वेतनमान एवं सेवा शर्तों के निर्धारण के लिए गठित कमिटी के अध्यक्ष मुख्य
सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह की उपस्थिति में कमिटी के समक्ष हमने शिक्षकों
का पक्ष रख दिया। अंजनी कुमार सिंह ने
हमसे कहा कि विभिन्न राज्यों के नियोजित शिक्षकों को मिल रही सुविधाओं से
सम्बंधित विस्तृत ब्यौरा परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ बहुत पहले से
देता रहा है इसलिए तुम्ही बताओ कि बिहार में तुम किस राज्य का मॉडल लागू
करना चाहते हो ?
मित्रों मैंने साफ कहा हमे किसी राज्य का मॉडल नही बल्कि शिक्षकों के लिये पूर्व से निर्धारित वेतनमान व सेवा शर्तें चाहिए । इससे कम कुछ भी मंजूर नही होगा। उन्होंने कहा कि बीच का रास्ता निकालो तो मैंने कहा कि आपके मन में क्या है मुझे मालूम नही है और हम जो चाह रहे हैं वह आपको लिखित दे रहे है । हमे नदी का एक किनारा मालूम है पर दूसरा पता ही नही है तो उसके बीच का निर्धारण हम कैसे कर सकते हैं । हम शिक्षक हैं और एक शिक्षक को दी जाने वाली सुविधाएँ मांगने आये हैं । बीच का रास्ता सुझाने नही। बीच का रास्ता या किनारे का रास्ता तय करना सरकार का काम है न कि शिक्षकों का। उन्होंने हमारी सोंच का समर्थन भी किया और स्वीकार किया कि सरकार के सामने निश्चित रूप से अपना पूरा अधिकार मांगना चाहिए।
फिर उन्होंने प्रधान सचिव श्री आर के महाजन से पूछा कि वर्तमान में शिक्षकों के वेतन पर कितना खर्च किया जा रहा है तो उन्होंने बताया कि छः हजार नौ सौ करोड़ वेतन पर खर्च किया जा रहा है। उन्होंने पूछा कि उड़ीसा मॉडल लागू करने पर प्रति शिक्षक कितना वेतन होगा तो बताया गया कि अठारह हजार के लगभग । उन्होंने कहा कि हमलोगोँ के मन में भी कुछ है लेकिन उन्होंने उसे सार्वजनिक नही किया। बार बार उन्होंने उड़ीसा मॉडल की चर्चा की और गणित समझते - समझाते रहे इस पर मैंने कहा कि उड़ीसा देश का सबसे गरीब प्रान्त है उसका नकल करने से बिहार की जगहंसाई होगी । उन्होंने कहा कि कोई रास्ता नही दिख रहा है तो मैंने कहा कि उड़ीसा में भी PGT और TGT शिक्षकों को 9300 वाला वेतनमान है । केवल 5200 वाला ही नही है। मुख्य सचिव कुछ भी स्पष्ट बताने से बचते रहे किन्तु बार - बार उड़ीसा मॉडल की चर्चा के संकेत समझे जा सकते हैं। इसके साथ ही प्रधान सचिव श्री महाजन ने कहा कि सर इतना ही नही है जब - जब DA बढ़ेगा तब - तब वह भी तो देना होगा। अभी हाल ही में 6% दिए गए DA की भी चर्चा की। इसके भी कई मायने निकलते है कि सरकार हमारी मांगों के सम्बन्ध में किस दिशा में सोंच रही है ।
स्थानांतरण के मुद्दे को उन्होंने स्वयं उठाया । पूछा कि स्थानांतरण की मांग किसी ने की या नही तो मैंने अपने मांग पत्र में अंकित दूसरी मांग स्थानांतरण पढ़ाया तो वे इससे खुश दिखे। संकेत समझा जा सकता है।
TET /STET साथियों को सवैतनिक प्रशिक्षण देने पर कमिटी ने सहमति व्यक्त की। बिना शर्त अनुकम्पा का लाभ देने की मांग पर जब मैंने कहा कि वर्तमान नियमावली के अनुसार अप्रशिक्षितों को तभी तक बहाल किया जा सकेगा जबतक इसके लिए NCTE से छूट होगी। इसका सीधा मतलब है कि अनुकम्पा पर उन्ही लोगो की बहाली होगी जो प्रशिक्षित होंगे । यह विल्कुल अव्यावहारिक है । इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि ऐसा नियम बनाया जायेगा ताकि अनुकम्पा के अभ्यर्थियों को बहाली के बाद कुछ निश्चित समय सीमा में प्रशिक्षण ले लेने की सुविधा हो।
