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शिक्षक पर कार्रवाई की राजद ने की निंदा

 कटिहार। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन के हवाले से राजद नेता मनोज प्रभाकर ने शिक्षक के ऊपर कार्रवाई को लेकर सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया है। सरकार के इस कदम को तानाशाही और तुगलकी

फरमान बताते हुए तीखी आलोचना की है। साथ ही चेतावनी दी है कि सरकार यदि शिक्षकों को प्रताड़ित और अपमानित करने के अपने रवैये में बदलाव नहीं लाती है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने बताया कि शिक्षक को राष्ट्र का निर्माता कहा जाता है। वर्तमान सरकार उसे प्रताड़ित करने का बहाना ढूंढती है। जिसका ज्वलंत उदाहरण जिले के कदवा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय कांताडीह के प्रधान शिक्षक तमीजुद्दीन के खिलाफ की गयी निलम्बन की कार्रवाई है। शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सह निदेशक मध्याह्न भोजन योजना सतीशचन्द्र झा द्वारा सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को जुलाई 2021 के माध्यम से निर्देश दिया गया था कि मध्याह्न भोजन वाले बोरों को दस रुपये प्रति बोरा बेचकर प्राप्त होनेवाली राशि को सरकारी कोष में जमा करें। साथ ही यह भी आदेश दिया गया था कि जो शिक्षक बोरा नहीं बेचेंगे उनका वेतन रोक दिया जायेगा। ऐसी स्थिति में फिक्स्ड रेट पर बोरा बेचना शिक्षकों की मजबूरी है। इस परिस्थिति में यदि कोई शिक्षक बोरा बेच रहा है और इसे अपराध मानकर उसके खिलाफ कार्रवाई घोर अन्याय ही नहीं बल्कि जघन्य अपराध के समान है।

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