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निगरानी के हत्थे चढ़ने बाद से शिक्षा महकमा में हलचल


खगड़िया। एक लाख रुपये घूस लेते निगरानी टीम के हत्थे खगड़िया बीईओ विजय कुमार पासवान की गिरफ्तारी की घटना के दूसरे दिन भी शिक्षा महकमा में खासा हलचल देखने को मिली। बीआरसी कार्यालय में जहां ताला लटक रहा था, वहीं डीईओ व डीपीओ कार्यालय में दिन भर उसी की चर्चा होती रही।
चर्चा पर गौर करें तो घाव एक जगह ही नहीं थे, वरन खगड़िया सह अलौली बीईओ के कारनामे से अधिकांश शिक्षकों में अंदर ही अंदर आक्रोश पनप रहा था। सूत्रों की मानें तो नियोजित शिक्षकों के जांच में लगे निगरानी टीम को जो प्रमाण पत्र के फोल्डर उपलब्ध कराए गए थे, उसमें बीईओ स्तर की भूमिका अहम थी। सूत्रों का कहना है कि कई का प्रमाण पत्र बदल दिए गए। नियोजन के समय फर्जी संस्थान के अधिक अंक वाले जो प्रमाण पत्र जमा थे उसे बदलने के नाम पर लाखों रुपये का खेल हुआ। विभाग के एक जानकार की मानें तो अलौली व खगड़िया में सर्वाधिक फर्जी प्रमाण पत्रों पर नियोजन की बात सामने आती रही, मगर निगरानी को जो फोल्डर दिया गया, उसमें प्रमाण पत्रों की सूची नहीं बनाई गई। प्रमाण पत्रों की विवरणी भी नहीं दर्शाए गए। बताया जाता है कि शिक्षक से बीईओ की जिम्मेदारी अनुभवहीन व्यक्ति के हाथों सौंप दी गई। उस पर भी अलौली प्रखंड का भी प्रभार दे दिया गया। आरोप है कि दोनों हाथों से अवैध उगाही आरंभ हुई, जिसका अंत काफी खराब हुआ।
चौथम बीईओ शंभूनाथ केसरी के निगरानी के हत्थे चढ़ने से ऐसे ही विभाग की काफी बदनामी हो चुकी थी, रहा-सहा कसर को विजय पासवान ने पूरा कर दिया। इधर, जिला शिक्षा पदाधिकारी डा. ब्रज किशोर सिंह के अनुसार मुख्यालय के अधिकारियों को विधिवत जानकारी दे दी गई है। बहरहाल, निगरानी के हत्थे चढ़े आरोपियों की संपति भी जब्त होनी चाहिए। वैसे,विभाग के एक अधिकारी का कहना हुआ कि चौथम बीईओ को विभाग द्वारा सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उनके बकाये राशि का भी भुगतान नहीं किया गया है।
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