कर दिया। इसके बाद क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक ने डीईओ के आदेश को तत्काल स्थगित करते हुए इस पूरे मामले की स्थापना समिति की बैठक् में जांच कर ही नियमानुकूल निर्णय लेने को कहा। इसके बाद दो बार जिला स्थापना समिति की बैठक हुई। पिछली 24 जून को हुई बैठक में फिर एक नयी समिति बना दी गयी और प्रोन्नत पाने वाले शिक्षकों के कागजातों व अन्य चीजों की जांच के नामपर इस दिशा में अंतिम निर्णय 28 जून को होनेवाली बैठक में लिया जाएगा। कई शिक्षक नेताओं ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पेंच में यह अब तक फंसा हुआ है। जबकि विभाग की इस उदासीनता के कारण जिले के शिक्षण व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। मालूम हो कि सहरसा जिले के 507 मिडिल स्कूलों में से मात्र 19 स्कूलों में ही हेडमास्टर तैनात है। जबकि अन्य स्कूलों में प्रभारी हेडमास्टरों से काम चलाया जा रहा है। वहीं कई स्कूलों में नियमों को ताक पर रखकर नियोजित शिक्षकों व कनीय को हेडमास्टर का प्रभारी बना दिया गया है। जिससे विभाग को लोगेां ने कटघरे में खड़ा कर दिया है। सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि नियोजित शिक्षकों को वित्तीय प्रभार नहीं दिया जा सकता है। इधर शिक्षा विभागीय सूत्रों की मानें तो हेडमास्टरों का अधिकांश पद रिक्त होने के बाबजूद भी मात्र 267 शिक्षकों ने ही प्रोन्नति के लिए आवेदन जमा किए है। हांलाकि पूर्व में 64 शिक्षकों ने प्रोन्नति के लिए आवेदन दे चुके है। जिसकी जांच की जा रही है। अब तो 28 जून को ही प्रोन्नति के मामले में विभाग क्या निर्णय लेती है यह तो आनेवाले वक्त ही बताएगा। हालांकि अधिकारी की मानें तो वे कहते है कि विभागीय नियमानुकूल ही शिक्षकों की प्रोन्नति होगी।
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