शिक्षक नियोजन की पूरी प्रक्रिया रही संदेह के घेरे में
5 जुलाई से शुरू हुई काउंसिलिंग से अब तक लग रहा आरोप
नियोजन के बाद से अब तक लगातार आ रहे शिकायत के आवेदन
शिकायतों को गंभीरता से ले डीईओ ने कई नियोजन को कर दिया था रद्द
उसके बाद हर दिन काउंसिलिंग में डीईओ खुद करते रहे मॉनेटरिंग
बिहारशरीफ। हिन्दुस्तान संवाददाता
जिले में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया पांच जुलाई से शुरू हुई है। उसके बाद नियोजन से संबंधित इतनी शिकायतें और आवेदन आए हैं कि पूरी शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया संदेह के घेरे में आ गई। अधिक शिकायतें मिलने के बाद इस मामले को डीईओ केशव प्रसाद ने गंभीरता से लेते हुए कमान अपने हाथ में ले ली और काउंसिलिंग के लिए डीआरसीसी का चयन किया। वहां की काउंसिलिंग में गड़बड़ी की शिकायतें नहीं मिलीं। लेकिन, बिहारशरीफ के कन्या मध्य विद्यालय व आवासीय मॉडल विद्यालय में नियोजन के दौरान फिर से गड़बड़ी और शिकायतें आने लगीं। हालांकि, हर दिन काउंसिलिंग में डीईओ खुद मॉनेटरिंग करते रहे। लेकिन, विभागीय सूत्रों का कहना कि बहुत सारे नियोजन इकाई डीईओ की बात पर ध्यान ही नहीं देते थे। इस कारण गड़बड़ी की शिकायतें अधिक आईं।
हालांकि, अधिक शिकायत मिलने के बाद डीईओ ने कई नियोजन की बहाली का रद्द भी कर दी। बावजूद नियोजन में गड़बड़ी की शिकायतें आईं। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को हुए नियोजन में हिलसा नियोजन इकाई में रात करीब आठ बजे के बाद दिव्यांग व अन्य आरक्षित पदों पर बहाली की गई। जबकि, अन्य नियोजन इकाइयों में सबसे पहले आरक्षित सीटों पर ही नियोजन की प्रक्रिया पूरी की गई। हालांकि, कुछ कर्मियों का यह भी कहना है कि अगर धांधली होती तो इतने बड़े पैमाने पर पद खाली नहीं होते।
कहां कितने पदों पर हुई बहाली और कितने रह गए खाली:
प्रखंड सामान्य (खाली) उर्दू (खाली)
अस्थावां 00 20
बेन एक 15
बिहारशरीफ एक 24
बिन्द सात सात
चंडी 6 12
एकंगरसराय पांच 3
गिरियक आठ 7
हरनौत चार 23
इस्लामपुर 11 14
कतरीसराय तीन तीन
नगनौसा एक चार
नूरसराय 2 6
परवलपुर आठ आठ
राजगीर 9 तीन
सरमेरा तीन 10
सिलाव 15 सात
थरथरी तीन सात