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बिहार के स्‍कूलों में 21 महीने बाद शुरू होगा एमडीएम; प्रधानाध्‍यापक, शिक्षक और रसोइया को मिला नया काम

 पटना, राज्य ब्यूरो। MDM Scheme in Bihar Schools: नए साल में बिहार के 72 हजार प्रारंभिक विद्यालयों और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में बच्चों को गरमागरम भोजन भरोसे जाएंगे परोसा जाएगा। इसकी

तैयारियों को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) को दिशा-निर्देश जारी किया गया। खास बात यह है कि मिड डे मील (प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना) में सुरक्षा, स्वच्छता एवं गुणवत्ता मानकों का सख्ती से पालन होगा। इसमें किसी प्रकार की कोताही बरते जाने पर जिम्मेदार लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई होगी। बच्चों को भोजन परोसने से आधा घंटे पहले उसे प्रधानाध्यापक, शिक्षक व रसोइया द्वारा चखा जाएगा।

खाद्य सामग्री, तेल व मसाले आदि क्रय में सावधानी बरतने की हिदायत

नये निर्देश के मुताबिक राज्य खाद्य निगम से उपलब्ध अनाज का सुरक्षित भंडारण के अतिरिक्त सरसों तेल, रिफाइंड, हल्दी, नमक (आयोडीन युक्त) आदि डिब्बाबंद एवं गुणवत्तापूर्ण क्रय करना अनिवार्य है। हरी सब्जी, आलू, चना, सोयाबीन, दाल को फंगसरहित होना चाहिए। पुराने, खराब व खुले तेल व रिफाइंड का इस्तेमाल पर पाबंदी होगा। भोजन बनाने से लेकर उसे परोसने में साफ-सफाई के गाइडलाइन का सख्ती से पालन अनिवार्य होगा। बच्चों को भोजन से पहले साबुन से धुलवाना जरूरी होगा। प्रत्येक विद्यालय में सुरक्षा व प्राथमिक उपचार की व्यवस्था के लिए फर्स्‍ट एड बाक्स रखना अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें लापरवाही बरतने पर कार्रवाई भी हो सकती है।

सरकार के फैसले से जुड़ी प्रमुख बातें

  • मिड डे मील में सुरक्षा, गुणवत्ता मानकों का सख्ती से होगा पालन
  • नए साल में 72 हजार सरकारी स्कूलों में मिलेगा दोपहर का भोजन
  • बच्चों को गरमागरम भोजन परोसने की तैयारी में जुटा शिक्षा विभाग
  • भोजन परोसने के 30 मिनट पहले उसे टेस्‍ट करना होगा जरूरी
  • प्रधानाध्यापक, शिक्षक व रसोइया चखकर देखेंगे भोजन
  • हर विद्यालय में फर्स्‍ट एड बाक्स रखना अनिवार्य
  • शिक्षा विभाग की ओर से सभी डीईओ एवं डीपीओ को दिए गए निर्देश

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