करायपरसुराय व हिलसा इकाइयों का नियोजन रद्द, थरथरी में दोबारा हुआ नियोजन
अंधेरा शुरू होते ही बढ़ी धांधली, डीएम का घनघनाने लगा मोबाइल
अधिकतर नियोजन इकाइयों पर लगा गड़बड़ी का आरोप, कई नियोजन इकाइयों ने नहीं सौंपी पूरी रिपोर्ट
बिहारशरीफ के मॉडल व कन्या मध्य विद्यालय में हुई काउंसिलिंग
पहली से पांचवी तक के 906 पदों पर होना था नियोजन
बिहारशरीफ। हिन्दुस्तान संवाददाता
जिला मुख्यालय में हो रहे शिक्षक नियोजन का काम मंगलवार की आधी रात तक चला। कुल 906 पदों पर नियोजन होने के कारण कई अधिकारियों व कर्मियों को घर पहुंचते-पहुंचते रात के करीब दो बज गए थे। इस दौरान गड़बड़ी की शिकायत पर करायपरसुराय व हिलसा का नियोजन रद्द कर दिया गया। जबकि, अत्यधिक धांधली के कारण थरथरी में दोबारा नियोजन कराया गया। कई नियोजन केन्द्रों में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर पुलिस को बुलानी पड़ी। तब जाकर मामला शांत हुआ। इस मामले में सूत्रों का कहना है कि शुरू में सभी नियोजन इकाइयों में धीरे-धीरे काउंसिलिंग का काम हुआ। लेकिन, अंधेरा छाते ही धांधली शुरू हो गई। उसके बाद जैसे-जैसे मामला तूल पकड़ने लगा, वैसे-वैसे अभ्यर्थी डीएम को फोन करने लगे।
गोपनीय से बार-बार फोन आने के बाद मामला बहुत हद तक शांत हुआ। इस दौरान, अधिकतर नियोजन इकाइयों पर गड़बड़ी का आरोप लगा। जबकि, कई नियोजन इकाइयों के संबंधित अधिकारियों ने काउंसिलिंग की पूरी रिपोर्ट विभाग को नहीं सौंपी। रिपोर्ट में अधूरी जानकारी दी गयी है। रिपोर्ट को देखकर विभाग के अधिकारी भी परेशान हैं कि आखिर इतने में किसका नियोजन हुआ। आधी-अधूरी रिपोर्ट के कारण चयनित अभ्यर्थियों की सूची भी एनआईसी की वेबसाइट पर भी अपलोड नहीं की जा सकी है। नियोजन की प्रक्रिया बिहारशरीफ के मॉडल व कन्या मध्य विद्यालय में की गई। पहली से पांचवी तक के लिए कुल 906 पदों पर नियोजन हो रहा था।
करीब 60 प्रतिशत पद रह गए खाली:
पहली से पांचवीं तक के लिए हो रहे 19 प्रखंडों के नियोजन में कुल 906 पदों पर बहाली होनी थी। इनमें सामान्य के लिए 729 और उर्दू विषय के लिए 177 पद खाली थे। इतनी देर तक चली काउंसिलिंग के बाद भी दोनों को मिलाकर 423 पद खाली रह गए। जबकि, करायपरसुराय और हिलसा को मिलाकर 116 पदों की बहाली रद्दी कर दी गई। इस प्रकारण 906 में से 539 पदों पर नियोजन नहीं हो सका।