कल मुंगेर की जनसभा में जाने के क्रम में मुंगेर-लखीसराय के बीच एन.एच. ८०
पर स्थित रामपुर गांव में पूर्व मुख्यमंत्री श्री जीतन राम मांझी जी का
स्वागत किया गया. वहीं प्रेस वार्ता भी की गयी थी. मैं श्री मांझी को सिर्फ
नजर भर देख लेने को आतुर लोगों की भीड़ देख दंग था. आखिर ऐसा कैसे संभव हो
गया?
जो लोग उनको खारिज कर रहे थे, वह उनकी सभाओं और उनकी स्वागत में उमड़ी संख्या को देखें. जनता ने उन्हें अपना सिरमौर मान लिया है. इसका जबाव आगामी चुनाव में मिलेगा.
श्री जीतन राम मांझी में कोई सुर्खाब का पर नहीं लगा है. वह नितांत आम आदमी हैं. यही उनकी खूबी है. वह आम आदमी हैं, आम लोगों की तरह जीते हैं. खाते हैं. इसलिए आम लोगों की समस्याओं से पूरी तरह वाकिफ हैं. उन्होंने राज्य के विकास के साथ-साथ जनता की समस्या और उसके व्यवहारिक तथा उचित समाधान के बारे में अवगत हैं. उस दिशा में फैसला लेने का साहस है, इसलिए वह सफल और लोकप्रिय हैं. उनका व्यक्तित्व अनुकरणीय है.
जो लोग उनको खारिज कर रहे थे, वह उनकी सभाओं और उनकी स्वागत में उमड़ी संख्या को देखें. जनता ने उन्हें अपना सिरमौर मान लिया है. इसका जबाव आगामी चुनाव में मिलेगा.
श्री जीतन राम मांझी में कोई सुर्खाब का पर नहीं लगा है. वह नितांत आम आदमी हैं. यही उनकी खूबी है. वह आम आदमी हैं, आम लोगों की तरह जीते हैं. खाते हैं. इसलिए आम लोगों की समस्याओं से पूरी तरह वाकिफ हैं. उन्होंने राज्य के विकास के साथ-साथ जनता की समस्या और उसके व्यवहारिक तथा उचित समाधान के बारे में अवगत हैं. उस दिशा में फैसला लेने का साहस है, इसलिए वह सफल और लोकप्रिय हैं. उनका व्यक्तित्व अनुकरणीय है.