हमने मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को बतौर प्रधान शिक्षा सचिव नियोजित शिक्षकों के लिए किये गए कार्यों की याद दिलाते हुए कहा कि महिलाओं को विशेषावकाश , एक माह का अवैतनिक अवकाश , मातृत्व अवकाश आदि आप ही ने दिया था। निश्चित रूप से हम शिक्षकों के जीवन में आपका बड़ा योगदान है । इसलिए आज जब आप मुख्यसचिव के पद पर हैं और इस कमिटी के अध्यक्ष हैं तो हमे आशा और विश्वास है कि आप जरूर कुछ ऐसा करेंगे जिससे आपका योगदान शिक्षकों के परिवार के लिये कई पीढ़ियों तक अविस्मरणीय हो । इसपर काफी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि हम भी सोंच रहे है कि कुछ ऐसा कर दें कि जब रिटायर्ड हो जाएंगे तो शिक्षकों का ही संघ चलाएंगे। मैंने कहा कि बिहार के मुख्य सचिव यदि शिक्षकों का नेतृत्व करें तो यह हमारे लिए गौरव की बात होगी। मुख्य सचिव मेरी बातों पर मुस्कराते हुए प्रसन्नता व्यक्त की।
अन्य सभी मांगे हमने खुलकर रखी जिस पर सकारात्मक कुछ करने का आश्वासन दिया गया। मेरी समझ में इसे सरकार की सकारात्मक पहल कही जा सकती है। हम तो बस इतना मानते हैं कि जिस प्रकार चुनाव प्रचार के बाद मतदान कराकर मतपेटियों में प्रत्याशियों का भाग्य मतगणना तक बंद रहता है उसी तरह हमारा भाग्य भी संचिकाओं में बंद है। रिपोर्ट सार्वजनिक होने पर ही पता चलेगा हमने कितना मेहनत किया और हमे कितनी सफलता मिली।
सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening All Exams Preparations , Strategy , Books , Witten test , Interview , How to Prepare & other details
मित्रों मैंने साफ कहा हमे किसी राज्य का मॉडल नही बल्कि शिक्षकों के लिये पूर्व से निर्धारित वेतनमान व सेवा शर्तें चाहिए । इससे कम कुछ भी मंजूर नही होगा। उन्होंने कहा कि बीच का रास्ता निकालो तो मैंने कहा कि आपके मन में क्या है मुझे मालूम नही है और हम जो चाह रहे हैं वह आपको लिखित दे रहे है । हमे नदी का एक किनारा मालूम है पर दूसरा पता ही नही है तो उसके बीच का निर्धारण हम कैसे कर सकते हैं । हम शिक्षक हैं और एक शिक्षक को दी जाने वाली सुविधाएँ मांगने आये हैं । बीच का रास्ता सुझाने नही। बीच का रास्ता या किनारे का रास्ता तय करना सरकार का काम है न कि शिक्षकों का। उन्होंने हमारी सोंच का समर्थन भी किया और स्वीकार किया कि सरकार के सामने निश्चित रूप से अपना पूरा अधिकार मांगना चाहिए।
