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झुलसती गर्मी के बीच बच्चों का संवर रहा भविष्य

मुंगेर । सूबे में दिन प्रतिदिन बढ़ते तापमान को देखते हुए जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग की ओर से आदेश जारी कर सभी सरकारी एवं गैरसरकारी विद्यालयों के संचालन अवधि में परिवर्तन कर दिया गया है। इसके तहत सभी विद्यालय सुबह के 6:30 बजे से लेकर 11:30 के बीच संचालित किए जा रहे हैं।
बावजूद इसके नौनिहालों को भीषण गर्मी से निजात नहीं मिल पा रहा है। सुबह के समय तो वे स्कूल चले जाते हैं। लेकिन लौटते समय उन्हें गर्म हवा एवं लू के बीच वापस अपने घर आना पड़ता है। वहीं स्कूल में भी बिजली की व्यवस्था नहीं होने के कारण कक्षा में भी स्कूली बच्चों को उमस और पसीने से तर-बतर होकर पढ़ाई करना होता है। इससे इन बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शिक्षा विभाग हर विद्यालय में बिजली सुविधा रहने का दावा करता है। वहीं विद्यालयों के प्रभारी का कहना है कि चुनाव के बाद कनेक्शन काट दिया गया। तो कुछ बताते हैं कि बकाया बिल रहने के कारण बिजली की सुविधा नहीं है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई इस गर्मी में भगवान भरोसे है।
वहीं कुछ विद्यालय जो शिफ्टेड हैं उन विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों को तो तपती दोपहरी में ही विद्यालय जाना होता है। उस पर भी विद्यालय में बिजली की सुविधा नहीं रहने के कारण बच्चों व शिक्षकों को बंद कमरे में उमस व गर्मी के बीच पठन-पाठन करना पड़ रहा है। बिजली की सुविधा अबतक क्यों नहीं है इस सवाल पर विद्यालय प्रभारी चुप्पी लगा जाते हैं। इनका सिर्फ एक ही जवाब होता है कि विभाग को बिजली कनेक्शन के बारे में लिखा गया है। ऐसे में शिक्षा का अधिकार कानून का किस हद तक सरकारी विद्यालयों में पालन हो रहा है। इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। दूर-दराज गांवों में बिना बिजली की सुविधा विद्यालय हो तो कुछ समझ भी आता है, लेकिन शहर में भी ऐसे कई विद्यालय हैं जहां बिजली नहीं है। इसमें माधोपुर मध्य विद्यालय, मध्य विद्यालय रामपुर भिखाड़ी, उर्दू मध्य विद्यालय हाजीसुभान, प्राथमिक विद्यालय संदलपुर आदि शामिल है।
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दोपहर में स्कूल जाना पड़ता है। ऐसे समय में गर्म हवा चलती रहती है। जिससे लू लगने का खतरा बना रहता है।
अनुराग कुमार
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दोपहर के समय स्कूल जाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ऐसे समय में जब कोई अपने घर से बाहर नहीं निकलना चाहता है। उस समय में हमलोग विद्यालय जाते हैं।
सुप्रिया कुमारी
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हमलोग बीच दोपहर में विद्यालय जाते हैं। इस समय में काफी अधिक गर्मी रहती है। ऐसे में लू लगने का डर बना रहता है। इसलिए कुछ दिनों के लिए विद्यालय बंद कर देना चाहिए।
अली रजा
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दोपहर के समय में विद्यालय जाने में काफी परेशानी होती है। इस समय में तपती दोपहर के साथ ही घूल भरी हवा चलती रहती है। जिससे तबीयत खराब होने का डर बना रहता है।
रानी कुमारी
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हमारे घर से विद्यालय अधिक दूर है। ऐसे में विद्यालय जाने में काफी परेशानी होती है। इसके साथ ही लू का डर बना रहता है।
शबा परवीन
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जिस कक्षा में बच्चे पढ़ते हैं उसमें बिजली उपलब्ध नहीं है। इसके कारण छात्र सहित शिक्षकों को काफी परेशानी होती है।
सुशील कुमार चौधरी, प्रधानाध्यापक, मध्य विद्यालय रामपुर भीखरी
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भीषण गर्मी को देखते हुए जिला प्रशासन को कुछ दिनों के लिए विद्यालय में छुट्टी दे देनी चाहिए। क्योंकि ऐसे समय में लू लगने का डर बना रहता है। जहां तक बिजली के सुविधा की बात है तो विधानसभा चुनाव के वक्त कनेक्शन दिया गया था, उसके बाद कनेक्शन काट दिया गया।
अशोक कुमार सिन्हा, शिक्षक, मध्य विद्यालय रामपुर भीखारी
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विगत कुछ दिनों से गर्मी काफी अधिक बढ़ गई है। ऐसे समय में विद्यालय में बिजली उपलब्ध नहीं होने से काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। बिल बकाया रहने के कारण कनेक्शन काट दिया गया है।
अनीता देवी, शिक्षिका, प्राथमिक विद्यालय संदलपुर
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विद्यालय में कई सालों से बिजली नहीं रहने के कारण इस तपती दोपहर में सभी बच्चों एवं शिक्षकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
आयशा बेगम, शिक्षिका, उर्दू मध्य विद्यालय हाजी सुभान
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कोट
सभी विद्यालयों में बिजली का कनेक्शन दिया गया है। पिछले चुनाव में ही बिजली विभाग की ओर से रिपोर्ट दी गई थी कि सभी विद्यालयों में बिजली की सुविधा बहाल कर दी गई है। कुछ जगह बकाया है इस कारण भी बिजली सुविधा नहीं हो सकती है।

केके शर्मा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, मुंगेर।
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