नींद से जागे बिहार सरकार
सरकार और सरकारी कर्मचारियों के बीच बढ़ती दूरी चिंता का विषय है। सरकारी किसी फैसले से यदि उस राज्य के कर्मचारी आहत हों तो सरकार का संज्ञान लेना बहुत ज़रूरी है।
बिहार में सरकार द्वारा नियुक्त '' नियोजित शिक्षकों '' ने अपने वेतनमान की मांगों को लेकर आपत्ति दर्ज कराई। प्रदेश सरकार ने संज्ञान लेने की बजाये इन शिक्षकों में फूट डालने और शिक्षा मंत्री ने खुद टाल -मटोल जैसा वातवरण पैदा कर दिया।
शिक्षक विरोध जताने सड़क तक जा पहुंचे। टकराव की बनती स्थिति देख प्रदेश के लोगों ने चिंता जताई। परन्तु ,सरकार की हटधर्मी आज भी क़ायम है। शिक्षकों पर लाठी बरसाने का नापाक खेल खेल गया।
अब हालत ये है की बिहार सरकार का मौन साध लेना और शिक्षको का प्रदर्शन करना ख़बरें बनी हुई हैं। साथ ही सरकारी बर्बरता से लोग आहत है। प्रदेश सरकार आगामी विधान सभा तक एक एक दिन काटने के फ़िराक में है।
ऐसे में बिहार के सभी लोगों से अपील है की प्रदेश सरकार से इस बाबत प्रश्न पूछें। ताकि नींद से जग सके सरकारी तंत्र।
सरकार और सरकारी कर्मचारियों के बीच बढ़ती दूरी चिंता का विषय है। सरकारी किसी फैसले से यदि उस राज्य के कर्मचारी आहत हों तो सरकार का संज्ञान लेना बहुत ज़रूरी है।
बिहार में सरकार द्वारा नियुक्त '' नियोजित शिक्षकों '' ने अपने वेतनमान की मांगों को लेकर आपत्ति दर्ज कराई। प्रदेश सरकार ने संज्ञान लेने की बजाये इन शिक्षकों में फूट डालने और शिक्षा मंत्री ने खुद टाल -मटोल जैसा वातवरण पैदा कर दिया।
शिक्षक विरोध जताने सड़क तक जा पहुंचे। टकराव की बनती स्थिति देख प्रदेश के लोगों ने चिंता जताई। परन्तु ,सरकार की हटधर्मी आज भी क़ायम है। शिक्षकों पर लाठी बरसाने का नापाक खेल खेल गया।
अब हालत ये है की बिहार सरकार का मौन साध लेना और शिक्षको का प्रदर्शन करना ख़बरें बनी हुई हैं। साथ ही सरकारी बर्बरता से लोग आहत है। प्रदेश सरकार आगामी विधान सभा तक एक एक दिन काटने के फ़िराक में है।
ऐसे में बिहार के सभी लोगों से अपील है की प्रदेश सरकार से इस बाबत प्रश्न पूछें। ताकि नींद से जग सके सरकारी तंत्र।