अकबरनगर। सुल्तानगंज प्रखंड के अंतर्गत अकबरनगर के श्रीरामपुर मध्य विद्यालय में शिक्षकों की कमी है। वर्तमान में नौवीं कक्षा में कुल 75 बच्चे अध्ययनरत हैं। मौके पर मध्य विद्यालय की कक्षा पहली से 8वीं तक के करीब पांच सौ बच्चों पर मात्र 6 शिक्षक दिखे। वहीं नौंवी कक्षा के बच्चों के लिए एक भी शिक्षक नजर नहीं आया। आसपास के बच्चे रोज स्कूल पहुंचते हैं, ताकि किसी न किसी दिन शिक्षक आएंगे व बच्चों को पढ़ाएंगे।
उत्क्रमित माध्यमिक स्कूलों के लिए सरकार ने पांच शिक्षक एवं एक हेडमास्टर का पद तो स्वीकृत कर दिया पर अब तक उनकी बहाली नहीं हो पाई है। ऐसे में स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को पढ़ाने की जिम्मेदारी मिडिल स्कूल के शिक्षकों पर ही टिकी हुई है। विषयवार शिक्षकों के नहीं होने से यहां के छात्रों की पढ़ाई भी भगवान भरोसे चल रही है। छात्र-छात्राओं का भविष्य कैसे इन स्कूलों में संवारा जा रहा इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
अकबरनगर पंचायत अंतर्गत कन्या मध्य विद्यालय श्रीरामपुर को प्रोन्नत करते हुए उच्च माध्यमिक विद्यालय का दर्जा दिया गया, परंतु बच्चों को पढ़ाने हेतु विभागीय निर्देशानुसार एक भी शिक्षक का प्रतिनियुक्त नहीं किया गया है। ऐसे में लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
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कोट उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। पूर्व में भी शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी, लेकिन ग्रेजुएट नहीं होने के कारण पुन: मिडिल स्कुल में नियुक्त किए गए। बच्चों का पठन-पाठन प्रभावित न हो इसके लिए फिलहाल तीन शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।
संजय कुमार, डीईओ
------- शिक्षकों के प्रतिनियोजित करने के संबंध में प्रतिवेदन जिला एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी को संप्रेषित किया गया, परंतु अब तक एक भी शिक्षक की प्रतिनियुक्ति नहीं की गई। इससे बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है।
मृत्युंजय कुमार, प्रधानाध्यापक