फिर उन्होंने प्रधान सचिव श्री आर के महाजन से पूछा कि वर्तमान में शिक्षकों के वेतन पर कितना खर्च किया जा रहा है तो उन्होंने बताया कि छः हजार नौ सौ करोड़ वेतन पर खर्च किया जा रहा है। उन्होंने पूछा कि उड़ीसा मॉडल लागू करने पर प्रति शिक्षक कितना वेतन होगा तो बताया गया कि अठारह हजार के लगभग । उन्होंने कहा कि हमलोगोँ के मन में भी कुछ है लेकिन उन्होंने उसे सार्वजनिक नही किया। बार बार उन्होंने उड़ीसा मॉडल की चर्चा की और गणित समझते - समझाते रहे इस पर मैंने कहा कि उड़ीसा देश का सबसे गरीब प्रान्त है उसका नकल करने से बिहार की जगहंसाई होगी । उन्होंने कहा कि कोई रास्ता नही दिख रहा है तो मैंने कहा कि उड़ीसा में भी PGT और TGT शिक्षकों को 9300 वाला वेतनमान है । केवल 5200 वाला ही नही है। मुख्य सचिव कुछ भी स्पष्ट बताने से बचते रहे किन्तु बार - बार उड़ीसा मॉडल की चर्चा के संकेत समझे जा सकते हैं। इसके साथ ही प्रधान सचिव श्री महाजन ने कहा कि सर इतना ही नही है जब - जब DA बढ़ेगा तब - तब वह भी तो देना होगा। अभी हाल ही में 6% दिए गए DA की भी चर्चा की। इसके भी कई मायने निकलते है कि सरकार हमारी मांगों के सम्बन्ध में किस दिशा में सोंच रही है ।
स्थानांतरण के मुद्दे को उन्होंने स्वयं उठाया । पूछा कि स्थानांतरण की मांग किसी ने की या नही तो मैंने अपने मांग पत्र में अंकित दूसरी मांग स्थानांतरण पढ़ाया तो वे इससे खुश दिखे। संकेत समझा जा सकता है।
TET /STET साथियों को सवैतनिक प्रशिक्षण देने पर कमिटी ने सहमति व्यक्त की। बिना शर्त अनुकम्पा का लाभ देने की मांग पर जब मैंने कहा कि वर्तमान नियमावली के अनुसार अप्रशिक्षितों को तभी तक बहाल किया जा सकेगा जबतक इसके लिए NCTE से छूट होगी। इसका सीधा मतलब है कि अनुकम्पा पर उन्ही लोगो की बहाली होगी जो प्रशिक्षित होंगे । यह विल्कुल अव्यावहारिक है । इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि ऐसा नियम बनाया जायेगा ताकि अनुकम्पा के अभ्यर्थियों को बहाली के बाद कुछ निश्चित समय सीमा में प्रशिक्षण ले लेने की सुविधा हो।
हमने मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को बतौर प्रधान शिक्षा सचिव नियोजित शिक्षकों के लिए किये गए कार्यों की याद दिलाते हुए कहा कि महिलाओं को विशेषावकाश , एक माह का अवैतनिक अवकाश , मातृत्व अवकाश आदि आप ही ने दिया था। निश्चित रूप से हम शिक्षकों के जीवन में आपका बड़ा योगदान है । इसलिए आज जब आप मुख्यसचिव के पद पर हैं और इस कमिटी के अध्यक्ष हैं तो हमे आशा और विश्वास है कि आप जरूर कुछ ऐसा करेंगे जिससे आपका योगदान शिक्षकों के परिवार के लिये कई पीढ़ियों तक अविस्मरणीय हो । इसपर काफी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि हम भी सोंच रहे है कि कुछ ऐसा कर दें कि जब रिटायर्ड हो जाएंगे तो शिक्षकों का ही संघ चलाएंगे। मैंने कहा कि बिहार के मुख्य सचिव यदि शिक्षकों का नेतृत्व करें तो यह हमारे लिए गौरव की बात होगी। मुख्य सचिव मेरी बातों पर मुस्कराते हुए प्रसन्नता व्यक्त की।
अन्य सभी मांगे हमने खुलकर रखी जिस पर सकारात्मक कुछ करने का आश्वासन दिया गया। मेरी समझ में इसे सरकार की सकारात्मक पहल कही जा सकती है। हम तो बस इतना मानते हैं कि जिस प्रकार चुनाव प्रचार के बाद मतदान कराकर मतपेटियों में प्रत्याशियों का भाग्य मतगणना तक बंद रहता है उसी तरह हमारा भाग्य भी संचिकाओं में बंद है। रिपोर्ट सार्वजनिक होने पर ही पता चलेगा हमने कितना मेहनत किया और हमे कितनी सफलता मिली।
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