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सूची में नाम नहीं, बन गए लाइब्रेरियन : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates

जागरण संवाददाता, सासारम : फर्जी प्रमाणपत्रों पर नौकरी पाए नियोजित शिक्षकों से लेकर पुस्तकालयाध्यक्षों के भविष्य को ले संशय बरकरार है। वर्षो से धूल फांक रही संचिकाओं पर कोर्ट की फटकार के बाद विभाग कार्रवाई के लिए सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। जिले में कई ऐसे कई शिक्षक व लाइब्रेरियन नियोजित हुए हैं जिनका न तो अंतिम मेधा सूची में नाम था व न ही रोस्टर श्रेणी में थे। लेकिन नियोजन इकाई उन पर मेहरबानी दिखा नियुक्त कर ली। कार्रवाई की बात आई तो अब मुंह मोड़ रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि विभाग हाई कोर्ट के आदेश पर नियोजित शिक्षकों व लाइब्रेरियनों के प्रमाणपत्रों व अपनाई गई नियोजन प्रक्रिया की जांच शुरू कर दी है। अब तक चार दर्जन से अधिक शिक्षकों की नौकरी खत्म हो गई है।
जनवरी 2012 में जिले के 18 उच्च विद्यालयों में नियोजित लाइब्रेरियनों की प्रक्रिया की जांच तत्कालीन डीइओ ओम प्रकाश शुक्ला ने की थी। जिसमें डीइओ ने तीन लोगों का नियोजन गलत पाया था। पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पद पर अतिपिछड़ा वर्ग अभ्यर्थी का तथा अंतिम सूची में नाम नहीं होने के बावजूद दो लोगों को नियोजन इकाई द्वारा नियुक्त किया गया था। जिनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए पूर्व डीईओ ने अगस्त 2012 में डीडीसी सह जिप के कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र भेजा था। लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।

कहते हैं अधिकारी

डीडीसी सह जिप के कार्यपालक पदाधिकारी मो. हाशिम खां ने कहा कि कार्रवाई संबंधी पत्र की जानकारी उन्हें नहीं है। इस बारे में वे जानकारी प्राप्त कर कार्रवाई करेंगे।


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