दरभंगा। सरकारी विद्यालयों से फर्जी शिक्षकों को हटाने की सरकारी कोशिश कतिपय विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण नाकाम साबित हो रही है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के अधिकारियों ने जिला शिक्षा
पदाधिकारी को हड़काया। फर्जी शिक्षकों की सूची मांगी। प्रत्येक पंचायत से रोस्टर , अंक पत्र , प्रमाण पत्र और मेधा सूची की मांग की गई। कुछ नहीं तो नियोजित किए गए पंचायत शिक्षकों का नियोजन फोल्डर मांगा गया । लेकिन, स्थिति जस की तस बनी हुई है। हद तो तब हो गई जब बहादुरपुर की वाजितपुर पंचायत में अपीलीय नियोजन प्राधिकार के आदेश की आड़ में बहाल सहायक शिक्षकों को बर्खास्त कर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अलीनगर मोहीउद्दीनपुर पखड़ी पंचायत में इंटर के फर्जी अंक पत्र पर नियोजित शिक्षक ने उसी पंचायत के कटहा उत्क्रमित मध्य विद्यालय में अपना प्रतिनियोजन करा कर अपना स्कूल ही बदल दिया।डीईओ के आदेश पर रद हुआ प्रतिनियोजन फिर भी जमे हैं शिक्षक
हालांकि जिला शिक्षा पदाधिकारी के आदेश पर जिले में सभी स्तर से किए गए प्रतिनियोजन को निरस्त कर दिया गया। सारे प्रतिनियोजित शिक्षक अपने अपने मूल विद्यालय लौट गए। लेकिन, वह शिक्षक आज भी प्रतिनियोजन पर है । इसका स्पष्ट अर्थ है कि ना केवल उसके अवैध नियोजन को पदाधिकारियों का संरक्षण मिला हुआ है बल्कि प्रतिनियोजन पर पर्दा डाल दिया गया है । शिक्षा विभाग का स्थापना कार्यालय भी ऐसे फर्जी ढंग से बहाल किए गए एक हजार से अधिक प्रारंभिक शिक्षकों के प्रति आंख मूंद कर बैठा हुआ है। 2008 की मेधा सूची की अनदेखी कर चहेतों की हुई नियुक्ति
बताया जा रहा है कि पहले बहादुरपुर की पंचायतों में शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार के आदेश की आड़ में बड़े पैमाने पर फर्जी नियोजन का गोरखधंधा चला। इसी क्रम में वाजितपुर पंचायत में एक दर्जन शिक्षकों के नियोजन का मामला जिला पदाधिकारी के यहां पहुंचा उन्होंने तत्कालीन जिला पंचायत राज्य पदाधिकारी शत्रुघन कामती से वाजितपुर पंचायत में कथित रूप से अपीलीय प्राधिकार की आड़ में या उसके आदेश में हर फेर कर के किए गए नियोजन की जांच करवाई। जांच प्रतिवेदन में आया कि 2008 की मेधा सूची और रोस्टर की अनदेखी कर अपने चहेतों को बहाल किया गया है । जांच प्रतिवेदन के आधार पर डीएम ने डीईओ को ऐसे शिक्षकों को तुरंत बर्खास्त कर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया था। लेकिन शिक्षक नियोजन समिति के नाम पर उस आदेश को भी दबा दिया गया । अब तो इस मामले में कहीं कहीं उच्च न्यायालय के आदेश की आड़ भी ली जा रही है।
डीपीओ ने कहा- फोल्डर नहीं जमा होने पर नियोजन होगा निरस्त :
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) विजय चंद भगत ऐसा नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि फर्जी ढंग से बहाल किए गए शिक्षकों के फोल्डर नहीं जमा करने वाले पंचायत सचिव के विरुद्ध जिला पदाधिकारी के आदेश पर प्राथमिक तक दर्ज करा दी गई। बावजूद इसके फोल्डर उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। अब तो हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने दबिश बढ़ा दी है। ऐसे शिक्षकों को स्वयं अपना नियोजन फोल्डर जमा करना होगा, नहीं तो उनका नियोजन निरस्त कर दिया जाएगा।