नई शिक्षा नीति 2017- 2018का इनपुट ड्राफ्ट
1-आंगनबाड़ी को प्री-प्राइमरी स्कूल में बदला जायेगा। राज्य एक साल के भीतर कोर्स बनायेंगे तथा शिक्षकों का अलग कैडर बनायेंगे।
3-अधिगम सुनिश्चित किया जायेगा।
4-नो डिटेंशन अब कक्षा 05 तक होगा।
5-RTE को 12 वीं तक ले जाया जायेगा।
6-विज्ञान, गणित तथा अंग्रेजी का समान राष्ट्रीय पाठ्यक्रम होगा। सामाजिक विज्ञान का एक हिस्सा समान होगा, शेष का निर्माण राज्य करेंगे।
7-कक्षा 6 से ICT आरंभ होगी।
8-कक्षा 6 से विज्ञान सीखने के लिए प्रयोगशाला की सहायता ली जायेगी।
9-गणित, विज्ञान तथा अंग्रेजी के कक्षा 10 हेतु दो लेबल होंगे-A तथा B
10-कक्षा 10 व 12 में बोर्ड परीक्षा अनिवार्य।
11-ICT का शिक्षण तथा अधिगम सुनिश्चित करने हेतु प्रयोग।
12-विद्यालय के कार्यों का कम्प्यूटीकरण तथा शिक्षकों-छात्रों की उपस्थिति की ऑनलाइन मॉनिटरिंग।
13-राज्यों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिये अलग से 'शिक्षक भर्ती आयोग'। नियुक्ति पारदर्शी तथा मैरिट के आधार पर होगी।
14-सभी रिक्त पद भरे जाएं। प्रधानाचार्यों के लिये लीडरशिप ट्रेनिंग अनिवार्य।
15-राष्ट्रीय स्तर पर 'टीचर एजुकेशन विश्वविद्यालय' की स्थापना।
16-राष्ट्रीय पुरस्कारों को राज्य तथा जिला स्तर तक लाया जाये। अनुशंसा में SMC की महत्वपूर्ण भूमिका।
17-हर पांच साल में शिक्षकों को एक परीक्षा देनी होगी। इसे उनके प्रमोशन तथा इन्क्रीमेंट से जोड़ा जायेगा।
18-अगर राज्य चाहें तो कक्षा 05 तक मातृभाषा, स्थानीय तथा क्षेत्रीय भाषा को पढाई का माध्यम बना सकते हैं।
19-GDP का 6% शिक्षा पर खर्च करने के लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश हो।
20-नयी संस्थाओं को खोलने के बजाय मौजूदा शिक्षण संस्थाओं को मजबूत किया जाये।
21-मिड डे मील का दायित्व शिक्षकों के ऊपर से हटाकर महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया जायेगा। भोजन बनाने की केंद्रिकत प्रणाली विकसित की जायेगी।
1-आंगनबाड़ी को प्री-प्राइमरी स्कूल में बदला जायेगा। राज्य एक साल के भीतर कोर्स बनायेंगे तथा शिक्षकों का अलग कैडर बनायेंगे।
- समान काम समान वेतन के लिये चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत 17 मार्च से : मार्कण्डेय पाठक प्रदेश अध्यक्ष
- राज्य में होने वाली आगामी शिक्षक पात्रता परीक्षा के योग्यता के सम्बन्ध में
- शिक्षक बहाली फर्जीवाड़ा मामले में प्रधान सचिव पर प्राथमिकी दर्ज
- वेतन से वंचित शिक्षक पैसे के अभाव के कारण होली ठीक से नही मना पायेंगे
- अब एमबीए योग्यताधारी शिक्षक बन सकते हैं प्रधान
- रिटायर्ड शिक्षक जाचेंगे इंटर व मैट्रिक की कॉपियां का मूल्यांकन
3-अधिगम सुनिश्चित किया जायेगा।
4-नो डिटेंशन अब कक्षा 05 तक होगा।
5-RTE को 12 वीं तक ले जाया जायेगा।
6-विज्ञान, गणित तथा अंग्रेजी का समान राष्ट्रीय पाठ्यक्रम होगा। सामाजिक विज्ञान का एक हिस्सा समान होगा, शेष का निर्माण राज्य करेंगे।
7-कक्षा 6 से ICT आरंभ होगी।
8-कक्षा 6 से विज्ञान सीखने के लिए प्रयोगशाला की सहायता ली जायेगी।
9-गणित, विज्ञान तथा अंग्रेजी के कक्षा 10 हेतु दो लेबल होंगे-A तथा B
10-कक्षा 10 व 12 में बोर्ड परीक्षा अनिवार्य।
11-ICT का शिक्षण तथा अधिगम सुनिश्चित करने हेतु प्रयोग।
12-विद्यालय के कार्यों का कम्प्यूटीकरण तथा शिक्षकों-छात्रों की उपस्थिति की ऑनलाइन मॉनिटरिंग।
13-राज्यों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिये अलग से 'शिक्षक भर्ती आयोग'। नियुक्ति पारदर्शी तथा मैरिट के आधार पर होगी।
14-सभी रिक्त पद भरे जाएं। प्रधानाचार्यों के लिये लीडरशिप ट्रेनिंग अनिवार्य।
15-राष्ट्रीय स्तर पर 'टीचर एजुकेशन विश्वविद्यालय' की स्थापना।
16-राष्ट्रीय पुरस्कारों को राज्य तथा जिला स्तर तक लाया जाये। अनुशंसा में SMC की महत्वपूर्ण भूमिका।
17-हर पांच साल में शिक्षकों को एक परीक्षा देनी होगी। इसे उनके प्रमोशन तथा इन्क्रीमेंट से जोड़ा जायेगा।
18-अगर राज्य चाहें तो कक्षा 05 तक मातृभाषा, स्थानीय तथा क्षेत्रीय भाषा को पढाई का माध्यम बना सकते हैं।
19-GDP का 6% शिक्षा पर खर्च करने के लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश हो।
20-नयी संस्थाओं को खोलने के बजाय मौजूदा शिक्षण संस्थाओं को मजबूत किया जाये।
21-मिड डे मील का दायित्व शिक्षकों के ऊपर से हटाकर महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया जायेगा। भोजन बनाने की केंद्रिकत प्रणाली विकसित की जायेगी।
- कुछेक प्रश्न पूछना चाहता हूँ पत्रकार से, इस समाज से, इस सरकार से और साथ ही अपने शिक्षक बंधू से
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