कटिहार। चिलचिलाती धूप और झुलसाने वाली गर्मी से आमलोगों के साथ ही
बच्चे भी परेशान है। भीषण गर्मी और तेज धूप में घर लौटना उनके लिए नंगे
पांव पहाड़ चढ़ने के बराबर है। विद्यालय में संसाधनों के अभाव में बच्चों को
हो रही परेशानी को शिक्षक भी भली भांति समझते हैं।
लेकिन इस दिशा में पहल करना उनके बूते से परे हैं। भीषण गर्मी में स्कूली बच्चों का हाल जानने की कोशिश में बच्चों ने अपनी परेशानी कुछ इस कदर बयां की।
- सुखदेई मध्य विद्यालय गोशाला के कक्षा छह के छात्र मनजीत ने कहा कि वह रोज विद्यालय आता है। उसे पढ़ना अच्छा लगता है। लेकिन भीषण गर्मी के कारण उसका ध्यान बंटा रहता है। अगर विद्यालय में पंखा की व्यवस्था हो तो बच्चे आराम से पढ़ेंगे।
- वर्ग पांच के छात्र जीतू कुमार ने बताया कि स्कूल में बिजली की व्यवस्था नहीं रहने के कारण गर्मी से बच्चे परेशान रहते हैं। शिक्षक भी गर्मी के कारण सही से नहीं पढ़ा पाते हैं। पिछले कुछ दिनों से विद्यालय में बच्चे कम आ रहे हैं। इतनी गर्मी में कमरे में पढ़ना काफी मुश्किल है।
- छात्रा पूजा कुमारी बताती है कि वर्ग कक्षा में गर्मी लगने के कारण और धूप बढ़ते ही वे बाहर पेड़ के नीचे चली जाती है। उसके साथी भी वही बैठकर समय व्यतीत करते हैं। कमरे में गर्मी की वजह से कई बच्चे बीमार हो जाते हैं। उसे भी बीमार होने का डर रहता है।
- छात्रा वर्षा कुमारी बताती है कि गर्मी के कारण विद्यालय में बच्चे कम आते हैं। गर्मी होने के कारण वे हाथ पंखा से गर्मी से राहत पाने की कोशिश करती है। शिक्षक भी परेशान रहते हैं। ठीक से पढ़ाई नहीं हो पाती है। कई बच्चे बगल के तालाब में स्नान करने चले जाते हैं।
- वर्ग आठ छात्र जयेन्द्र ने बताया कि गर्मी के कारण परेशानी होती है। विद्यालय में अगर पंखा की व्यवस्था हो तो बच्चे आराम से पढ़ाई कर सकते हैं। गर्मी के कारण बच्चों के साथ ही शिक्षकों का ध्यान बंटा रहता है। गर्मी बढ़ने पर बच्चे बाहर पेड़ के नीचे या खुले में बैठकर समय व्यतीत करते हैं।
-गर्मी के कारण बच्चों को परेशानी होती है। विद्यालय में बिजली की व्यवस्था और पर्याप्त उपकरण नहीं रहने के कारण गर्मी से बच्चे परेशान रहते हैं। उनके द्वारा सीमित संसाधन में बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाता है। अगर विद्यालय में पंखा की व्यवस्था हो तो बच्चे एवं शिक्षकों को राहत मिलेगी।
पुष्पलता रानी, प्रधानाध्यापिका।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
लेकिन इस दिशा में पहल करना उनके बूते से परे हैं। भीषण गर्मी में स्कूली बच्चों का हाल जानने की कोशिश में बच्चों ने अपनी परेशानी कुछ इस कदर बयां की।
- सुखदेई मध्य विद्यालय गोशाला के कक्षा छह के छात्र मनजीत ने कहा कि वह रोज विद्यालय आता है। उसे पढ़ना अच्छा लगता है। लेकिन भीषण गर्मी के कारण उसका ध्यान बंटा रहता है। अगर विद्यालय में पंखा की व्यवस्था हो तो बच्चे आराम से पढ़ेंगे।
- वर्ग पांच के छात्र जीतू कुमार ने बताया कि स्कूल में बिजली की व्यवस्था नहीं रहने के कारण गर्मी से बच्चे परेशान रहते हैं। शिक्षक भी गर्मी के कारण सही से नहीं पढ़ा पाते हैं। पिछले कुछ दिनों से विद्यालय में बच्चे कम आ रहे हैं। इतनी गर्मी में कमरे में पढ़ना काफी मुश्किल है।
- छात्रा पूजा कुमारी बताती है कि वर्ग कक्षा में गर्मी लगने के कारण और धूप बढ़ते ही वे बाहर पेड़ के नीचे चली जाती है। उसके साथी भी वही बैठकर समय व्यतीत करते हैं। कमरे में गर्मी की वजह से कई बच्चे बीमार हो जाते हैं। उसे भी बीमार होने का डर रहता है।
- छात्रा वर्षा कुमारी बताती है कि गर्मी के कारण विद्यालय में बच्चे कम आते हैं। गर्मी होने के कारण वे हाथ पंखा से गर्मी से राहत पाने की कोशिश करती है। शिक्षक भी परेशान रहते हैं। ठीक से पढ़ाई नहीं हो पाती है। कई बच्चे बगल के तालाब में स्नान करने चले जाते हैं।
- वर्ग आठ छात्र जयेन्द्र ने बताया कि गर्मी के कारण परेशानी होती है। विद्यालय में अगर पंखा की व्यवस्था हो तो बच्चे आराम से पढ़ाई कर सकते हैं। गर्मी के कारण बच्चों के साथ ही शिक्षकों का ध्यान बंटा रहता है। गर्मी बढ़ने पर बच्चे बाहर पेड़ के नीचे या खुले में बैठकर समय व्यतीत करते हैं।
-गर्मी के कारण बच्चों को परेशानी होती है। विद्यालय में बिजली की व्यवस्था और पर्याप्त उपकरण नहीं रहने के कारण गर्मी से बच्चे परेशान रहते हैं। उनके द्वारा सीमित संसाधन में बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाता है। अगर विद्यालय में पंखा की व्यवस्था हो तो बच्चे एवं शिक्षकों को राहत मिलेगी।
पुष्पलता रानी, प्रधानाध्यापिका।
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